Saturday 10 October 2020 03:55 PM IST : By Neera Kumar

अपार्टमेंट में रहते हों, तो बदलें इन आदतों को

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मैंने साड़ी धो कर बालकनी में बंधी रस्सी पर फैला दी। सूखने पर जब तह करने लगी, तब देखा कि उसमें 5-6 छोटे छेद जलने के हैं। जलने के छेद देखते ही समझ में आ गया कि हमारे ऊपरवाले पड़ोसी बालकनी में सिगरेट पीते हैं। उसकी राख, सिगरेट के बट्स, यहां तक कि माचिस भी मेरी बालकनी में गिरी मिलती है। साड़ी पर छेद उसी से हुए हैं। कई बार अपने टॉवर के वॉट्सएप ग्रुप में मैसेज डाला, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस बार शिकायत करने खुद पहुंच गयी, तो छोटा सा शब्द ‘सॉरी’ सुनने को मिला, मुझे ही कहना पड़ा आगे से ध्यान रखें।

- यह तो सिर्फ एक बानगी है। इस तरह की समस्याअों से अपार्टमेंट्स और मल्टीस्टोरीज बिल्डिंग में रहने वालों को दो-चार होना पड़ता है। मेरी एक महिला मित्र जो वर्किंग हैं, बताती हैं कि सवेरे कूड़ेवाले को कूड़ा देने के लिए थैली में कूड़ा डाल कर बाहर रख देती हैं। एक दिन जैसे ही बाहर निकली, तो पड़ोसिन डंडे से कूड़ा हिला कर देखते हुए नजर आयीं। अचानक उन्हें देख कर कहने लगीं कि इसमें चूहा घुस गया है, उसे निकाल रही हूं।

- अपार्टमेंट्स में ऊपर के फ्लोर से बिना निचुड़े गीले कपड़ों का पानी जब नीचे के फ्लोर के सूखे कपड़ों पर गिरता है, तो कितना खराब लगता है। ऊपर से बालों के गुच्छे व खाने की चीजों के टुकड़ों का गिरना, लिफ्ट में और लोगों के साथ अपने डॉगी को ले जाना आदि कितनी ही छोटी-छोटी समस्याएं हैं, जो पड़ोसियों में झगड़े का कारण बनती हैं।

- अपार्टमेंट्स या फ्लैट्स में लोगों को इंडिपेंडेंट रहने की आदत हो जाती है। उनके तौरतरीके अलग होते है। तब भी कुछ सोशल एटिकेट्स को ध्यान में रखना जरूरी है।

- पड़ोसियों की प्राइवेसी की कद्र करें। टीवी, रेडियो पर गाने सुनने का शौक है, तो आवाज बहुत तेज ना करें। हो सकता है कि अगल-बगल के फ्लैट में कोई बीमार हो, किसी के बच्चे के एग्जाम चल रहे हों। यह ना सोचें कि यह घर मेरा है, मैं चाहूं जितनी जोर से टीवी, म्यूजिक सिस्टम चलाऊं। पड़ोसियों का ध्यान रखने में तहजीब प्रदर्शित होती है।

- कई लोग बच्चों के विदेश जाने के बाद अपने बड़े घर को छोड़ कर अपार्टमेंट में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। पड़ोस वाले फ्लैट में बुजुर्ग कपल या कोई अकेले रह रहे हैं, तो उनका ध्यान रखें। आते-जाते उनका हालचाल पूछें। जरूरत पड़ने पर उनकी मदद करें। वे भी आपको सहयोग देंगे। आप वर्किंग हैं और पीछे से कोई रजिस्ट्री या कोरिअर आएगा, तो वे उसे ले लेंगे। बच्चे अकेले हैं, तो उनसे अच्छा कौन होगा, जो आपके बच्चों का ध्यान रख पाएगा। उनके अनुभवों का फायदा उठाएं। अपने साथ-साथ पड़ोसी की सुरक्षा में सतर्कता बरतें।

- डॉगी पालने का शौक है, तो जरूर पालिए, पर इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरों के घर के आगे उसे पॉटी कराएं। छोटी-मोटी समस्याएं मिलजुल कर दूर करें।