सरदी के मौसम में गुड़ तो खूब खाते ही होंगे, गुड़ के रसगुल्ले भी बना कर देखें। जो लोग चीनी से परहेज करते हैं, उनके लिए गुड़ बेहतरीन ऑप्शन है। गुड़ का रसगुल्ला तो वैसे ही बंगालियों का फेवरेट है। आप भी शेफ वरुण इनामदार से सीखें गुड़ का रसगुल्ला बनाने की सिंपल रेसिपी
सामग्री: 1½ लीटर फुल क्रीम दूध, 2 बड़ा चम्मच नींबू का रस, 1 बड़ा चम्मच ज्वार का आटा
शरबत के लिए: 3 कप पानी, 3 कप कसा हुआ गुड़
विधिः एक कटोरीनुमा छलनी में मलमल के कपड़े की परत लगाकर एक तरफ रख लें, ताकि बाद में इसका उपयोग किया जा सके।
एक गहरे सॉस पैन में दूध डालें और उबाल लें।
एक बार उबाल आने पर आंच बंद कर दें और पैन में 1 कप पानी डालें। दूध को ठंडा होने दें। नींबू का रस डालने से पहले दूध को थोड़ा ठंडा करना जरूरी है, नहीं तो पनीर नरम नहीं बनेगा। दूध में नींबू का रस डालें और हिलाएं, इससे दूध फट जाएगा।
दूध को कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें और फिर दूध को मलमल के कपड़े से छान लें।
पनीर को नल के पानी के नीचे धो लें, इससे खट्टा स्वाद धुल जाएगा। इससे रसगुल्ला नरम बनेगा।
कपड़े के सिरों को बांधें और सारा अतिरिक्त पानी निचोड़ लें। इसे सिर्फ 20 मिनट के लिए लटका दें, ताकि सारा पानी टपक जाए।
पनीर को कपड़े से निकालकर उसे साफ प्लेट में रख लें। उसे गूंथना शुरू कर दीजिए। ज्वार का आटा डालें और 10 मिनट तक गूंथें, जब तक कि यह नरम पनीर जैसा आटा न बन जाए।
एक बार आटा तैयार हो जाए, तो आटे से छोटे-छोटे पकौड़े बनाएं ताकि दरारें न पड़ें।
दूसरे पैन में गुड़ में पानी मिलाकर चाशनी बनाएं और उबाल लें
एक बार जब गुड़ पिघल जाए तो उसमें पनीर के गोले डाल दें। ध्यान रखें, उन्हें ज्यादा देर तक न रखें क्योंकि पनीर के गोले को आकार में बढ़ने के लिए जगह की जरूरत होती है। पैन को टाइट ढक्कन से ढक दें और इसे मध्यम आंच पर लगभग 15 मिनट तक पकने दें।
इस बीच चाशनी की कंसिस्टेंसी चेक करते रहें. अगर यह ज्यादा गाढ़ा हो जाए तो थोड़ा पानी डालें और रसगुल्लों को हर कुछ मिनटों में पलट-पलट कर पकाते रहें। एक बार जब वे आकार में लगभग दोगुने हो जाएं, तो वे तैयार हैं।
आंच बंद कर दें और रसगुल्ले को चाशनी में ही रहने दें.
ठंडा होने पर चाशनी के साथ परोसें