Thursday 17 June 2021 11:39 AM IST : By Team Vanita

पीसीओडी से ग्रस्त महिलाएं प्रेगनेंसी में किन बातों का रखें ध्यान

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पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस होने पर महिलाअों में इन्फर्टिलिटी की समस्या देखने में आती है। महिला कंसीव कर ले, तो बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है। यह समस्या आजकल बढ़ती जा रही है।

कॉम्पलिकेशन्सः प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही मिसकैरिज होने का खतरा एक स्वस्थ महिला की तुलना में तीन गुना अधिक होता है। 

इन महिलाअों में प्रेगनेंसी के दौरान गेस्टेशनल डाइबिटीज (प्रेगनेंसी के दौरान डाइबिटीज होने, जैसा कि ऊपर बताया गया है) और प्री एक्लैंपसिया (ब्लड प्रेशर का अचानक बढ़ जाना) होने का खतरा होता है। इसमें प्रीटर्म बर्थ होने के आसार होते हैं।

-  पीसीओएस की वजह से गेस्टेशनल डाइबिटीज हो, तो बड़े साइज के बेबी की वजह से सिजेरियन अॉपरेशन से डिलीवरी करानी पड़ सकती है। 

- प्री एक्लैंपसिया होने पर प्रेगनेंसी के 20 सप्ताह के बाद अचानक से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसका असर मां की किडनी, लिवर और ब्रेन पर पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर समय से पहले सी-सेक्शन से बेबी की डिलीवरी करा सकते हैं।

- पीसीओएस की वजह से प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है। इसका इलाज ना किया जाए, तो प्री एक्लैंपसिया हो सकता है। इससे प्रीटर्म बर्थ (37 सप्ताह से पहले) हो सकता है। इस तरह के बेबी को सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

- पीसीओएस होने पर प्रेगनेंसी हो जाए, तो अपने डॉक्टर की हिदायतों को जरूर मानें। 

होम डाइट से सुधारः अपना वजन जरूरत से ज्यादा ना बढ़ाएं। जंक फूड व तली चीजों से परहेज करें। फल-हरी सब्जियां खाएं। महिला ओवरवेट है और उसे पीसीओएस है, तो उसे अपनी कैलोरी इनटेक पर ध्यान देना होगा। महिला का वजन कंट्रोल में है, तो उसे प्रेगनेंसी के शुरू के 3 महीनों में एक्स्ट्रा कैलोरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूसरी तिमाही में रोज 300 एक्स्ट्रा कैलोरी, तीसरी तिमाही में 500 एक्स्ट्रा कैलोरी काफी हैं।