इन दिनों सल्फर फ्री शैंपू हेअर प्रोडक्टस में पॉपुलर है। इस तरह के शैंपू के बारे में एकदम अच्छी राय कायम करना थोड़ा मुश्किल है, इसीलिए अच्छा होगा कि अगली बार शैंपू और कंडीशनर खरीदना हो, तो सल्फेट फ्री ही खरीदें। इसके इस्तेमाल के बाद अच्छी और खराब क्वालिटी का अंदाजा लगा पाएंगे। सल्फर युक्त शैंपू से बालों में कड़ापन आ जाता है। उनकी नेचुरल शाइन पर बुरा असर पडता है। स्कैल्प में सल्फर युक्त शैंपू रूखा, पपड़ीदार और इचिंग की परेशानी को बढ़ा देता है। कई हर्बल ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां इन दिनों सल्फर फ्री शैंपू बना रही हैं जो कलर ट्रीटेड बालों के लिए काफी फायदेमंद है। कलर किए बालों का रंग जल्दी फीका नहीं पडता। दरअसल, सल्फेट कुछ और नहीं, बल्कि शैंपू में इस्तेमाल करनेवाले क्लींजिंग एजेंटवाले कैमिकल है, जो बालों से तेल और गंदगी को आसानी से निकालते हैं। बालों को धोते समय इसमें झाग की मात्रा ज्यादा होती है। गौर करने वाली बात है, जो शैंपू इस्तेमाल करने पर कम झाग पैदा करते हैं, उनमें सल्फर की मात्रा कम होती है। बेबी शैंपू सल्फेट फ्री फार्मूला का अच्छा उदाहरण है। इसमें ऐसे क्लीजिंग एजेंट होते हैं जो बालों को कम रूखा बनाते हैं और आंखों के लिए सुरक्षित होते हैं। कई सल्फेट फ्री शैंपू से बालों की चिकनाई नहीं निकलती। क्योंकि इसमें मौजूद अल्ट्रा माइड क्लींजिंग एजेंट जैसे कोको ग्लूकोसाइड और डाईग्लूकोसाइड होते हैं, जो बालों से चिकनाई नहीं निकाल पाते। हेअर ऑइलिंग के बाद दो बार हेअरवॉश करने की जरूरत होती है।

घर में सल्फेट फ्री शैंपू बनाने के लिए 2 बडे़ चम्मच बेसन में 2 बड़े चम्मच हीना पाउडर, 2 बडे़ चम्मच मेथी दाना पाउडर, 2 बडे़ चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर डालें और 2 चम्मच शहद या एलोवेरा जैल की मिलाएं। सभी को मिला कर थोड़ा सा पानी डाल कर पेस्ट बनाएं। बालों को गीला करें। तैयार पेस्ट लगाएं और 3-4 मिनट के बाद धो लें। अगर बाल रूखे हैं तो बेसन की जगह मूंग दाल का पाउडर का इस्तेमाल कर सकती हैं।