भारतीय व्यंजनों की जान है गरम मसाला, जानिए कैसे यह स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद है-
‘‘गरम मसाला अपने नाम के अनुरूप शरीर को गरम रखता है, जिसके कई फायदे हैं, लेकिन जिन्हें एसिडिटी की समस्या हो, उन्हें इसे कम खाना चाहिए।’’ -डॉ. प्रताप चौहान, आयुर्वेदाचार्य
गरम मसाले के बिना भारतीय खाने की कल्पना ही नहीं की जा सकती। खाने का स्वाद और जायका बढ़ाना हो और गरम मसाला ना डाला जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। जैसा कि नाम से पता चलता है कि गरम मसाला खाने में तीखापन और शरीर में गरमी पैदा करता है। आयुर्वेद में गरम मसाला खाने के कई फायदे बताए गए हैं। खाने में इसका इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। कुछ खास व्यंजनों में अभी भी ताजे दरदरे पिसे गरम मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। पारंपरिक रूप से गरम मसाले में 32 तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन हर परिवार में इस मसाले की रेसिपी में कई बदलाव होते रहे हैं। गरम मसाले के 32 मसालों में शामिल हैं- साबुत धनिया, जीरा, मोटी इलायची, हरी इलायची, सरसों दाना, सौंफ, जीरा, तेजपत्ता, काला जीरा, काली मिर्च, सफेद काली मिर्च, मेथीदाना, लौंग, जावित्री, जायफल, दालचीनी, पीपली, स्टारफूल या बादियाना कताई आदि।
फायदे गरम मसाले के
जीवा आयुर्वेद के फाउंडर डॉक्टर प्रताप चौहान का कहना है, ‘‘गरम मसाला भोजन का स्वाद बढ़ाने का काम तो करता ही है, साथ ही यह शरीर के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने का भी काम करता है। यह जठराग्नि को बढ़ाने का काम भी करता है। खाना ठीक से पचेगा, तो उसमें मौजूद सारे पोषक तत्व शरीर में अवशोषित होंगे। इसके अलावा गरम मसाला शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने का काम करता है।’’ गरम मसाले के और भी फायदे हैं, जैसे-
- यह शरीर से ब्लोटिंग कम करता है।
- कई बीमारियों से बचाता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।
- बदन दर्द और जोड़ों का दर्द कम करने में मदद करता है।
- एसिडिटी, गैस की समस्या दूर करता है।
- सांसों की बदबू दूर करता है।
- ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद करता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वेट लॉस में मदद करता है।
- शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
बिहार में दाल पूरी बनाते समय खासतौर से गरम मसालों को भून कर ताजा पीसा जाता है, तो हैदराबाद में खड़े मसालों वाला चिकन मशहूर है। कश्मीरी दम बिरयानी में साबुत मसाले डाले जाते हैं, जिनसे बिरयानी में अच्छी खुशबू आती है और चावल ठीक से पच भी जाते हैं। हालांकि जिन लोगों को एसिडिटी या एलर्जी की समस्या हो, उन्हें गरम मसाला कम खाना चाहिए।
कैसे बनाएं गरम मसाला
गरम मसाला बनाने के लिए यों तो हर कोई अपनी-अपनी रेसिपी बनाता है, लेकिन आमतौर पर इसमें डलनेवाले मसाले हैं, जीरा, काला जीरा, काली मिर्च, दाल चीनी, लौंग, मोटी इलायची, हरी इलायची, जायफल, तेजपत्ता, चकरी फूल, धनिया, जावित्री आदि। आमतौर पर बाजार में मिलनेवाले गरम मसाले में धनिया और जीरे की मात्रा ज्यादा डाली जाती है, जिससे उसका स्वाद खराब हो जाता है। इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि इनकी मात्रा जरूरत से ज्यादा ना रखें। गरम मसाला पीसने से पहले इन्हें तवे पर हल्का सा भून लें। सब चीजों को एक साथ ना भूनें। धनिए को भूनते समय उसे हाथों से हल्का-हल्का घुमाएं। धनिए को तब तक ही भूनें, जिससे आपका हाथ ना जले। इसी तरह जीरे को भी तब तक भूनें, जब तक कि उसमें हल्की खुशबू आना शुरू हो जाए। इसके बाद दालचीनी, तेजपत्ता, मोटी इलायची, जायफल, काली मिर्च, चकरी फूल को बहुत हल्का सा भूनें। छोटी इलायची और जावित्री को बिना भूने ही डालें। इस सारे मसाले को ठंडा होने पर बारीक पीस लें और एअरटाइट जार में स्टोर कर लें।
गरमियों में आप गरम मसाले में जायफल और मोटी इलायची की मात्रा कम कर सकते हैं। वहीं सरदियों में इसमें जायफल की मात्रा बढ़ा कर सोंठ भी मिला सकते हैं।