Monday 09 November 2020 11:43 AM IST : By Gopal Sinha

कमला हैरिस की जीत पर भारत में उनकी ननिहाल में खूब बंटे लड्डू

USA-ELECTION/BIDEN-HARRIS

2020 के अमेरिकी चुनावों में भारतीय मां की बेटी डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस उप राष्ट्रपति चुन ली गयी हैं। जानते हैं इस स्ट्रॉन्ग लेडी के बारे में -

नाम - कमला देवी हैरिस, उम्र 55 साल। वर्तमान में कैलिफोर्निया से सीनेटर, अब अमेरिका की उप राष्ट्रपति
पति - डगलस एमहॉफ, कॉरपोरेट वकील (पहली शादी से पति के 2 बच्चे हैं)

मां - चेन्नई की श्यामला गोपालन, एक कैंसर रिसर्चर

पिता - जमैका के डोनाल्ड हैरिस, स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी में इकोनोमिक्स के प्रोफेसर

साठ के दशक में सिविल राइट्स मूवमेंट के दौरान कमला के मां-पिता की मुलाकात हुई थी। जब कमला छोटी थीं, तो उनके पेरेंट्स उन्हें स्ट्रॉली में बैठा कर प्रोटेस्ट में ले जाते थे। शायद उनके अंदर जुझारूपन के बीज उन्हीं दिनों अंकुरित हुए थे। हालांकि जब वे महज 7 साल की थीं, तभी उनके पेरेंट्स का डाइवोर्स हो गया था। उनकी मां श्यामला ने ही अपनी दोनों बेटियों कमला और माया की परवरिश की। श्यामला और उनकी बेटियों को ‘श्यामला एंड द गर्ल्स’ के नाम से जाना जाता है। कमला ने 2014 में एक कॉरपोरेट वकील डगलस एमहॉफ से शादी की।

Election 2020 Kamala Harris Origin Story
पिता के साथ नन्ही कमला

कमला हैरिस का नाम आज दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर उन्होंने विश्व के महाशक्तिशाली राष्ट्र के बेहद महत्वपूर्ण पद को हासिल जो किया है। वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी जिनसे घबराए से रहे, उन कमला हैरिस को अमेरिका में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद संभालने का अनुभव है। उप राष्ट्रपति का चुनाव जीतने से पहले वे कैलिफोर्निया से सीनेटर रह चुकी हैं। अमेरिकी सीनेट अपने यहां के लोकसभा जैसी ही है, लेकिन इसके लिए चुना जाना काफी मुश्किलभरा होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की जीत के बाद अमेरिका की अांतरिक नीति और विदेश नीति में काफी बदलाव आने की संभावनाएं हैं। कमला की उम्मीदवारी घोषित होने का यह असर दिखा था कि इस बार अमेरिका में 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस काफी धूमधाम से मनाया गया।डेमोक्रेटिक पार्टी में भारत का समर्थन करनेवालों की गिनती काफी है।

अमेरिका में रहनेवाले लगभग 40 लाख अप्रवासी भारतीयों को रिझाने में अमेरिका की रिपब्लिक और डेमाेक्रेटिक पार्टियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मजे की बात है कि अपने यहां के चुनावों के पैंतरे वहां भी आजमाए जाते हैं। कमला की रंगभेद विरोधी नीतियों ने ट्रंप को इतना बौखला दिया था कि उनके बेटे एरिक ट्रंप ने कमला को ले कर बेहद शर्मनाक टिप्पणी कर दी, जबकि खुद ट्रंप ने उन पर कई नेगेटिव कमेंट्स करके उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। ट्रंप ने कमला के लिए ‘नास्टी’ (बुरी), ‘मीन’ (मतलबी), ‘हॉरिबल’ (डरावनी) और ‘डिसरिस्पेक्टफुल (असम्माननीय) जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। एक डिबेट के दौरान ट्रंप ने यह भी कहा था कि अगर कमला और बाइडेन जीत गए, तो अमेरिकियों की हेल्थ केअर योजनाअों पर पानी फिर जाएगा और उन्हें भारी टैक्स चुकाना पड़ेगा। लेकिन साथ ही कमला के इंडियन कनेक्शन का असर भी देखने को मिला। जैसे ही इनके नाम की घोषणा हुई थी, ट्रंप प्रशासन ने प्रवासी भारतीयों पर लगाए गए वीजा प्रतिबंध वापस ले लिए थे।

