दिल्ली के नजदीक कहां जाएं दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में यों तो घूमने के लिए मॉल्स, पिकनिक स्पॉट औरमूवी थिएटर्स की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी अगर 1-2 दिनों के लिए कहीं जाना हाे तो दिल्ली वालों के लिए कई ऑप्शन मौजूद है। दिल्ली की सीमाएं कई राज्यों से मिलती हैं। इसलिए वे चाहें तो आराम से जयपुर,

दिल्ली के नजदीक कहां जाएं दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में यों तो घूमने के लिए मॉल्स, पिकनिक स्पॉट औरमूवी थिएटर्स की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी अगर 1-2 दिनों के लिए कहीं जाना हाे तो दिल्ली वालों के लिए कई ऑप्शन मौजूद है। दिल्ली की सीमाएं कई राज्यों से मिलती हैं। इसलिए वे चाहें तो आराम से जयपुर,

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दिल्ली के नजदीक कहां जाएं दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में यों तो घूमने के लिए मॉल्स, पिकनिक स्पॉट औरमूवी थिएटर्स की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी अगर 1-2 दिनों के लिए कहीं जाना हाे तो दिल्ली वालों के लिए कई ऑप्शन मौजूद है। दिल्ली की सीमाएं कई राज्यों से मिलती हैं। इसलिए वे चाहें तो आराम से जयपुर,

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दिल्ली के नजदीक कहां जाएं

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दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में यों तो घूमने के लिए मॉल्स, पिकनिक स्पॉट औरमूवी थिएटर्स की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी अगर 1-2 दिनों के लिए कहीं जाना हाे तो दिल्ली वालों के लिए कई ऑप्शन मौजूद है। दिल्ली की सीमाएं कई राज्यों से मिलती हैं। इसलिए वे चाहें तो आराम से जयपुर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश जैसी जगहों पर जा सकते हैं। 5-6 घंटों से ले कर ओवरनाइट सफर करके यहां से एक से बढ़ कर एक खूबसूरत डेस्टिनेशंस पर पहुंचा जा सकता है।

दिल्ली से नजदीक हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, गढ़ मुक्तेश्वर, मसूरी, शिमला, जिभी जैसे कई पर्यटन स्थल हैं। ऋषिकेश में खासकर गरमियों में लोग वॉटर स्पोर्ट्स का मजा लेने आते हैं, तो हरिद्वार में गंगा नदी में डुबकी लगाने का अपना ही मजा है। ऋषिकेश और इसके आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में कई वेलनेस स्पा, रिजॉर्ट व आश्रम आदि हैं। इसके अलावा कुल्लू-मनाली, कसोल या पार्वती वैली, नौकुचियाताल, सातताल, जिम कॉर्बेट, चकराता, राजाजी नेशनल पार्क भी जाया जा सकता है। जिभी, तीर्थन वैली, लैंसडाउन, कनाताल, मैक्लोडगंज, धर्मशाला जैसी जगहों पर आप ट्रैकिंग का मजा उठा सकते हैं। ये सभी डेस्टिनेशंस ऐसे हैं, जहां पर पहुंचने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा एक रात का सफर करना होगा। यानी शुक्रवार की शाम को सामान बांध कर घर से निकलें और शनिवार की सुबह अपनी मंजिल तक पहुंच जाएं। फिर शनिवार और इतवार को मौज-मस्ती करें और इतवार शाम या रात को वापसी का सफर शुरू करके साेमवार को ऑफिस जॉइन कर लें।

अभी तक तो हमने आपको सिर्फ उन डेस्टिनेशंस के बारे में बताया है, जहां पर आप मई, जून के महीने में जा सकते हैं, लेकिन अगर जुलाई के बाद जाना हो तो हिल स्टेशंस पर जाना सुरक्षित नहीं
होता, क्योंकि वहां खूब बारिश होती है। इसलिए इस समय आप नीमराना, आगरा, मथुरा-वृंदावन, अमृतसर, जयपुर, देहरादून, चंडीगढ़ व पिंजौर गार्डन, अलवर जैसे डेस्टिनेशंस में से कोई चुन सकते हैं।

इतना ही नहीं, दिल्ली एनसीआर में अब कई स्टेकेशन के ऑप्शन भी मौजूद हैं, जहां पर आराम से वीकेंड गुजारा जा सकता है। इनमें शामिल हैं, हर बजट के हिसाब से और इको फ्रेंड्ली रिजॉर्ट्स। यहां पर ठहरने वाले गेस्ट्स के लिए खाने-पीने, एडवेंचरस एक्टिविटीज, गेम्स, पूल आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवायी जाती हैं। इन रिजॉर्ट्स में वीकेंड पर अच्छी-खासी भीड़ होती है और पहले से बुकिंग करवानी पड़ती है।

