आमतौर पर बाल रोज झड़ते हैं और मौसम बदलने के साथ इसमें और भी बढ़ोतरी हो जाती है। कहने को यह एक बेहद आम समस्या है, लेकिन कुछ कारणों से यह बढ़ भी जाती है। महिलाएं इस गलतफहमी में भी रहती हैं कि गंजापन सिर्फ पुरुषों में ही होता है इसलिए भी वे बाल झड़ने पर समय रहते ध्यान नहीं देती और नतीजा माथे पर, सिर के बीच में या फिर जहां वे मांग निकालती हैं, वहां पर पैचेज बनते जाते हैं, जिस पर उनका ध्यान बहुत देर से जाता है। बालों के झड़ने की कई वजह होती हैं और इनके अलग-अलग पैटर्न होते हैं। इन्हें समझना बहुत जरूरी है। महिलाओं के बाल झड़ने का पैटर्न पुरुषों से काफी अलग होता है। महिलाओं के बाल क्राउन एरिया यानी सिर के बीचवाले भाग से उड़ना शुरू होते हैं। अकसर जो महिलाएं बीच में से मांग निकालती हैं, वह धीरे-धीरे चौड़ी होने लगती हैं। ज्यादातर महिलाओं के माथे पर से यानी आगे से बाल कम उड़ते हैं।
फोर्टिस हॉस्पिटल, बंगलुरु में कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सुधींद्र उदबाल्कर का कहना है, ‘‘जब सुबह तकिए पर आपको टूटे हुए बाल दिखायी देने लगें या फिर बालों में कंघी करते समय बालों के गुच्छे टूट कर निकलने लगें, तो समझ लेना चाहिए कि अब बाल झड़ने की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। महिलाओं में इस समस्या के कई कारण हैं। प्रेगनेंसी और पीसीओडी की वजह से महिलाओं के शरीर में काफी हारमोनल बदलाव होते हैं, जो बाल झड़ने का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा हर व्यक्ति में इसका कारण अलग हो सकता है जैसे जेनेटिक, कोई बीमारी, हारमोन में बदलाव आदि। आमतौर पर भारतीय महिलाओं में पोषण की कमी, अनीमिया और हेअर ड्रायर का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बाल झड़ने के मुख्य कारणों में से एक है।’’
हेअरफॉल की वजह
जेनेटिक कारणः अन्य कारणों के साथ-साथ गंजापन आनुवंशिक वजह से भी होता है। यह देखा गया है कि अगर मां के बाल हल्के और पतले हैं, तो बेटी को भी आगे चल कर ऐसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
हारमोनल बदलावः मेनोपॉज, ओवरी में सिस्ट, थायरॉइड आदि के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह के हारमोनल बदलाव होते हैं, जिनकी वजह से हेअर फॉलिकल्स और बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल ज्यादा टूटते हैं।
स्ट्रेसः किसी तरह का शारीरिक और मानसिक दबाव शरीर पर बुरा असर डालता है और इससे आपकी बॉडी डिहाइड्रेटेड हो जाती है, जिसकी वजह से हेअर फॉलिकल्स में पोषण की कमी हो जाती है और वे कमजोर हो कर टूट जाते हैं।
स्कैल्प में इन्फेक्शनः सिर की त्वचा में किसी तरह का फंगल, बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन जैसे सिबोरिया, डर्मेटाइटिस, सोरायसिस आदि होने से भी बालों की जड़ें और हेअर फॉलिकल्स डैमेज हो जाते हैं, जिससे बाल पतले हो कर टूटने लगते हैं।
एलोपीशिया एरियाटाः यह एक तरह का ऑटो इम्यून डिस्ऑर्डर है, जिसमें बाल उड़ने शुरू हो जाती है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन यह आम बीमारी नहीं है और सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों में ही पायी जाती है।
दवाओं का साइड इफेक्टः कुछ खास दवाएं, जिसमें कीमोथेरैपी की दवाएं, स्टेरॉयड्स, टायफॉइड, डिप्रेशन और हृदय रोग की दवाएं शामिल हैं, उनसे हेअर फॉलिकल्स डैमेज हो जाते हैं और बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। इनके अलावा डाइट पिल्स, गर्भनिरोधक गोलियां, थॉयराइड की दवा, एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन, कोलेस्ट्रॉल की दवाई, अल्सर की दवाई जैसे रैनिटिन और फैमोटिडिन आदि का एक साइड इफेक्ट बालों का झड़ना और टूटना है।
आयरन की कमीः शरीर में आयरन की कमी ना सिर्फ थकान, कमजोरी और सिर दर्द देती है, बल्कि बाल झड़ने के लिए भी जिम्मेदार है। इसके अलावा क्रैश डाइटिंग करने और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने से भी बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं।
सही डाइट और बचाव
बाल झड़ने से रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे-
बाल झड़ रहे हों, तो हेअर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स, हेअर कलर, हेअर ड्रायर आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अगर किसी बीमारी की वजह से बाल झड़ रहे हों, तो डॉक्टर की सलाह से कोई दवा और मेडिकेटेड शैंपू का इस्तेमाल करें।
सप्ताह में 2-3 बार शैंपू करें, जिससे बाल साफ रहें, लेकिन गीले बालों में कंघी ना करें, ना ही बालों को कस कर बांधें।
बालों में अगर डैंड्रफ हो और इस वजह से खारिश होने लगे, तो बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं। ऐसी स्थिति में किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से मिल कर सलाह लें।

सही एक्सरसाइज और डाइट से बालों का झड़ना कम किया जा सकता है।
आप जो भी खाते हैं, उसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। आपके बाल भी इससे अछूते नहीं हैं। अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल करके आप बालों को सेहतमंद बना सकते हैं।
बालों के टिशूज एक खास तरह के प्रोटीन से बने होते हैं, जिसे केराटिन कहा जाता है। इससे बाल मजबूत और स्वस्थ बनते हैं।
शरीर में केराटिन की कमी होने का असल बालों पर साफ नजर आता है। इससे बाल कमजोर हो कर टूटने लगते हैं।
खाने में ऐसी चीजें और सप्लिमेंट्स शामिल करें, जो जिंक, आयरन, विटामिन ए, बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और प्रोटीन से भरपूर हों। इससे बाल कमजोर नहीं होते और हेअर ग्रोथ में मदद मिलती है। खाने में दाल, डेयरी प्रोडक्ट्स की मात्रा बढ़ाने से बालों का झड़ना कम होता है।
बाल झड़ने की समस्या सीधे तौर पर शरीर में मिनरल्स और विटामिंस की कमी से जुड़ी हुई है। इसकी वजह से बालों के टेक्सचर पर भी बुरा असर पड़ता है और वे रूखे और बेजान हो जाते हैं।
अपनी डाइट में जरूरत से ज्यादा फैटी फूड आइटम, कोल्ड ड्रिंक्स, जंक फूड को शामिल ना करें। इससे हेअर फॉलिकल्स पर भी बुरा असर पड़ता है।