क्यों खास हैं कमला हैरिस

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कोई यों ही कमला हैरिस नहीं बन जाता ! इन्होंने ना केवल रंगभेद के खिलाफ काफी काम किया है, बल्कि उन्हें अमेरिकी प्रशासन के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का लंबा अनुभव भी है। सीनेट में चुना जाना उनकी लोकप्रियता का सबूत है। जैसे ही कमला हैरिस का नाम वाइस प्रेसिडेंट की उम्मीदवारी के लिए घोषित किया गया, उसके मात्र 4 घंटे के भीतर ही प्रेसिडेंट की पोस्ट के उम्मीदवार जो बाइडेन को 10.8 मिलियन डॉलर कैंपेन डोनेशन के रूप में मिल गए थे। इसी ‘कमला इफेक्ट’ को भुनाने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2020 के चुनावों में कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। कमला ने सालभर पहले राष्ट्रपति पद के लिए बाइडेन के खिलाफ लड़ने का भी मन बनाया था। लेकिन उन बातों को दरकिनार करते हुए जो बाइडेन ने इन्हें अपना चुनावी साथी बनाया। जो बाइडेन पूर्व उप राष्ट्रपति रह चुके हैं।

कमला के भारतीय नाम के उच्चारण को ले कर अमेरिकी थोड़े परेशान होते हैं, लेकिन उन्होंने 2019 में एबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आप बस ‘कोमा’ शब्द सोचिए और उसमें ‘ला’ जोड़ दीजिए। अमेरिकियों के लिए कमला के बजाय ‘कोमो ला’ बोलना अधिक सहज है। यह बात उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘द ट्रुथ वी टोल्ड’ में भी लिखी है।

कमला का संस्कृत में अर्थ है कमल यानी ‘लोटस।’ लोटस को ले कर भी वहां खूब खेल चला। चर्चा चल रही थी कि क्या यह Lotus आनेवाले समय में PotUS बन जाएगी? PotUS शब्द अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं उनके पति को भी अब अमेरिका में सेकंड जेंटलमैन कहा जाने लगा है।कमला अमेरिकी नागरिकों के बीच में मामोला नाम से भी चर्चित हो रही हैं। दरअसल, उनके पति डगलस एमहॉफ के पहली शादी से 2 बच्चे हैं, जो कमला को मामोला कह कर पुकारते हैं। यही नाम अब अमेरीकियों ने कमला को भी दे दिया है।

कमला हैरिस को इसीलिए भी खास माना जा रहा है, क्योंकि जनवरी 2021 में अमेरिका की बागडोर संभालनेवाले 78 साल के जो बाइडेन अब तक के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं। एेसे में वे अगले टर्म का चुनाव नहीं लड़ेंगे और कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने की प्रबल संभावना होगी। अमेरिकी हिस्ट्री में वाइस प्रेसिडेंट के प्रेसिडेंट बनने के कई उदाहरण हैं- थियोडोर रूजवेल्ट, कैल्विन कूलिज़, हैरी एस ट्रूमैन, रिचर्ड निक्सन, लिंडन बी जॉनसन, गेराल्ड फोर्ड, जॉर्ज बुश।कमला हैरिस भी इसी इतिहास में एक कड़ी और जोड़ेंगी, इसकी पूरी संभावना जतायी जा रही है।

कमला का इंडियन कनेक्शन

कमला खुद को अश्वेत ही कहती हैं और अमेरिका में उन्हें अश्वेत ही माना जाता है, क्योंकि उनके पिता जमैका मूल के हैं। हां, उनकी मां श्यामला गोपालन चेन्नई की रहनेवाली थीं। दिल्ली से अंडरग्रेजुएट करने के बाद श्यामला को कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी, बर्कले से स्कॉलरशिप मिली और मात्र 19 साल की उम्र में वे अमेरिका चली आयीं। यहां वे सिविल राइट्स मूवमेंट से जुड़ीं। वहीं उनकी मुलाकात डोनाल्ड हैरिस से हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली। कुछ समय बाद कमला के पेरेंट्स ने डाइवोर्स ले लिया। श्यामला ने अकेले ही दोनों बेटियों को पाला-पोसा। शायद यही वजह है कि कमला में अपनी तमिल मां की छाप देखने को मिलती है। कमला आज मजबूत व्यक्तित्व की स्वामिनी हैं, तो अपनी मां की ही बदौलत।

