Friday 19 March 2021 12:01 PM IST : By Ruby Mohanty

आपकी सेहत चौपट कर देगा कुकिंग के लिए गलत बरतन का चुनाव

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- नॉनस्टिक बरतनों को धीमी आंच पर ही गरम करें। इन्हें देर तक तेज आंच पर ना रखें वरना इनमें मौजूद टेफ्लॉन पिघलने लगता है। नॉनस्टिक में हमेशा लकड़ी के पलटे का इस्तेमाल करें। इससे बरतन में खरोंच नहीं लगती। खरोंच लगने पर टेफ्लॉन खाने में मिल सकता है। 2003 में एनवायरमेंटल वर्किंग ग्रुप (EWG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक जरूरत से ज्यादा तेज आंच में नॉनस्टिक बरतन रखने पर यह 5-7 मिनट तक 15 ऐसी टॉक्सिक गैसें रिलीज करता है, जो शरीर के लिए हानिकारक हैं।

- पानी भरने से पहले पीतल या स्टील के बरतन को हर बार साफ करना जरूरी है। बरतन के तल पर मौजूद जमे पानी की परत से पेट की बीमारियां हो सकती हैं।

- हमारे घरों में ज्यादातर स्टील के बरतनों का प्रयोग होता है। ये मेंटेन करने में आसान होते हैं। स्टील, लोहा, निकल और क्रोमियम धातुअों से मिल कर बना होता है, जो रासायनिक क्रिया नहीं करता। स्टील के बरतनों के निचले हिस्से में तांबे की परत लगी हो, तो बरतन की लाइफ बढ़ जाती है। स्टेनलेस स्टील में निकेल मिला होता है। सस्ते स्टील के बरतन जो बहुत जल्दी फट जाते हैं, उनका प्रयोग ना करें। अच्छी क्वॉलिटी के स्टील का प्रयोग करें।

- गरम सूप, चाय, गरम खाने आदि में प्लास्टिक के बरतन का इस्तेमाल ना करें। मेलामाइन की क्रॉकरी में खाना खाने से किडनी की पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।

- गरम नूल्डस, सूप इस तरह की क्रॉकरी में ना परोसें। प्लास्टिक के बैग में गरम चाय, कॉफी या खाना पैक ना करें। इससे पॉलीथिन में मौजूद विषैले तत्व पेट में पहुंचते हैं। इससे किडनी और गले के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

- अल्युमीनियम के बरतन वजन में हल्के होने के साथ-साथ जल्दी गरम होनेवाले होते हैं। ये बरतन ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही ऑक्साइड बनाते हैं, जो मस्तिष्क के लिए हानिकारक साबित होते हैं। ऐसे बरतनों में चाय, नमक, नीबू, सोडा और टोमैटो कैचअप जैसी चीजें ना तो रखनी चाहिए, ना ही पकानी चाहिए। खट्टा पकाने पर अल्युमीनियम में केमिकल रिएक्शन होता है, जिससे इस धातु का कुछ हिस्सा खाने में मिल जाने का खतरा होता है। टमाटर, इमली, सिरका या सांभर जैसी खट्टी चीजें बनाने से स्वाद पर भी असर होता है। शरीर में अल्युमीनियम की मात्रा पहुंच जाए, तो यह शरीर में मौजूद आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को सोख लेता है। अल्युमीनियम के कुकर या हार्ड एनोडाइज्ड बरतनों का इस्तेमाल करें।

- विदेशी शोधकर्ता डॉ. वेइल के मुताबिक कास्ट आयरन के बरतनों में आयरन के साथ कार्बन भी होता है। इसमें खाना बनाते समय लौह तत्व की कुछ मात्रा खाने में मिल जाती है। यह शरीर में आयरन की कमी को दूर करता है। पर खाना पक जाने पर इसमें खाना ना रखें। कास्ट आयरन के बरतनों का प्रयोग सीमित मात्रा में करें। शरीर में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल की सेहत के लिए सही नहीं है।

- तांबे के बरतन में खाना पकाने की सलाह नहीं दी जाती है। इसमें अम्लीय चीजें रखने से वे हानिकारक हो जाती हैं। इसमें पानी रखा सकता है। पानी सिर्फ 16 घंटे तक ही रखें, इससे पानी में मौजूद कीटाणु नष्ट हो जाते हैं, पर पानी का स्वाद बदल जाता है।

- कांच क्रॉकरी व अच्छी क्वॉलिटी के स्टील के बरतन और लेड फ्री पॉटरी के बरतन भोजन करने के लिए अच्छे माने जाते हैं।