Wednesday 30 September 2020 02:46 PM IST : By Dr. Prakash Kothari

महिलाएं अपनी यौन क्षमताएं कैसे बढ़ा सकती हैं?

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प्रश्न

महिलाएं अपनी यौन क्षमताएं कैसे बढ़ा सकती हैं?

उत्तर

अायुर्वेद के अनुसार, यौन क्षमता शरीर की दूसरी क्षमताअों से अलग नहीं है। अापके शरीर के लिए जो कुछ अच्छा है, वही अापकी यौन क्षमता के लिए भी सही है। महिलाअों को रोज 45 मिनट की ब्रिस्क वॉक करनी चाहिए, इससे मस्तिष्क में अॉक्सीजन अधिक मात्रा में पहुंचती है, ब्लड वेसल्स खुलती हैं। इन सबकी वजह से स्त्री का मन व्यर्थ की चिंताअों अौर डिप्रेशन से बाहर अाता है। सेक्स क्षमता बनाए रखने के लिए तंबाकू का सेवन कम से कम करना चाहिए। अगर डाइबिटीज के मरीज हैं, तो दवाअों से ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें। यौन क्षमता बढ़ाने में योगासन भी लाभ पहुंचाते हैं। नियमित रूप से अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम अौर शवासन करें। बढ़ती उम्र के कारण इस्ट्रोजन की कमी है, तो खाने में सोयाबीन को किसी भी रूप में शामिल करें।

प्रश्न

हम जब भी सहवास करते हैं, मुझे क्लाइमेक्स अाता ही नहीं। पति मुझे पहले अॉर्गेज्म दिलाने की कोशिश करते हैं, तो भी बहुत देर लगती है। एेसा क्यों?

उत्तर

अापको क्या पसंद है, यह अपने पार्टनर को खुल कर बताएं अौर उसी पर फोकस करने को कहें। इससे अापके जोशोजुनून में इजाफा होगा अौर मुमकिन है अाप क्लाइमेक्स पर जल्दी पहुंच जाएं। कुछ अौरतों को मुख मैथुन पसंद अाता है, उसे भी अाजमा सकती हैं। अगर उससे भी फर्क ना पड़े, तो अाप वाइब्रेटर का इस्तेमाल कर सकती हैं। वाइब्रेटर के इस्तेमाल के बाद 99 प्रतिशत अौरतों को सुकून का अहसास हो ही जाता है। इस दौरान अपने पसंदीदा साथी के ख्यालों में डूब जाएं, तो बेहतर रहेगा।

प्रश्न

अकसर कई लोग मुझसे सवाल करते हैं कि अापने इतने मरीज देखे हैं, तो अाप दांपत्य संबंधों के बारे में बेहतर बता सकते हैं। बताएं भारत में पति-पत्नी के बीच किस तरह के संबंध बनते हैं?

उत्तर

मेरे तजुर्बे में एक संबंध एेसा है, जिसका नाम है चलती का नाम गाड़ी। लोग शादी करते हैं, साथ में रहते हैं, दोनों अपने-अपने काम करते हैं, शाम को साथ में स्कूटर से घूमने जाते हैं, अौर वापस अा कर साथ में सो जाते हैं। पत्रकार शेफाली वासुदेव ने एक बार मुझसे कहा था कि अाजकल जो शादियां होती हैं, उनमें शादी तो बरकरार रहती है, लेकिन रिश्ते खत्म हो जाते हैं। इस तरह के संबंध को अाप दीप्ति मिश्रा के एक शेर से बेहतर समझ सकते हैं-

दिल से अपनाया नहीं, अौर गैर भी समझा नहीं,

ये भी एक रिश्ता है, जिसमें कोई भी रिश्ता नहीं।

एक दूसरी तरह का रिश्ता है, जिसमें पुरुषों में समस्या पायी जाती है। यह रिश्ता अपने देश में बहुत देखने को मिलता है। इसमें अकसर लोग अपनी पत्नी को नींद की गोली की तरह इस्तेमाल करते हैं। यानी पुरुष का काम खत्म होते ही वह करवट बदल कर सो जाता है, वह पार्टनर के संतोष की परवाह नहीं करता। एक बहुत बड़े शायर अपनी बेगम के साथ मेरे पास कुछ मशविरा लेने पहुंचे थे। मैंने जब उनसे पूछा कि समस्या क्या है, तो उन्होंने कहा कि अाप बेगम साहिबा से ही पूछ लें, तो बेहतर होगा। उनकी बेगम साहिबा, जो खुद भी एक शायरा थीं, ने अपना दर्द कुछ यों बयां किया-

वो तो नहा के चल दिए

लहरें तड़पती रह गयीं...

तीसरी कैटेगरी में एेसे संबंधवाले अाते हैं, जहां दोनों पार्टनर एक-दूसरे के मोहब्बत में इस कदर डूबे होते हैं कि उन्हें एक-दूसरे की गलतियां भी अच्छाइयां नजर अाती हैं। एेसे रिश्ते में कोई एक पार्टनर दूर चला भी जाए, तो दूसरे को एेसा लगता है, जैसा मशहूर शायर जांनिसार अख्तर के इस शेर में कहा गया है-

तुझको गए हुए तो बहुत देर हो चुकी

अौर अब तक तुझे गले से लगाए हुए हैं हम।

मेरी राय में रिश्ते एेसे होने चाहिए कि मोहब्बत की अाखिरी मंजिल चाहे हमबिस्तरी हो, लेकिन जरूरी नहीं कि हमबिस्तरी की अाखिरी मंजिल मोहब्बत ही हो।