Saturday 30 October 2021 04:21 PM IST : By Team Vanita

खुशहाली के लिए दीवाली पर घर ले आएं श्रीयंत्र और इस मंत्र का करें जाप

shree-yantra

यंत्रों में सबसे अधिक चमत्कारिक और शीघ्र असर दिखाने वाला सर्वश्रेष्ठ यंत्र श्रीयंत्र माना जाता है। कलियुग में श्रीयंत्र कामधेनु के समान है। इसकी पूजा सिद्ध होने पर सभी प्रकार की श्री अर्थात चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है, इसलिए इसे यंत्रों का राजा कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार जितने भी यंत्र हैं, उनकी उत्पत्ति इसी यंत्र से हुई है। इसे महालक्ष्मी यंत्र भी माना जाता है। श्रीयंत्र की आराधना कभी निष्फल नहीं होती।

वेदों के अनुसार श्रीयंत्र में 33 करोड़ देवताओं का वास है। इसमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति का प्रदर्शन किया गया है। जिस प्रकार मंत्रों की शक्ति उनके शब्दों में होती है, ठीक उसी तरह श्रीयंत्र की शक्ति उसकी रेखाओं और बिंदुओं में है। श्रीयंत्र को कई व्यक्ति ज्योमेट्री की एक जटिल आकृति से अधिक कुछ नहीं समझते। ध्यान से देखा जाए, तो इस आकृति में दो त्रिकोण बने हुए हैं। एक भगवान शिव का रूप है, तो दूसरा शक्ति का रूप है। दोनों एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं। श्रीयंत्र की पूजा से व्यक्ति दोनों को ही पाने की क्षमता रखता है। 

वास्तु दोष दूर करें 

वास्तु शास्त्र में भी इस श्रीयंत्र का अत्यधिक महत्व है। जिस घर में कलह रहती है, दांपत्य जीवन अच्छा नहीं है या आर्थिक परेशानियां हैं, तो पूजा घर में श्रीयंत्र की स्थापना कर इसकी पूजा करनी चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार इससे सुख, समृद्धि, मान, यश, धन आदि की प्राप्ति होती है। रुके व बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। व्यापार की रुकावट खत्म होती है। जन्मकुंडली में मौजूद विभिन्न कुयोग श्रीयंत्र की पूजा से दूर होते हैं। 

अलग-अलग धातुओं के श्रीयंत्र से अलग-अलग फायदा होता है।

पारे का श्रीयंत्र रखने से सिद्धि व लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

अष्टधातु का श्रीयंत्र रखने से पारिवारिक सुख मिलता है और धन लाभ होता है। 

स्फटिक श्रीयंत्र रखने से शांति, ज्ञान और समृद्धि मिलती है।

स्वर्ण श्रीयंत्र रखने से धन की कामना की पूर्ति होती है।

किसी को दान या गिफ्ट के तौर पर श्रीयंत्र देना चाहते हैं, तो चांदी का श्रीयंत्र दे सकते हैं। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन श्रीयंत्र के दर्शन और पूजन से ही इसकी अदभुत शक्तियों का लाभ मिलता है। नियमित रूप से मां महालक्ष्मी का मंत्र जाप करने और शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी और श्रीयंत्र का पूजन करने से धन प्राप्ति होती है। 

आचार्य प्रभाकर मिश्रा बताते हैं कि पूजा घर में श्रीयंत्र एक लाल रंग के कपड़े पर रखें और उसके एक तरफ जल का कलश रखें। रोज श्रीयंत्र पर श्री यानी मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप करते हुए कुमकुम व केसरयुक्त चंदन चढ़ाएं। विधि विधान से 11 दिन पूजा करने के बाद तिजोरी में एक लाल कपड़े पर रखें। ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में या तिजोरी में श्रीयंत्र रहता है, वहां मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। 

देवी लक्ष्मी का बीज मंत्र

ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं ऊं महा लक्ष्म्ये नमः। यह श्रीयंत्र का मूल मंत्र है। अपनी किसी भी अभीष्ट सिद्धि के लिए इस मंत्र की एक माला का जाप रोज करना चाहिए।