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कमला के बचपन की तसवीर

कमला मां के साथ कई बार चेन्नई आयी थीं। उन्हें इंडियन फूड पसंद है , जैसा कि उन्होंने इंडियन- अमेरिकन एक्ट्रेस मिंडी कालिंग से कहा कि उन्हें ढेर सारा चावल-दाल, दही, पोटैटो करी और इडली खाना पसंद है। कमला ने अपनी लिखी किताब में बिरयानी बनाने का जिक्र भी किया है। कमला की मां 2009 में गुजर गयीं, लेकिन कमला आज भी अपनी मां को बेहद याद करती हैं। कहती हैं कि उनकी मां उनकी हेल्थ केअर पर काफी ध्यान देती थीं, इसीलिए वे भी मां की याद में अमेरिका के हेल्थ केअर सिस्टम को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगी।

कमला हैरिस की राह के कांटे

कमला हैरिस का अमेरिकी उप राष्ट्रपति बनने का सफर इतना आसान नहीं रहा। दरअसल कमला की डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का विरोध किया। यह 40 लाख अमेरिकी भारतीय आबादी को तो लुभानेवाला रहा, लेकिन बाकी अमेरिकियों का क्या। वे तो अमेरिका के मूल निवासियों के हितों के हिमायती लीडर को ही अपना मानते हैं । एेसे में ट्रंप का पलड़ा भारी माना जा रहा था। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी भी अमेरिकी भारतीयों की अनदेखी नहीं कर सकती और इसीलिए उसने भारतीय मूल की रिपब्लिकन लीडर और साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निकी हेली को कमला हैरिस की राह में कांटे बिछाने का जिम्मा सौंपा। निकी हेली का असली नाम निम्रत रंधावा है और वे 48 साल की हैं। पंजाब के सिख फैमिली की निकी हेली ट्रंप प्रशासन में कैबिनेट रैंक पानेवाली पहली भारतीय मूल की महिला हैं। वे 2020 के चुनावों में खड़ी नहीं हुईं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के साथ मजबूती से खड़ी रहीं।

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कमला अपनी बहन अौर मां के साथ

बहरहाल, कमला हैरिस भले ही भारतीय मां की बेटी हों, अब चुनाव जीतने के बाद उनका भारत के प्रति क्या रुख रहेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।वैसे कमला हैरिस भारत की कश्मीर संबंधी नीतियों और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ अपने बयान दे चुकी हैं, लेकिन सत्ता में काबिज होने के बाद उनकी भारत के प्रति सोच में बदलाव आना चाहिए। हालांकि वे अमेरिकी लीडर हैं और वहां के हित ही उनके लिए सर्वोपरि होंगे। हमारे लिए किसी भारतवंशी महिला के इतने ऊंचे पद पर पहुंच जाने की खुशी की खबर जरूर है।

कमला का कैरिअर ग्राफ

1964 कमला हैरिस का जन्म ऑकलैंड, कैलिफोर्निया में हुआ। मां भारतीय और पिता जमैका के।

1986 ग्रेजुएशन किया हॉवर्ड युनिवर्सिटी, वॉशिंगटन डीसी से। लॉ की डिग्री ली 1989 में कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी से।

1990 वकालत में कैरिअर शुरू किया बतौर असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑकलैंड में।फिर 1998 में सैन फ्रांसिस्को में।

2004 सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनीं। इस पद पर चुनी गयी पहली अश्वेत महिला।

2011 पॉपुलर रिपब्लिकन अटॉर्नी को हरा कर कैलिफोर्निया स्टेट अटॉर्नी जनरल बनीं।

2016 अमेरिकी सीनेट में चुनी गयीं, इस दशक की पहली अश्वेत महिला सीनेटर बनीं।

2019 यूएस प्रेसिडेंट के लिए होनेवाले इलेक्शन में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की, पर बाद में रेस से बाहर हो गयीं।

2020 यूएस वाइस प्रेसिडेंट के लिए हुए इलेक्शन में जीत हासिल।