Thursday 03 June 2021 12:40 PM IST : By Nishtha Gandhi

कोरोना से कैसे बचाएं बच्चों को

child-covid Image By Leo Foentes at Pixabay.com

कोविड की दूसरी लहर ने बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रखा है। बच्चों में कोरोना के हल्के से लेकर गंभीर तक लक्षण दिखायी दे रहे हैं। कुछ केसेज में बच्चों को भी हॉस्पिटल में एडमिट करवाने की नौबत आ रही है। यूके में हुए एक अध्ययन के मुताबिक 13 से 17 प्रतिशत बच्चों में कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद भी कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स को यह भी डर है कि इसकी वजह से बच्चों की सेहत पर लंबे समय तक नुकसान हो सकता है। यही नहीं कोरोना ठीक होने के बाद भी खासकर बच्चों में कुछ असर देखा जा रहा है, जिनमें प्रमुख है

थकान व कमजोरी होनाः कोरोना ठीक होने के बाद ज्यादातर लोग बहुत कमजोरी महसूस करने की शिकायत करते हैं। इसकी वजह से वे रोजमर्रा के काम करने में भी खुद को असमर्थ पाते हैं। हालिया रिसर्च में यह पाया गया है कि बच्चों में भी रिकवरी के बाद थकान, जोड़ों में दर्द] थाईज] सिर व हाथ पैरों मे दर्द की शिकायतें मिल रही हैं। ये लक्षण 5 महीने तक रह सकते हैं। बेहद छोटे बच्चों में कान में दर्द] आंखें कमजोर होना] और टेस्ट और स्मेल में लंबे समय तक कमी भी देखने को मिल रही है।

चिड़चिड़ापन और पेट की समस्याः मूड स्विंग्स, याददाश्त में कमी, चिड़चिड़ापन बच्चों में देखी जा रही है एक और बड़ी समस्या है। कुछ बच्चों में स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण भी देखने का मिले हैं। बच्चों में कोविड के दौरान पेट में इन्फेक्शन की शिकायतें भी पायी गयीं। कुछ बच्चों में कोरोना ठीक होने के बाद पेट दर्द, पेट खराब होना, कमजोर डाइजेशन जैसी तकलीफें पायी गयीं।

गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल में हेड ऑफ पीडियाट्रीशियन डिपार्टमेंट  डाॅक्टर  के अनुसार कोरोना वायरस अब बच्चों में असर कर रहा है यह नवजात शिशु से ले कर 18 साल तक के बच्चों में असर कर रहा है। चूंकि इस बार टेस्ट ज्यादा हो रहे हैं] इसलिए हमें इसका पता चल पा रहा है। ज्यादातर बच्चों में कोरोना एसिम्प्टोमैटिक है यानी इसके कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते या फिर बहुत हल्के लक्षण होते हैं। कुछेक केसेज में ही हमें गंभीर स्थिति देखने को मिली है। फिर भी हमें इस बात का ध्यान रखना है कि जहां तक हो सके बच्चों को कोरोना से बचाना है।

घर में किसी को कोरोना हो जाए, तो बच्चों केा कैसे बचाया जाए

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उनकी डाइट पर ध्यान दें, उन्हें ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां और फल खाने की आदत डालें। उन्हें फिजिकल एक्टिविटी को भी बढ़ावा दें। कोशिश करें कि बच्चे पार्क में या प्लेग्राउंड में जा कर खेलें। जो बच्चे सिर्फ घर में बैठ कर मोबाइल में लगे रहते हैं और ज्यादा जंक फूड खाते हैं, उनकी इम्यूनिटी दूसरे बच्चों के मुकाबले कम होती है। यह ना भूलें कि इम्यूनिटी रातोंरात नहीं बढ़ती, जो बच्चे शुरू से बैलेंस्ड डाइट लेते हैं और फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, वही आगे चल कर उनकी मदद करते हैं। बच्चों को सभी जरूरी वैक्सीन लगवाने भी बहुत जरूरी है। इसे कभी मिस नहीं करना चाहिए।

बच्चों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए जरूरी है कि जब भी पेरेंट्स बाहर से या ऑफिस से घर लौटें, तो बच्चों को टच करने या गोद में उठाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धो  लें और हो सके तो कपड़े बदल कर और हाथ मुंह धो कर ही बच्चों के पास जाएं। इस समय जो स्थिति चल रही है, उसे देखते हुए डाॅक्टर्स यह मान कर चल रहे हैं कि अगर घर में एक से ज्यादा लोग कोरोना पाॅजिटिव हैं, तो बच्चा भी पाॅजिटिव हो ही जाएगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिना लक्षणों के ही उनका कोविड टेस्ट कराने पहुंच जाएं। बच्चों को घर से बाहर और खासकर अस्पताल में ना ही ले जाएं, तो बेहतर होगा। अगर बच्चों में कोई लक्षण नहीं है, तो घबराने की बात नहीं है। उनकी डाइट का ध्यान रखें और सावधान रहें।

इस समय खुद भी सावधानी बरतना जरूरी है। अपना मानसिक संतुलन बनाए रखें। कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को ले कर इतने डरे हुए हैं कि उनके मन में हर समय नेगेटिव बातें आती रहती हैं। नेगेटिव सोचने से इम्यूनिटी कमजोर होती है और संक्रमण का डर ज्यादा रहता है।