Tuesday 23 March 2021 12:32 PM IST : By Nisha Sinha

इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो कभी नहीं होगा हार्ट अटैक

heart

पहले यह माना जाता था कि अधिक उम्र के लोगों को ही दिल की बीमारियां हाेती है या फिर मोटापे के कारण दिल की नसों में वसा जमने से हार्ट की समस्याएं हो जाती हैं। कानपुर स्थित रीजेंसी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. अभिनीत गुप्ता के अनुसार बदलते माहौल से उपजे तनाव के कारण दिल की बीमारियां 30 से 35 साल में भी होने लगी हैं। हर किसी को 30 साल की उम्र से ही सचेत रहने की जरूरत है। 35 के बाद से ही एंजाइना, हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है।

पिछले दिनों मशहूर क्रिकेटर और क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट सौरभ गांगुली के दिल के ऑपरेशन ने लोगों को दिल की सेहत को ले कर चौकन्ना कर दिया है। लोग इस बात से डरे हुए हैं कि खुद को स्मोकिंग, ड्रिंकिंग से दूर रखने वाले और फिटनेस को ले कर बेहद सजग रहने वाले सौरभ को हार्ट अटैक हो सकता है, तो उन्हें भी हो सकता है। सौरभ से पहले रेमो डिसूजा को अचानक हार्ट अटैक आने के कारण मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा, पता चला कि उनकी नसों में ब्लॉकेज थी।

अस्पताल में सौरभ गांगुली की टीम से जुड़े रहे मशहूर कार्डिएक सर्जन डॉ. देवी शेट्टी के अनुसार, आप कितने स्वस्थ और फिट हैं, यह मायने नहीं रखता, नियमित तौर पर प्रिवेंटिव चेकअप कराना जरूरी है। डॉ. अभिनीत गुप्ता बताते हैं कि 20 साल की उम्र से ही हर 4-5 साल में अपना कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ग्लूकोज टेस्ट कराएं। इसके अलावा नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और हार्ट चेकअप भी कराते रहें।

सीने में या बायीं ओर हाथ में दर्द होने को हार्ट अटैक का लक्षण मानते हैं, लेकिन यूएस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं में छाती में दर्द के अलावा कई ऐसे लक्षण होते हैं, जो लगातार दिखने पर नजरअंदाज नहीं करने चाहिए जैसे पीठ, गरदन और जबड़े में दर्द, पेट या इसके आसपास तेज असामान्य दबाव, अचानक ठंडा पसीना आना, चक्कर आना या सांस लेने में तकलीफ होना शामिल है।

गुरुग्राम स्थित पारस हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डाइरेक्टर डॉ. डी. के. झाम्ब का कहना है कि युवतियों में दिल के रोग होने की कई वजह हैं-

- स्ट्रेस और डिप्रेशन से पुरुषों की तुलना में महिलाएं दिल की बीमारियों का ज्यादा शिकार होती हैं।

- मेनोपॉज के बाद इस्ट्रोजन का लेवल कम होने से भी छोटी ब्लड वेसल्स में डिजीज होने की आशंका बढ़ जाती है।

- सूजन की बीमारियां जैसे रयूमेटाइड आर्थराइटिस और ल्यूपस के कारण भी दिल की बीमारी हो सकती है।

- कम उम्र की महिलाओं में वेस्टर्न लाइफस्टाइल के कारण ही दिल से जुड़े रोग हो रहे हैं, खासतौर से स्मोकिंग, ड्रिंकिंग करने व नशीले पदार्थ और खराब डाइट लेने सेे।

जिंदल नेचर क्योर इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ योग शिक्षक प्रताप दास के अनुसार कई ऐसे आसन हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। हृदय गति को सही रखते हैं। हस्त उत्तानासन करने से कार्डियो रेस्पिरेटरी फंक्शन में सुधार आता है। वृक्षासन भी दिल को एक्टिव रखता है। वरिष्ठ योग शिक्षक महाबीर सिंह रावत की मानें, तो अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भुजंगासान, दृढ़ासन करके भी दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।

गाजियाबाद के कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की डाइटीशियन डॉ. अदिति शर्मा दिल को बीमार होने से बचाए रखने के लिए सलाह दे रही हैं-

- सब्जियों और फल जैसी चीजों में कम कैलोरी होती है। डाइट में इनकी मात्रा बढ़ा दें। हाई कैलोरी फूड जैसे नॉनवेज, पनीर या फ्राइड स्नैक्स से दूरी बनाएं।

- साबुत अनाज फायदेमंद हैं। इसके अलावा अभी तक किनवा नहीं खाया है, तो इसे भी अपने खाने में शामिल करें।

- बेकरी, रिफाइंड, प्रोसेस्ड और हाई सोडियम फूड खाने से बचें। साफ-साफ कहें, तो बटर, चिप्स, कुकीज, मफिन, आइसक्रीम, सॉसेजेस, सलामी खाने से बचें।