Wednesday 23 September 2020 05:47 PM IST : By Neelam Sikand

गरम अौर ठंडी सिंकाई कब अौर कैसे करनी चाहिए, जानिए

अार्थराइटिस से ले कर मसल्स िखंचने अौर सूजन तक का इलाज सिंकाई से िकया जाता है। यह सिंकाई अाइस पैक्स या हीटिंग पैड से की जा सकती है। शरीर के अलग-अलग िहस्सों में दर्द होने अौर चोट लगने पर गरम या ठंडी सिंकाई बहुत कारगर सािबत होती है। सबसे बड़ी बात यह है िक इस तरह के इलाज में कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता। लेिकन सवाल यह है िक िकस दर्द या चोट में ठंडी या गरम सिंकाई की जाए। कभी-कभी िकसी दर्द में दोनों तरह की सिंकाई की जरूरत पड़ती है।

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बापू नेचर क्योर हॉस्पिटल एंड योगाश्रम, दिल्ली की मेिडकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. रुकमणी नायर बताती हैं िक ‘‘अगर चोट लगी है या प्रभािवत एरिया लाल अौर सूजा हुअा है, तो बर्फ से िसंकाई करें। मसल्स में दर्द व जकड़न की िशकायत होने पर गरम िसंकाई करें। यह भी कह सकते हैं िक तेज दर्द है, तो ठंडी िसंकाई करें अौर दर्द पुराना हो गया है, तो गरम िसंकाई करें। सिंकाई वॉटर बॉटल, टॉवल या िसंपल हॉट पैक से कर सकते हैं। हॉट पैक केिमस्ट व नेचुरोपैथी हॉस्पिटल में िमलते हैं।’’
गरम िसंकाई
गरम िसंकाई से शरीर के खास िहस्से का तापमान बढ़ जाने से खून की सप्लाई बढ़ती है। प्रभािवत िहस्से का तापमान बढ़ने से दर्द में अाराम िमलता है अौर मसल्स की जकड़न दूर होती है। यह 2 तरह की होती है। सूखी िसंकाई अौर गीली िसंकाई। दोनों तरह की गरम िसंकाई से शरीर के खास िहस्से को सही ढंग से गरमाहट पहुंचनी चािहए, ना िक वह िहस्सा जल जाए।
सूखी िसंकाई में हीिटंग पैड, ड्राई हीटिंग पैक शामिल हैं। इनसे िसंकाई करना अासान है। गीली िसंकाई में स्टीम्ड टॉवल, गीले हीटिंग पैक्स तथा गरम पानी, गरम िमट्टी या गरम जड़ीबूटी से स्नान अाते हैं। गीली िसंकाई ज्यादा प्रभावी मानी जाती है। प्रोफेशनल हीट थेरैपी ट्रीटमेंट भी िलया जा सकता है। टेंडोनाइटिस के दर्द में अाराम के लिए भी िसंकाई की जाती है।
गरम िसंकाई लोकल, रीजनल या पूरे शरीर के ट्रीटमेंट के लिए होती है। िकसी छोटे खास िहस्से में दर्द हो, तो उस िहस्से के िलए लोकल िसंकाई ठीक रहती है, जैसे मसल्स की जकड़न दूर करने के िलए। इसके िलए छोटे गरम जैल पैक्स या गरम पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्यादा बड़े िहस्से में दर्द हो, तो रीजनल िसंकाई ट्रीटमेंट लें। इसमें स्टीम्ड टॉवल, बड़े हीटिंग पैड या हीट रैप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। पूरे शरीर के ट्रीटमेंट के िवकल्पों में सॉना बाथ, टर्किश बाथ, स्टीम केबिन्स अौर गरम पानी से स्नान शािमल हैं।
कब ना करें ः चोट लग जाए या सूजन अा जाए, या िफर दोनों ही बातें हों, तो गरम िसंकाई ना करें। इस तरह खुले जख्म पर भी गरम िसंकाई ना करें। डाइबिटीज, डर्मेटाइटिस, वेस्कुलर िडसीज, डीप वेन थ्रोम्बोिसस, िदल की बीमारी या हाइपरटेंशन है, तो हीट थेरैपी लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। गर्भवती महिलाएं सॉना अौर हॉट टब बाथ लेने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में राय लें।
कैसे करें गरम िसंकाई ः गरम पानी में टॉवल को िभगोएं, िनचोड़ें अौर दर्दवाली जगह पर रखें।
⇛ हॉट वॉटर बॉटल से सिंकाई करने के िलए बॉटल में गरम पानी भर कर उसे अच्छी तरह बंद कर दें। पतले टॉवल में लपेट कर िसंकाई करें।
⇛ हीटिंग पैक्स से करना चाहती हैं, तो ध्यान रखें िक िडवाइस सीधे िस्कन को ना छुए, वरना जलने का खतरा रहता है।
सावधानी ः गरम िसंकाई से जलने का खतरा रहता है, इसलिए बहुत तेज गरम पानी का इस्तेमाल ना करें। इन्फेक्शन है, तो गरम िसंकाई करने पर उसके फैलने का खतरा रहता है। लोकल एरिया में सिंकाई हीटिंग पैक्स से कर रहे हैं, तो एक बार में 20 िमनट से अधिक समय तक ना करें।

