Tuesday 02 February 2021 04:22 PM IST : By Deepti Mittal

लव यू पारोमिता (भाग-2)

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रितेश का यह रहस्योद्घाटन पारोमिता पर बिजली बनके गिरा था। शलभ लिव इन रिलेशनशिप में था, और यह बात छिपाते हुए उससे सच्चे प्यार के दावे कर रहा था...फ्रॉड, शेमलेस... सोच कर पारोमिता गुस्से से उबलने लगी। उसने रितेश को कॉन्फ्रेस कॉल का हवाला दे बाहर भेजा ही था कि अजिंक्य का फोन आ गया।

“जिसका डर था, वही हुआ… शलभ का बड़ा भाई कंपनी पर हैरेसमेंट का केस करने जा रहा है। उसने आईटी ट्रेड यूनियन में शिकायत भी दर्ज करा दी अगर कंपनी के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही हुई तो कहे देता हूं, सारी जवाबदेही तुम्हारी ही होगी, उसकी इमीडिएट बॉस तुम थीं।”

पहले से ही भरी बैठी पारोमिता अजिंक्य पर फट पड़ी, “आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं सर? और याद रखिए अगर मेरे और शलभ के बारे में आपने कुछ भी उल्टा-सीधा कहा, तो वह सब भी बाहर आएगा, जो आपने मेरे साथ करने की कोशिश की थी। मेरे पास सारे प्रूफ हैं इसलिए मुझे मत धमकाइए।”

पारोमिता के चढ़े सुर सुन कर अजिंक्य संयत हुआ, “देखो, एक-दूसरे को ब्लेम करके कुछ नहीं होगा। हमें साथ मिल कर इस मुसीबत से निकलना होगा...अगर हमारे अगेंस्ट कुछ भी प्रूव हो गया तो कंपनी हम दोनों को फायर कर देगी... एक बात और, शलभ के भाई को किसी भी तरह तुम दोनों के रिलेशन का पता नहीं चलना चाहिए, वरना फिर तुम्हें कोई नहीं बचा पाएगा। भले ही जो था, आपसी सहमति से था लेकिन वे इसे फिजिकल एब्यूज प्रूव कर एडवांटेज ले सकते हैं...” कह कर अजिंक्य ने फोन रख दिया।

पारोमिता सकते में थी कि कैसे एक पल उसकी पूरी जिंदगी बदल गया था। कल तक उसके पास सब कुछ था, अच्छा कैरिअर, सक्सेस, शलभ जैसा पार्टनर... कहीं ना कहीं वह भी उसके प्यार पर यकीन करने लगी थी। कल रात ही आंखों में एक ख्वाब ने दस्तक दी थी कि अगर सच में शलभ उसे प्यार करने लगा है, तो वह किसी तरह दोनों की यूएस रिलोकेशन करा लेगी और दोनों साथ रहेंगे... कपल बन कर मगर कैसे एक ही पल में वह ख्वाब ताश के पत्तों की तरह बिखर गया...

पर शलभ के साथ ऐसा हुआ क्यों? वह तो बहुत हेल्थ कॉन्शस था... पूरी तरह फिट था। जिम जाता था, मैराथन दौड़ता था, मेंटली भी इतना कमजोर नहीं था कि किसी मेंटल शॉक से कोमा में चला जाए। उसने भगवान से दुआ की कि वह जल्दी से कोमा से बाहर आए, ताकि सब कुछ स्पष्ट हो जाए।

आज ऑफिस से थोड़ा जल्दी निकल वह शलभ को देखने हॉस्पिटल पहुंची। विजिटर काउंटर पर नर्स ने उसका पेशेंट से रिलेशन पूछा, तो उसने दोस्त बताया। तभी वहां शलभ को विजिट करने एक और लड़की आयी, जिसने अपना नाम ‘शैली’ और रिलेशन ‘वाइफ’ बताया।

सुन कर पारोमिता को एक और झटका लगा, हे भगवान, ये भोला-भाला सा दिखने वाला इंसान पूरा कैसेनोवा निकला... ऑफिस में मेरे साथ अफेअर, एक लिव इन पार्टनर आशना और अब ये वाइफ शैली... और भी ना जाने कितनी लड़कियां होंगी उसकी शिकार...पर्सनेलिटी तो कमाल है बंदे की, बातें बनाने में भी उस्ताद है... तभी तो मैं भी फंस गयी... पारोमिता ने अपने कदम वहीं रोक लिए और शैली का दूर से एक फोटो खींच लिया। तभी उसके फोन पर एक मैसेज आया, “मॉम, जल्दी घर आओ, पापा आ गए हैं…

