Wednesday 22 November 2023 04:57 PM IST : By Dr. S.P. Agarwal, Senior Dentist, Delhi

बच्चों के दांतों की कैसे करें देखभाल

Dental

एक बच्चे के प्राथमिक दांत उनके स्थायी दांतों के समान ही महत्वपूर्ण होते हैं। दूध के दांत बच्चे को चबाने और बोलने में मदद करते हैं। वे आगे आनेवाले स्थायी दांतों के लिए प्लेसहोल्डर हैं। यदि किसी बच्चे का दूध का दांत सड़ने के कारण नष्ट हो जाता है, तो वयस्क दांत का सही ढंग से विकसित होना मुश्किल हो सकता है। शैशवावस्था के दौरान निम्नलिखित अभ्यास बच्चे के दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे-

-शिशु के दांत आने से पहले ही उसके मसूड़ों को प्रतिदिन गरम, गीले कपड़े से पोंछें।

-शिशुओं और छोटे बच्चों को बोतल या सिप्पी कप ले कर नहीं सोना चाहिए। दूध और जूस में शुगर होती है, जो लंबे समय तक दांतों पर रहने से दांतों में सड़न पैदा कर सकती है।

-जैसे-जैसे बच्चा 1 वर्ष का हो जाता है, उसे सिप्पी कप की आदत डालना शुरू कर दें।

-एक बार जब बच्चे के दांत आ जाएं, तो उन्हें मुलायम बेबी टूथब्रश से दिन में दो बार ब्रश करें। थोड़ी मात्रा में फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें, चावल के दाने से बड़ा नहीं। 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे मटर के दाने के बराबर मात्रा में टूथपेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।

-बच्चे के दांतों को तब तक ब्रश करना चाहिए, जब तक कि वे बिना मदद के अपने सभी दांतों को अच्छी तरह से साफ नहीं कर लेते।

-जब टूथपेस्ट उपयोग में ना हो, तो उसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

-बच्चों को पहला दांत निकलने के 6 महीने के भीतर या 1 साल की उम्र में दंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए और फिर हर 6 महीने में एक बार।