Thursday 24 September 2020 10:24 PM IST : By Dr. Shachi Mathur

मन की उलझन

सवाल
मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं अौर एक बेटी है। मेरी वाइफ शुरू से ही दबंग किस्म की महिला है अौर वह अपनी हर बात मनवा लेती है। मैं उसकी हर बात मान लेता हूं अौर यही वजह है कि हमारा रिश्ता अाराम से चल रहा है। समस्या यह है कि दूसरे लोग जब यह सब देखते हैं, तो मुझे जोरू का गुलाम कहते हैं, जो मुझे अच्छा नहीं लगता। क्या पत्नी की बात ना मान कर अपना रिश्ता खराब कर लूं?                  सुदर्शन, भोपाल

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जवाब
सबसे पहली बात, अाप अपनी अौर पत्नी की अापसी बातचीत को दूसरों के सामने उतना ही रखिए जितने से अापकी अौर पत्नी के निजी जीवन में कोई विपरीत असर ना पड़े। दूसरी बात, पति-पत्नी का रिश्ता बराबरी का होता है, इसलिए झुकना दोनों को चाहिए। यदि कोई एक ही झुकता रहेगा, तो दूसरे को इसकी अादत पड़ जाएगी अौर वह अपनी बात मनवाता रहेगा। इससे अागे चल कर रिश्ते में दूरी बढ़ सकती है। अापको अपनी पत्नी से कहना पड़ेगा कि दबंग होना एक हद तक अच्छा है, लेकिन अगर यह ज्यादा हो जाए, तो रिश्ते में तनाव ला सकता है। अभी अाप एडजस्ट कर लेते हैं, हो सकता है बाद में उम्र बढ़ने के साथ पत्नी का यह व्यवहार अापको अच्छा ना लगे अौर अाप फ्रस्ट्रेशन में अा जाएं। इसके परिणामस्वरूप अापको गुस्सा अौर डिप्रेशन भी अा सकता है। अाप अपनी पत्नी से कहें कि रिश्तों में व्यवहार को मर्यादित रखना दोनों पार्टनर के लिए जरूरी है, चाहे दूसरा गलत ही क्यों ना हो। दांपत्य में पति-पत्नी दोनों की अोर से रिश्ते को खुशनुमा बनाने की कोशिश करनी चाहिए। किसी एक का खराब व्यवहार वैवाहिक जीवन में खटास ला सकता है।   
सवाल
मेरी उम्र 44 साल है। पति अौर 2 बच्चों के साथ अच्छा समय बिता रही हूं। अाजकल मैं जरा चिड़चिड़ी सी हो गयी हूं। पति या बच्चे कुछ भी कहते हैं मुझे अच्छा नहीं लगता। कभी मूड बहुत अच्छा रहता है, कभी एकदम से खराब हो जाता है। कुछ लोग कहते हैं यह मेनोपॉज का असर है। मुझे क्या करना चाहिए?         शांभवी, जयपुर
जवाब
यह एक मुश्किल समय होता है जब बच्चे बड़े अौर इंडिपेंडेंट हो जाते हैं। वे पेरेंट्स से अधिक दोस्तों में रहते हैं। ऐसे में मां  के रूप में स्त्री थोड़ा डिप्रेशन, घबराहट अौर मूड स्विंग महसूस करती है। मेनोपॉज हर स्त्री के लिए मुश्किल वक्त होता है। इस समय अापको अपने पति से यह बात शेअर करनी होगी कि अब जब बच्चे बड़े हो कर अपनी दुनिया में मस्त हैं, तो अापको उनके सपोर्ट की जरूरत है। इस समय अाप किसी सोशल ग्रुप से जुड़ सकती हैं, जहां अाप अपनी भावनाएं अौर अन्य बातें दूसरे मेंबर्स के साथ शेअर कर सकती हैं। इस दौरान अाप अपनी हॉबी या रुचियां विकसित कर सकती हैं, क्योंकि इस समय स्त्री परिवार में अपनी अहमियत की तलाश करती है। यह सामान्य बात है, क्योंकि मेनोपॉज के दौरान महिला प्रौढ़ावस्था की अोर कदम बढ़ा रही होती है। इससे पहले कि उम्र की शारीरिक-मानसिक परेशनियां अापको तंग करें, अाप खुद को ऐसी गतिविधियों में संलग्न कर लें, जिनसे अापको खुशी मिलती हो।
सवाल
मैं सिंगल मदर हूं अौर अपनी 14 साल की बेटी के साथ रहती हूं। जॉब करने के कारण मैं बेटी पर कम ध्यान दे पाती हूं। वह नौवीं क्लास में पढ़ती है। एक दिन मेरी एक पड़ोसिन ने बताया कि मेरी अनुपस्थिति में एक लड़का मेरी बेटी के साथ घर अाता है। मैंने जब बेटी से पूछा, तो उसने साफ मना कर दिया। बेटी पर विश्वास करूं या पड़ोसिन की बातों पर यकीन करूं?        रोशनी, दिल्ली

