Wednesday 31 March 2021 02:38 PM IST : By Ruby Mohanty

मस्टरबेशन क्यों बुरा नहीं

masturbation

हिंदी में डब्ड वेबसीरीज ब्रिस्टन के एक सीन में हीरो शादी से पहले अपनी गर्लफ्रेंड का ध्यान सेक्स की इच्छा की ओर आकर्षित करते हुए पूछता है, ‘‘क्या उसे अपने शरीर से प्यार है? रात को क्या कभी उसने खुद को अकेले में प्यार से स्पर्श किया है? अगर नहीं, तो एक बार खुद से प्यार करके देखे। अकेले में अपने शरीर को खुद से किए गए स्पर्श के बारे में वह क्या सोचती है और उसे कैसा लगा, इस अनुभव को उसे बताए।’’ दर्शकों को बहुत सहजता के साथ मस्टरबेशन और सेक्स सुख के संबंध को खूबसूरती के साथ समझाया गया है। मस्टरबेशन सिर्फ पुरुष के सुख की बात नहीं, स्त्री सुख की भी बात है।

दरअसल, सेक्स के बारे में तो सभी बात करते हैं, पर ‘मस्टरबेशन’ शब्द से झेंप जाते हैं, जबकि सेक्सोलॉजिस्ट इसे सेल्फ सेक्सुअल सैटिस्फेक्शन का सबसे सुरक्षित जरिया मानते हैं। यह सिर्फ प्राइवेट पार्ट को सेक्सुअल संतुष्टि के लिए उत्तेजित या स्टिम्यूलेट करना ही तो है।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रॉयड व सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी भी हस्तमैथुन के फायदों से सहमत हैं। वे मानते हैं मैस्टरबेशन स्ट्रेस को दूर करता है, माइंड को रिलैक्स करता है व कई यौन रोगों से बचाए रखता है। विदेशी मनोवैज्ञानिक मास्टर्स एंड जॉनसन भी इसे उन पुरुषों के लिए फायदेमंद बताते हैं, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से परेशान हैं। इस क्रिया को सहजता से स्वीकार करने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि मस्टरबेशन क्या है, यह कौन करते हैं और कब यह आदत समस्या बन जाती है। पुरुष और स्त्री के लिए मस्टरबेशन की प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं। जो भी मस्टरबेशन का सुख लेते हैं, वे अकसर इस डर से भी गुजरते हैं कि आने वाले समय में मस्टरबेशन की आदत उनकी मैरिड लाइफ के लिए बड़ी समस्या ना बन जाए।

क्यों स्वीकार्य नहीं

समाज में पुरुषों द्वारा मस्टरबेशन किया जाना जितना सहज और स्वीकार्य है, उतना स्त्रियों के लिए नहीं है। डॉ. प्रकृति पोद्दार के अनुसार, ‘‘हमारे समाज में मस्टरबेशन को ले कर बड़ा स्टिग्मा है। यह व्यक्तित्व पर एक दाग की तरह देखा जाता है। इस शब्द को ही गलत या अश्लील माना जाता है। यही वजह है कि स्त्रियां इसे ले कर अपराधबोध महसूस करती हैं। महिलाओं में मस्टरबेशन को ले कर दुख की बात यह है कि उन्हें शुरू से बताया जाता है कि सेक्स, हस्तमैथुन जैसी बातें पुरुष के लिए हैं। इसीलिए बचपन में अगर कोई कम उम्र की लड़की अपने अंगों को छूती है, तो मां या घर की बड़ी स्त्री उसे मना कर देती है। यही मनाही उसे आगे चल कर सेक्स में पहल, अपनी इच्छा और अनिच्छा जाहिर करने में पीछे धकेलती है। लेकिन सवाल यह है कि खुद को छूने और खुश करने में शरम कैसी और इसमें गंदी बात कब और कहां से आ सकती है?’’

परिस्थितियां और शुुरुआत

मस्टरबेशन के लिए किसी खास परिस्थिति की जरूरत नहीं होती। टीनएज के दौरान शरीर में आ रहे परिवर्तन, उसकी वजह, उत्तेजना को ले कर उठती तरंगें, इच्छा और उत्सुकता लड़के और लड़की दोनों में आत्मरति यानी हस्थमैथुन को ले कर रुझान पैदा करते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स द्वारा किए हाल के शोध के मुताबिक 14-17 साल की उम्र के 80 प्रतिशत लड़के और 48 प्रतिशत लड़कियों ने स्वीकारा कि वे मस्टरबेट करते हैं। इनमें से कुछ युवाओं ने बताया कि वे सालभर में सिर्फ एक-दो बार यह सुख लेते हैं, जबकि कुछ युवा दिन में एक से दो बार हस्तमैथुन करते हैं।

इस विषय में लड़के और लड़की दोनों की परिस्थितियां अलग होती हैं। लड़के बहुत बेबाकी से मस्टरबेशन के बारे में बात करते हैं और बहुत आसानी से अनुभव शेअर कर लेते हैं, जबकि आज भी लड़कियां अपने अनुभव शेअर करना तो दूर की बात है, इस पर बात करने से हिचकती हैं। लेकिन सच तो यह है कि स्त्री अपने यौन सुख को ले कर सजग हुई है, इसीलिए मस्टरबेशन के लिए कई तरह की सेक्स एक्सेसरीज बाजार में उपलब्ध होने लगी हैं।

