Wednesday 31 March 2021 02:56 PM IST : By Nisha Sinha

बहुत फायदे हैं शवासन के

shavasan

किसी को पतला दिखना है, तो किसी को खूबसूरत। किसी को ताउम्र जवां दिखना है, तो किसी को हमेशा स्वस्थ रहना है। ऐसी तमाम तमन्नाअों को शवासन करके पूरा किया जा सकता है। आइए, इस आसन के फायदों को काउंट करना शुरू करें-

नियमित योग करते हैं, तो शवासन को कभी भी इग्नोर नहीं करें। ऐसा कहा गया है कि सारे वर्कआउट के बाद इसे किया जाए, तो इसका अधिक फायदा होगा।

जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है, उन्हें इसे जरूर करना चाहिए। इससे उनके रक्तचाप में सुधार आएगा और यह हार्ट को भी दुरुस्त करने में मदद करेगा।

एक्सपर्ट्स का तो कहना है कि योग करते समय शवासन को कम से कम 15 मिनट का समय दिया जाना चाहिए, क्योंंकि देर तक योग या एक्सरसाइज करने के बाद केवल 5 मिनट का समय बॉडी को रिलैक्स करने के लिए कम है। अकसर लोग शवासन के लिए इतना ही समय निकालते हैं। इस बार जब योग करें, शवासन के लिए 15 से 20 मिनट का टाइम मोबाइल में सेट करें।

घर में किसी को पैनिक अटैक आता हो, उसे इस आसन को करने को कहें। उसके व्यवहार में तुरंत बदलाव नजर आएगा। यह योगासन एंग्जाइटी से भी बचाएगा।

भूलने की आदत से परेशान हैं, तो शवासन से इस मर्ज का इलाज करें। इस आसन को रोजाना किया जाए, तो भूलने की बीमारी दूर होगी। इसके साथ ही याद करने की क्षमता भी बढ़ेगी। बढ़ती उम्र के लोग इसे जरूर करें। स्टूडेंट रोज करें, तो उनका मन आसानी से एकाग्र होगा। पाठ अच्छी तरह से याद होगा।

सोने की कोशिश करते हैं और नींद नहीं आती है, तो इस आसन को करें। इन्सोमिया की प्रॉब्लम है और बिना किसी मेडिसिन के इसका सॉल्यूशन चाहते हैं, तो इस आसन से फायदा उठाएं।

डाइबिटीज के रोगी भी अगर शवासन करें, तो उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।

इस आसन को सुबह-सवेरे करने से कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। आपकी पर्सनेलिटी पर पॉजिटिव असर दिखेगा। आप सही तरीके से निर्णय लेने लगते हैं।

अगर आपको लगे कि आपके किसी दोस्त में डिप्रेशन की शुरुआत हो रही है, तो उसे शवासन करने की सलाह दें। डिप्रेशन की शुरुआत में शवासन बहुत प्रभावी रहेगा। इसे काबू करना आसान होता है।

लगातार सिर दर्द की शिकायत हो रही है, तो एक बार इस आसन को आजमा कर देखें। आराम मिलेगा।

अगर कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है या फिर जांघ की मसल्स सख्त हो गयी हों, तो शवासन करते समय अपने घुटनों के नीचे तकिया रखें।

अगर शवासन के दौरान मैट पर लेटते समय कंधे में या छाती में खिंचाव सा महसूस होता है, तो अपने सिर के नीचे मोटे टॉवल को फोल्ड करके रखें। इससे सिर थोड़ा ऊपर आ जाएगा। कुछ दिनों के बाद आप टॉवल हटा कर सामान्य तरीके से करें।

शवासन खत्म होते समय आखिरी सांस जोर से लेनी चाहिए। यह सांस इतनी तेज हो कि आवाज निकले। यह आवाज बॉडी के लिए अलार्म का काम करती है। इससे बॉडी को सिग्नल मिलता है कि शवासन खत्म होने का समय आ गया है।