35 वर्षीय जया देवी को बचपन से पढ़ाई का शौक था, लेकिन उनके गांव में लड़कियों को ज्यादा पढ़ने-लिखने नहीं दिया जाता था। ज्यादातर लड़कियों की शादी छोटी उम्र में कर दी जाती थी। जया के साथ भी यही हुआ। चौथी कक्षा के बाद 12 वर्ष की उम्र में उनकी शादी करा दी गयी। शादी के बाद जया अपने पारिवारिक जीवन से भले ही खुश थीं, लेकिन अपने समाज की हालत उनसे देखी नहीं जाती थी। उन्होंने मन ही मन ठान लिया कि वे अपने समाज में बदलाव लाएंगी, लेकिन इस सिलसिले में उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने सबसे पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम शुरू किया। वहां उन्होंने बच्चों को शिक्षित करने और महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्साहित किया। सूदखोरों के चंगुल से निकाल कर उन्हें आर्थिक रूप से सबल करने लिए स्वयं सहायता समूह का गठन किया। आज जया देवी अपने कामों की बदौलत ना केवल वहां के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं, बल्कि उन्हें लोग पर्यावरण का पहरेदार मानने लगे हैं। सूखे के कारण प्रत्येक वर्ष किसानों की काफी फसल बर्बाद हो जाती है, उनके लिए भी जया ने कई काम किए। उन्होंने संबंधित एजेंसी के सदस्यों को बारिश के पानी को बचाने तथा बंजर जमीन पर पेड़ लगाने की सलाह दी। जया ने इसी बीच रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का प्रशिक्षण भी लिया। उन्होंने आसपास के गांवों में भी सूखे की समस्या को दूर करने के लिए बारिश का पानी बचाने के लिए अनेक उपाय किए।
गांव में लोग शिक्षित हों, इसके लिए उन्होंने वहां साक्षरता अभियान भी चलाया। अखबारों में विज्ञापन दे कर और अन्य तरीकों से लोगों से उनके बच्चों की पुरानी किताबें मांगीं, जिन्हें उन्होंने गांव के बच्चों के बीच बांट दिया। गांव में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने में उनका योगदान सराहनीय है। वे सामाजिक विकास और जल व पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी प्रयासरत हैं। जलवायु परिवर्तन के लिए पौधरोपण,वैकल्पिक जीविका के साधन जुटाने, कृषि विकास, जल संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने के लिए वे ग्रीन लेडी ऑफ बिहार के नाम से चर्चित हुई हैं।
उपलब्धियां: मुंगेर की रहनेवाली जया आज ग्रीन लेडी के नाम से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हैं। उन्हें 2018 में नेशनल लीडरशिप अवाॅर्ड से नवाजा किया था। भारत सरकार द्वारा भी जया को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। युवा कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम दक्षिण कोरिया में आयोजित हुआ था, जिसमें उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।