Wednesday 08 May 2024 05:03 PM IST : By Pariva Sinha

Man vs. Bear : महिलाएं पुरुषों के मुकाबले भालू के साथ खुद को महफूज मानती हैं

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सोशल मीडिया पर चली बहस ट्रेंड कर रही हैं। वुमन सेफ्टी के मुददे पर चला यह सवाल कई महिलाओं से पूछा गया। सवाल अपने आप में ही सोच में डाल देने वाला है और जवाब खुद से सवाल पूछने पर मजबूर कर देगा।

"अगर आपको जंगल में अकेला छोड़ दिया जाए तो आप किसके साथ रहना पसंद करेंगी पुरुष या भालू?"

जवाब कुछ इस तरह थे...

कम से कम भालू के किए हमले लोग सच मानेंगे।

किसी के आसपास होने से भालू अपना व्यवहार नहीं बदल लेता है।

पुरुष कितने भी अच्छे हो उनके इरादे कभी साफ नहीं होते लेकिन एक भालू का इरादा हमेशा साफ ही होता है।

भालू पुरुषों से अलग है, वह कभी भी लस्ट, कंट्रोल या पावर के लिए हमला नहीं करता, उसका हमला करने का कारण सिर्फ खुद का बचाव होता है।

भालू हमला करने के पहले मेरा दोस्त बनने का नाटक नहीं करेगा।

मुझ पर भालू के हमले का शिकार होने पर कोई ये नहीं कहेगा कि, मैने उसे उकसाया होगा, मेरे चालचलन के कारण मुझ पर हमला हुआ या मुझे ही भालू का हमला करना पसंद आया होगा।

इस सवाल के जवाब पढ़ने के बाद आप भी बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हो गए होंगे। क्या वजह है कि किसी पुरुष को छोड़ कर महिलाएं एक बड़े से जंगली जानवर के साथ जंगल में महफूज महसूस करेंगी?

महिलाओं की सेफ्टी को लेकर उनके मानसिक हालात को समझने के लिए उठाए गए इस सवाल में पुरुषों और भालू जैसे जानवर को एक साथ रखना मात्र एक उदाहरण है और इसका लक्ष्य सभी पुरुषों को गलत दिखाना नहीं है। लेकिन इस सवाल ने बहुत कड़वी सचाई को बेपर्दा किया है। आज भी ऐसी महिलाओं की तादाद बहुत ज्यादा है, जो घर और बाहर दोनों जगहों पर पुरुषों की ज्यादतियों की शिकार हो रही हैं। यही नहीं बहुत से केसेज में ऐसे अनुभव अनदेखे और अनसुने कर दिए जाते हैं।

इस सवाल के साथ एक रिसर्च भी दी गयी है जिसके मुताबिक हर साल भालुओं द्वारा किए जाने वाले हमलों की शिकार महिलाओं की संख्या थी 40 जबकि हर साल पुरुषों द्वारा 69,600 महिलाओं की हत्या की गयी।

इस चर्चा के शुरू होने से मालूम पड़ा है कि पुरुषों के साथ जगंल में अकेले छोड़ दिए जाने का डर भालू के साथ अकेले रहने से भी बड़ा है।

देखा जाए तो कल्पना में भी महिलाओं ने पुरुषों के बदले भालू के साथ अकेला रहना इसलिए चुना क्योंकि भालू के साथ अकेले होने पर दो ही नतीजे होंगे या तो वो उन्हें अकेला छोड़ देगा या शिकार कर लेगा। लेकिन पुरुष जब महिला के साथ जंगल में अकेला हो तो वह उसके साथ बहुत कुछ कर सकता है यानी कई तरह से हानि पहुंचा सकता है।।

हैरान करने वाली बात है कि यही सवाल महिलाओं के अलावा एक छोटी बच्ची के पिता से भी पूछा गया लेकिन थोड़े फेरबदल के साथ। उनसे पहले पूछा गया कि वह अपनी छोटी बच्ची के किसी महिला और भालू में से किस के साथ जंगल में अकेला छोड़ सकते हैं तरे उन्होंने बेझिझक महिला को चुना। लेकिन इसी सवाल में जब पूछा गया पुरुष या भालू तो वह सोच में पड़ कर बोले भालू।

महिलाओं के जवाबों ने सभी को यह सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है कि क्या वजह है कि इतनी सारी महिलाओं ने खुद को जंगल में पुरुषों के बदले भालू के साथ महफूज माना। क्या वाकई महिलाएं पुरुषों के बीच खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं? उन पर भरोसा नहीं करतीं? इतना ही नहीं जिस तरह के जवाब महिलाओं ने दिए हैं, उनसे तो यह भी पता चलता है कि ना सिर्फ पुरुषों बल्कि न्याय व्यवस्था पर भी इन्हें भरोसा नहीं है, जो वाकई चिंताजनक स्थिति है।

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