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ठंडी सिंकाई  
कोल्ड थेरैपी को क्रायोथेरैपी कहते हैं। इससे शरीर के खास हिस्से में खून का प्रवाह कम होता है, जिससे सूजन कम होती है। सूजन कम होने से दर्द भी कम होता है। यह अस्थायी रूप से नर्व की एक्टिविटी को कम कर देता है, िजससे दर्द में अाराम िमलता है।
ठंडी िसंकाई या ठंडी थेरैपी के भी कई तरीके हैं। इनमें अाइस पैक्स या फ्रोजन जैल पैक्स, कूलेंट स्प्रे, अाइस मसाज, अाइस बाथ शािमल हैं।
क्रायोस्ट्रेचिंग ः स्ट्रेिचंग के दौरान मांसपेशियों में होनेवाली जकड़न को कम करने के िलए कोल्ड थेरैपी दी जाती है।
क्रायोकाइनेटिक्स ः इसमें कोल्ड ट्रीटमेंट के साथ एक्सरसाइज करायी जाती है। यह िलगामेंट स्प्रेन में मददगार हो सकती है।
कब ना करें ः सेंसरी िडसअॉर्डर होने पर कोल्ड थेरैपी (ठंडी िसंकाई ) ना लें। यह डिसअॉर्डर डाइबिटीज होने पर हो सकता है, इसमें नर्व को नुकसान पहुंच सकता है या उसकी संवेदनशीलता कम हो सकती है।
⇛ मसल्स या जॉइंट्स में अकड़न होने पर कोल्ड थेरैपी ना लें।
⇛ खून का दौरा कम होने पर भी ना करें।  
कैसे करें ठंडी िसंकाई
⇛ बर्फ के पानी में एक टावल को िभगो कर िनचोड़ें, फोल्ड करें अौर प्लास्टिक के बैग में रख कर 10 िमनट के िलए फ्रीजर में रखें। अगर खून िनकल रहा है, तो िबना फ्रीजर में रखे तुरंत इस्तेमाल करें। इस बैग को लगभग 15 िमनट के िलए चोट की जगह पर लगाएं।
⇛ एक बैग में बर्फ डाल कर हवा िनकाल कर बैग को अच्छी तरह बंद कर लें। िफर इसे एक पतले टॉवल में लपेट कर सिंकाई करें।
सावधानी ः ठंडी िसंकाई ज्यादा लंबे समय तक ना करें। इससे त्वचा, िटशू अौर नर्व को नुकसान पहुंच सकता है। बर्फ से िसंकाई एक बार में 20 िमनट से अधिक समय तक ना करें। इससे वह िहस्सा सुन्न हो सकता है। एेसा हाे जाए, तो जब तक त्वचा अपनी पुरानी अवस्था में ना लौट अाए, तब तक यह थेरैपी दोबारा ना लें।
⇛ 10 िमनट तक िसंकाई कर दो िमनट ब्रेक लें।
⇛ कार्डियोवैस्कुलर या िदल की बीमारी होने पर कोल्ड थेरैपी लेने से पहले डॉक्टर से बात करें।   
िकस दर्द में कौन सी िसंकाई
कमर का दर्द ः माना जाता है िक कमर में चोट या दर्द के िलए गरम पानी से िसंकाई बेहतर रहती है, लेिकन एक्सपर्ट की राय में इससे सूजन बढ़ सकती है, जो दर्द को बढ़ा सकती है। शुरुअात के 2-3 िदनों तक चोटवाली जगह पर बर्फ की िसंकाई करें। दर्द पुराना है अौर सूजन भी नहीं है, तब गरम पानी की िसंकाई से अाराम मिलता है।
घुटने का दर्द ः घुटने के ताजा दर्द में बर्फ से िसंकाई करना ठीक रहता है। साथ में सूजन भी हो, तो इसकी वजह से मसल्स में िखंचाव हो सकता है, ऐसे में बर्फ की सिंकाई से इस तकलीफ में अाराम िमलता है। दर्द पुराना हो अौर सूजन ना हो, तो गरम सिंकाई भी कर सकते हैं।
एड़ी में चोट ः पैर मुड़ जाए, या उसमें सूजन अा जाए अौर खून अा रहा हो, तो बर्फ की िसंकाई करें। इससे सूजन कम होती है अौर खून का अाना कम होता है। साथ ही उस िहस्से को सुन्न कर देता है, िजससे दर्द में अाराम िमलता है।
अार्थराइटिस ः इसमें ठंडी अौर गरम, दोनों तरह की िसंकाई बारी-बारी से कर सकते हैं। गरम िसंकाई से रक्त संचार बढ़ता है अौर जॉइंट्स िरलैक्स होते हैं।  जबकि बर्फ से सूजन अौर दर्द, दोनों कम होते हैं। दोनों तरह की िसंकाई बारी-बारी करने से अंदाजा लग जाता है िक कौन सी सिंकाई ज्यादा बेहतर है।
वर्कअाउट पेन ः वर्कअाउट के बाद दर्द हो रहा है, तो बर्फ से अाराम िमल सकता है। एक्सरसाइज की वजह से कहीं दर्द,  सूजन या िफर कोई अौर िदक्कत है, तो गरम िसंकाई से बचे, इससे समस्या बढ़ सकती है। इससे पहले से फैली हुई मसल्स अौर फैल जाएंगी। 
पीिरयड्स का दर्द ः पीरियड्स में गरम पानी या वॉटर बॉटल से पेट के िनचले िहससे की िसंकाई करने से दर्द कम होता है। समझा जाता है िक यह यूटरस की मसल्स को िरलैक्स करने में मदद करता है। इसमें बर्फ से िसंकाई ना करें।
त्वचा के िछलने पर ः सूजन अौर त्वचा िछल जाने पर ठंडी िसंकाई करें। 
नोट ः किसी भी तरह की िसंकाई से पहले अपने डॉक्टर से राय लें।