Friday 11 February 2022 12:08 PM IST : By Meehal

जानें महिलाओं को क्यों चलानी चाहिए साइकिल

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अपने शरीर को फिट रखने का एक असरदार तरीका साइकिल चलाना है। साइकिलिंग हार्ट की बीमारियों, स्ट्रोक और डाइबिटीज के जोखिम को कम करती है। हमेशा फिट रखती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट साइकिल चलाना अच्छा रहता है। मॉडल टाउन, दिल्ली में एनीटाइम फिटनेस इंडिया में फिटनेस कंसल्टेंट कुशल सिंह के मुताबिक फिटनेस के 5 बॉडी कंपोनेंट हैं- कार्डियोवेस्कुलर इंड्योरेंस, मस्कुलर स्ट्रेंथ, मस्कुलर इंड्योरेंस, फ्लैक्सिबिलिटी और बॉडी कंपोजिशन। आप नियमित साइकिलिंग करके इन फिटनेस कंपोनेंट्स को मेंटेन रख सकते हैं। 

यह एक तरह का कार्डियोवेस्कुलर वर्कआउट है, जिससे दिल और फेफड़ों की एक्सरसाइज होती है। यह स्वीमिंग और रनिंग एक्सरसाइज की तरह ही एक है। जो लोग कोई भी एक्सरसाइज नहीं करते, उनका कार्डियो सिस्टम अच्छा नहीं होता।

साइकिलिंग ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है, इससे हार्ट सिस्टम अच्छा होता है। गठिया की समस्या को कंट्रोल में रखना है, तो साइकिल चलाइए। साइकिलिंग हर उम्र के लोग कर सकते हैं। 

साइकिलिंग से कैलोरीज बर्न होती हैं। चाहे साइकिल चलाएं या जिम में साइकिलिंग करें, इसमें एनर्जी खर्च होती है और फैट बर्न होता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन की गाइडलाइंस के हिसाब से एक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज हर किसी को करनी चाहिए। चाहे साइकिलिंग करें, कोई व्यायाम करें या रनिंग।

साइकिलिंग चाहे जिम में करें या सवेरे उठ कर 5-10 किलाेमीटर आसपास के एरिया में साइकिलिंग करें, इससे से लीन बॉडी मास बढ़ता है, वेट इंप्रूव होगा और स्ट्रेंथ अच्छी होगी। साइकिलिंग से जॉइंट्स अच्छी तरह फंक्शन करते हैं। माइंड और बॉडी के बीच कोऑर्डिनेशन मजबूत रहता है। 

साइकिलिंग ऐसी एक्सरसाइज है, जिसमें हाथों, पिंडलियों और जांघों की मसल्स की टोनिंग होती है। हड्डियां मजबूत होती हैं। साइकिलिंग करने वालों को रात में अच्छी नींद आती है, इसलिए जिनको नींद ना आने की समस्या है, वे साइकिल चलाएं। फिट तो रहेंगे ही, नींद की दवाओं से भी बचे रहेंगे। 

साइकिल चलाने वाले 50 प्रतिशत कम बीमार पड़ते हैं। उनकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इससे इम्युनिटी भी बढ़ती है। सेक्सुअल लाइफ अच्छी रहती है। 

रोज 30-40 मिनट साइकिल चलाने वाले का दिल मजबूत होता है और दिमाग के सेल्स बढ़ते हैं, जिससे याददाश्त बढि़या रहती है। जो लोग कोई काम नहीं करते हैं, उनकी तुलना में साइकिल चलाने जैसी एक्टिविटी करने वालों का दिल ज्यादा अच्छी तरह काम करता है।

डाइबिटीज को कंट्रोल करने के लिए साइकिलिंग करना फायदेमंद है। कोशिकाएं ग्लूकोेज को सोख कर एनर्जी में बदल देती हैं।

साइकिल चलाना एरोबिक एक्सरसाइज की तरह है, जिससे हार्ट, आर्टरीज और फेफड़ों को फिट रखने में मदद मिलती है। इससे मसल्स को ताकत मिलती है। सेहत ठीक रखने के साथ साइकिलिंग से थाइज, हिप्स और पेट 
पर जमा फैट घटता है। यह एक तरह का खेल भी है, जिसमें तय लक्ष्य को पाने की खुशी मिलती है। हर किसी के लिए खेलना संभव नहीं,मगर साइकिलिंग खेलने की संतुष्टि देती है। इसीलिए साइकिलिंग टेंशन और डिप्रेशन को कम करती है। 

अगर आप रोज नियम से साइकिल चलाते हैं, तो ऑफिस में पूरी एनर्जी के साथ काम करेंगे। दूसरों की तुलना में ज्यादा अच्छा काम करेंगे। 

कोविड-19 की वजह से स्कूल बंद होने से बच्चों में साइकिलिंग का क्रेज बढ़ा है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का अपने आप पालन होता है। इससे फिटनेस अच्छी रहती है। इसे चलाने में ताकत लगती है, पसीना निकलता है और शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है। कोरोना के इस समय में साइकिल की सवारी से इम्युनिटी बढ़ती है। इससे सेहत अच्छी रहती है।

योग में भी साइकिलिंग 

योग में पैरों को ऊपर से नीचे साइकिल चलाने के अंदाज में पहले क्लॉक वाइज, उसके बाद एंटी क्लॉक वाइज 10-10 बार गोलाई में घुमाते हैं। इसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ायी जा सकती है। इससे पैरों और हिप्स की मसल्स में खिंचाव पैदा होने के साथ उनमें लचीलापन आता है। वजन कम करने में भी यह साइकिल योग बहुत फायदेमंद होता है।