पारोमिता जल्द कार में बैठ घर की ओर चल पड़ी। पूरा दिन किसी हादसे सा गुजरा था... वह जैसे भूल ही बैठी थी कि घर पर उसका 5 साल का बेटा आशू उसकी राह देख रहा होगा और उसके पापा भी आज उससे मिलने आनेवाले हैं। पारोमिता और उसके पति अभिक चटर्जी अब साथ नहीं रहते थे, उनका डाइवोर्स प्रोसेस चल रहा था था। पारोमिता की मम्मी उसके साथ रहती थीं, जो उसका, घर का और आशू का पूरा ख्याल रखती थीं। वही तो थीं पारोमिता की बैक बोन, उसका सपोर्ट सिस्टम, जिन्होंने उसे किसी भी मुश्किल में कभी अकेला नहीं छोड़ा था।

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अभिक बेहद गुस्से में था। पारोमिता के आते ही उसकी मम्मी दोनों के लिए चाय ले आयी और आशू को अपने साथ अंदर ले गयी। उनके जाते ही अभिक उसे मोबाइल पर एक फोटो दिखाते हुए बरसने लगा, “ये सब चल क्या है... अपना नहीं तो आशू का तो कुछ खयाल रखा होता... यह भी नहीं सोचा कि तुम्हारी बदचलनी के कारण उसे सोसाइटी में, स्कूल में बुलिंग का सामना करना पड़ सकता है?” पारोमिता सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस फोटो को देख कर हिल गयी। उसमें शलभ और वह आलिंगनबद्ध हो कर किस कर रहे थे। कैप्शन लिखा था- ‘कहीं इस यंग आईटियन के कोमा में जाने की वजह बॉस द्वारा दिया गया यह अनएक्सपेक्टेड बोनस तो नहीं...’ उस पर लोगों के भद्दे कमेंट्स की बाढ़ थी- ‘काश ऐसा बोनस हमें भी नसीब हो फिर कोमा तो क्या जहन्नुम भी मंजूर है।’

पारोमिता के आंसू छलक पड़े। क्योंकि सिर्फ वह जानती थी कि यह फोटो सच्ची नहीं है, किसी ने उन्हें बदनाम करने के लिए मॉर्फिंग कर बनायी है, जिसमें कोई कंप्यूटर एक्सपर्ट एनिमेशन के जरिए किसी पिक्चर को आसानी से बदल सकता है। मगर उसने अभिक को कोई सफाई नहीं दी... देती भी क्यों, रिश्ता ही क्या बचा था उससे? वह तो खुद उसे अपने प्रमोशन के लिए बॉस को ऑफर करना चाह रहा था, इसी बात पर तो दोनों में इतनी तकरार हुई थी कि पारोमिता बेटे को ले कर अलग रहने लगी थी। बल्कि अभिक तो आज भी इसी कोशिश में था कि किसी तरह पारोमिता को बदचलन प्रूव कर सके, ताकि उसे डाइवोर्स एलिमनी ना देनी पड़े...।

अभिक वहां से बड़बड़ा कर चला गया और पारोमिता अपने कमरे में जा कर दिनभर गुजरी घटनाओं को किसी फिल्म सा देखती रही। तभी कुछ याद कर उसने कंपनी नेटवर्क से रितेश का फोन नंबर निकाला और उसे हॉस्पिटल में लिया गया शैली का फोटो मैसेज कर दिया, “क्या तुम इसे जानते हो?”

“हां यही तो है आशना, शलभ की लिव इन पार्टनर,” रितेश का थोड़ी देर बाद जवाब आ गया। पारोमिता जितना इस पहेली को सुलझाना चाह रही थी, वह और उलझती जा रही थी। शैली ही आशना है या आशना ही शैली है? वे पति-पत्नी हैं या लिव इन पार्टनर... सोचते-सोचते पारोमिता की आंख लग गयी।

अगली सुबह भी कल रात के सवाल जस के तस सामने खड़े थे। फोन देखा, तो अजिंक्य का मैसेज पड़ा हुआ था- देखो, यह सब क्या चल रहा है? उसने भी शलभ और उसकी एक और मॉर्फिंग की हुई वायरल फोटो भेजी हुई थी। पारोमिता बेहद परेशान हो उठी, अब तो वह श्योर थी कि कोई जानबूझ कर उसे टारगेट कर रहा है? मगर कौन हो सकता है वह? कोई ऐसा इंसान जो कंप्यूटर एक्सपर्ट हो, शलभ से उसके रिश्ते का सच जानता हो और उसकी बदनामी से जिसका फायदा हो... कौन हो सकता है... अजिंक्य, अभिक या फिर खुद शलभ?

क्रमशः