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जवाब
नौवीं क्लास में पढ़नेवाली लड़की इतनी समझदार होती है कि अपने कुछ दोस्त बना सके। दूसरी अोर, अापको अपनी बेटी की बात पर भी विश्वास करना होगा। इस उम्र में अपने पेरेंट्स से बॉयफ्रेंड की बात छुपाना दूसरे कई झूठों को जन्म दे सकता है। अाप खुद को उसकी जगह अौर उसे अपनी जगह रख कर उससे दोस्तों की तरह बातचीत करें। अपने टीनएज की कोई कहानी बना कर उसे सुनाएं, जिसमें कोई लड़का अापका दोस्त था। संभव है कि इस तरकीब से वह भी अपने बॉयफ्रेंड की बात अापसे शेअर कर दे। अापकी वह पड़ोसिन अगर ऐसी अफवाहें उड़ाने या इस तरह की बातों में मजे लेने में माहिर है, तो उसकी बात पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। जो भी हो, अाप अपनी टीनएज बेटी पर पूरा ध्यान दें, क्याेंकि वह इन दिनों हारमोनल बदलावों से गुजर रही है। उसकी बातों पर गौर करना अौर उस पर अपना विश्वास जाहिर करना उसकी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।       
सवाल
मैं 35 साल की अविवाहित वर्किंग वुमन हूं। मेरे अॉफिस में एक स्मार्ट शादीशुदा अफसर हैं, जो इस शहर में अकेले रहते हैं। धीरे-धीरे मैं उनकी अोर अाकृष्ट हुई अौर अब हम अच्छे दोस्त हैं। उनसे अॉफिस के बाद घंटों फोन पर बातें होती हैं। जब वे महीने के अंत में घर चले जाते हैं, तो बड़ा सूना लगता है। कभी-कभी उनकी फैमिली को ले कर गिल्ट भी महसूस होता है, लेकिन उनके प्यार में बुरी तरह पागल हो कर अब कुछ सोचना नहीं चाहती हूं। मैं क्या करूं ?                      रम्या, इंदौर
जवाब
अापको सबसे पहले यह समझना होगा कि जिनसे अाप प्यार करती हैं वे शादीशुदा हैं। ऐसे में उनके अौर उनकी पत्नी के बीच क्या चल रहा है, अाप नहीं जानतीं। अाप देखें कि अपनी जिंदगी में क्या चाहती हैं अौर वे अापसे क्या चाहते हैं। उसकी मंशा क्या है, यह जानना भी बहुत जरूरी है। यह एक कॉम्पलेक्स रिश्ता है। अाप बहुत सोच-समझ कर इस रिश्ते में अागे बढ़ें। सारे पहलू देखें, समझें अौर फिर निर्णय लें। अाप अात्मनिर्भर महिला हैं, अपने दोस्त के साथ बैठ कर सोच-समझ कर उनके इरादे पूछें अौर फिर अागे बढ़ें। सही-गलत अाप अपने लिए सोचें, गिल्ट में जीना अासान नहीं होता अौर शायद इसी गिल्ट की वजह से अाप इस रिश्ते को निभा ना पाएं। सबसे पहले उस व्यक्ति को ले कर अपने मन में पैदा हुई सभी दुविधाएं दूर करें, उनकी नीयत समझें, फिर कोई फैसला लें। प्यार अंधा होता है, लेकिन अगर इसे सही दिशा ना दी जाए, तो परेशानी पैदा हो सकती है।