क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अनुजा कपूर के मुताबिक, ‘‘यह हेल्दी प्रोसेस है। इससे वेजाइना स्ट्रॉन्ग और हेल्दी बनती है। मस्टरबेशन व्यक्ति को स्ट्रेस से दूर रखता है। पूरी बॉडी रिजुविनेट होती है। जैसे मुंह में सलाइवा रहना जरूरी है, वैसे मस्टरबेशन भी करना जरूरी है। वेजाइना में वेटनेस या नमी का कायम रहना स्त्री स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

‘‘महिलाओं को फ्लोर एक्सरसाइज या योग भी करना चाहिए, इससे पेल्विक एरिया मजबूत होता है और बड़ी उम्र तक वेजाइना की टाइटनेस बनी रहती है। योग करने से बेबी बर्थ के बाद वेजाइना अपनी पोजिशन में वापस आ जाती है। शरीर का ढीलापन दूर होता है। बड़ी संख्या में महिलाएं यूटीआई से परेशान रहती हैं, क्योंकि उनको वेजाइना के ‘नेचुरल वॉश’ का पता ही नहीं होता। जो शादीशुदा हैं, उन्हें भी अपना पर्सनल स्पेस पता होना चाहिए। वे भी अपनी संतुष्टि के लिए मस्टरबेशन कर सकती हैं। इतना ही नहीं मर्द को भी मस्टरबेशन करने के लिए स्त्री से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है।’’

क्या यह सुरक्षित है

ऑस्ट्रेलिया में मस्टरबेशन पर हुए एक सर्वे के नतीजे बताते हैं कि पिछले साल 72 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई पुरुष और 42 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं ने मस्टरबेशन का सुख लिया। इसका आनंद लेने वाले सिर्फ एक ही उम्र, वर्ग और पीढ़ी के पुरुष नहीं, बल्कि हर उम्र और वर्ग के लोग शामिल थे। इन दिनों मस्टरबेशन करने वाली युवतियों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि मस्टरबेशन सभी लोगों के लिए जरूरी है और इसे नहीं करने पर यह असामान्य बात होगी। उन लोगों की संख्या भी काफी है, जिन्हें हस्तमैथुन में कोई रुचि नहीं।

यह क्यों सही है

किसी भी सूरत में हस्तमैथुन सेक्स लाइफ को हानि नहीं पहुंचता है। दरअसल, तन की उत्तेजना पार्टनर के बिना भी महसूस करने का यह एक सेफ और हेल्दी ऑप्शन है। यह उन उपायों में से खास है, जो गर्भधारण व यौनजनित रोगों से बचने के लिए अपनाए जाते हैं। साइकोलॉजिस्ट अनुजा कपूर के अनुसार, ‘‘यदि हस्तमैथुन ना किया जाए, तो यौन अपराधों की संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी। आमतौर पर लोगों की यह धारणा है कि हस्तमैथुन गंदी बात है। इसे करने पर आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं और इन्फर्टिलिटी की परेशानी हो जाती है।’’

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समस्या यह है कि कई लोगों को इसके बारे में यह नहीं मालूम है कि यह तन की खुशी है। इस पर सही जानकारी रखनेवाले बहुत कम हैं। ज्यादातर लोग इसे शरीर में कमजोरी के साथ जोड़ कर देखते हैं। डॉ. प्रकाश कोठारी का कहना है कि सचाई यह है कि हस्तमैथुन किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है। इससे तन से जुड़े सुख का अंदाजा होता है, सेक्सुअल टेंशन कम होती हैं, दिमाग रिलैक्स होता है, नींद अच्छी आती है व मूड इंप्रूव होता है। यही नहीं, स्त्रियों में पीरियड्स के दौरान पेट दर्द दूर होता है। प्रेगनेंसी का रिस्क भी नहीं होता। पर हस्तमैथुन से जुड़े मिथ अकसर हताश करते हैं।

कब बनती है समस्या

दिल्ली के मनोचिकित्सक अनुनीत सभरवाल के मुताबिक, ‘‘स्त्री की तुलना में पुरुषों की गिनती ज्यादा है। अगर युवक या युवती दिन में एक बार मस्टरबेशन करते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं। मस्टरबेशन करके बॉडी और माइंड को रिलैक्स रखने तक की बात ठीक है, पर यह जब जरूरत से ज्यादा होने लगे, तब यह परेशानी का सबब बन सकता है और कंपल्सिव मस्टरबेशन का रूप ले सकता है, जो निश्चित रूप से गंभीर स्थिति है। इतना ही नहीं हस्तमैथुन के दौरान किसी बाहरी ऑब्जेक्ट का इस्तेमाल करना भी खरतनाक है। इससे प्राइवेट पार्ट्स में सूजन या चोट लगती है। एक्सपेरिमेंट के लिए जब युवा अपना मस्टरबेशन का वीडियो वायरल कर दे, तब भी यह परेशानी की बात है। इस स्थिति को कंपल्सिव डिस्ऑर्डर कहा जाता है। इस मानसिक विकार को मनोचिकित्सक की सहायता से दूर किया जा सकता है।’’ मस्टरबेशन शरीर की उत्तेजना और उससे जुड़ी संतुष्टि से रूबरू कराता है। इससे वैवाहिक जिदंगी में कोई बुरा असर नहीं होता। साथी अगर मस्टरबेशन का अनुभव एक-दूसरे से शेअर करें और सेक्स में अपनी पसंद-नापसंद के बारे में बताएं, तो क्लाइमेक्स आसान हो जाता है। अगर कोई शादी के बाद मस्टरबेशन में ज्यादा समय बिताता है, तो उसे यह कम करना चाहिए, ताकि वह अपनी सेक्सुअल लाइफ पर फोकस कर सके। ऐसे में मनोचिकित्सक से सलाह लें।