राजस्थान में बहुत हैं विकल्प

राजस्थान अपने आपमें ही बहुत शानदार टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यहां का छोटा-बड़ा हर शहर किलों, मंदिरों, तालाबों और झीलों से पटा पड़ा है। खूबसूरत नक्कशीदार भवन, भव्य अतीत की गवाही देते हुए म्यूजियम, शानदार किले मौजूद हैं। यहां का हर शहर अपने अंदर ना जाने कितनी कहानियों को समेटे हुए है। जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है, वहीं जोधपुर काे ब्लू सिटी कहा जाता है। उदयपुर को झीलों की नगरी और वाइट सिटी कहा जाता है। राजस्थान में आपको एक दिन बिताने से ले कर 4-5 दिन बिताने तक का विकल्प मौजूद है। राजस्थान की राजधानी जयपुर अब एक मॉडर्न कॉस्मोपॉलिटन सिटी बन चुकी है। यहां पर आपको एक से बढ़ कर एक टूरिस्ट स्पॉट ताे देखने को मिलेंगे ही, बढि़या नाइट लाइफ, मॉल्स, कैफे, हर बजट की शॉपिंग के लिए बाजार आदि भी खूब मिलेंगे। यहां के कई लग्जरी होटल्स और रिजॉर्ट में आप गरमियों के मौसम में ठहरने का पैकेज ले सकते हैं, जिसमें आपको कई मनोरंजक एक्टिविटीज करवायी जाती हैं। यहां के उदयपुर, माउंट आबू जैसे हिल स्टेशंस पर पूरे साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है। उदयपुर की शाम से सुहानी शाम शायद ही आपको राजस्थान में देखने को मिलेगी और माउंट आबू के सनसेट पॉइंट से सनसेट का दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लगता, जिसे देखने के लिए यहां पर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।

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अगर मौसम सही होने पर राजस्थान घूमने का प्लान बनाएंगे तो शेखावटी जरूर जाएं। यह हवेलियों का शहर है। यहां पर एक से बढ़ कर एक सुंदर हवेलियां आपको देखने को मिलेंगी। वहीं जोधपुर, चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़ अपने किलों के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान के जैन मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर अपनी अदभुत वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं। इनमें से प्रमुख हैं। माउंट आबू में दिलवाड़ा जैन मंदिर, रनकपुर मंदिर, सांगानेर का जैन मंदिर, चित्तौड़गढ़ का कीर्ति स्तंभ आदि।

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बात यहां के खाने-पीने की करें तो राजस्थान में आप चाहे किसी बड़े होटल में जाएं या छोटे ढाबे में, हर जगह आपको खाना लज्जतदार ही मिलेगा। यहां का लोकल खाना खाएं या फिर मल्टी कुजीन फूड, सभी स्वादिष्ट है। राजस्थान के सभी शहरों में पहुंचने के लिए आप लोकल बसें, टैक्सी या ट्रेन आदि ले सकते हैं।

मध्य प्रदेश वाले हैं लकी

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मध्य प्रदेश में रहने वाले लोगों काे आप लकी कह सकते हैं, क्योंकि उनके अपने प्रदेश में ही घूमने-फिरने के लिए इतने पर्यटन स्थल हैं कि उन्हें कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं होती। यहां पर हेरिटेज डेस्टिनेशनंस और मंदिर तो हैं ही, साथ ही प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर कई झरने और नेशनल पार्क आदि भी हैं। यहां पर ओरछा, इंदौर, जबलपुर, पचमढ़ी, बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क, पेंच नेशनल पार्क, मांडू, उदयगिरी की गुफाएं, खजुराहो, उज्जैन, अमरकंटक, सांची के स्तूप जैसी कई घूमने लायक जगह हैं।

जबलपुर में चौंसठ योगिनी मंदिर और भारत का नियाग्रा फाॅल्स कहा जाने वाला धुआंधार जलप्रपात है और वहीं से कुछ दूरी पर महाभारतकालीन भीमबैठका गुफाएं। ऐसे प्रमाण हैं, जिनसे पता चलता है कि पत्थर की ये गुफाएं एक लाख साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। इन गुफाओं को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है। यों तो मध्य प्रदेश में विश्व धरोहरों की कमी नहीं है, जिनमें शामिल हैं सांची के स्तूप, खजुराहो आदि। यहां के हनुवंतिया द्वीप पर कई तरह की एडवेंचरस एक्टिविटीज की जा सकती हैं। यहां पर पर्यटक मोटरबोटिंग, जेट स्कीइंग, जॉर्बिंग, बनाना राइडिंग, जेट स्कीइंग, पैरा ग्लाइडिंग, हॉट एअर बैलूनिंग, रोप स्विंग और जिप लाइनिंग का मजा भी ले सकते हैं।

यहां के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी के बारे में जितना लिखा जाए, उतना कम है। आकर्षक व्यू पॉइंट्स, वॉटरफॉल्स और ट्रेकिंग के लिए खूबसूरत ट्रेक यानी यहां हर आयु वर्ग के पर्यटक आ कर अपना दिल बहला सकते हैं।

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कान्हा और बांधवगढ़ वन्य जीव उद्यानों के अलावा कूनो भी पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा। यहां पर आप जंगल सफारी का मजा ले सकते हैं। कूनो में चीते, बांधवगढ़ में रॉयल बंगाल टाइगर्स और कान्हा में भी आप बाघ को घूमता हुआ देख सकते हैं।

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मध्य प्रदेश के खाने की बात करें तो यहां पर इंदौर का नाम सबसे ऊपर आता है। यहां का सर्राफा बाजार धीरे-धीरे सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स का फेवरेट स्पॉट बनता जा रहा है। रात को सर्राफा बाजार फूड बाजार में तब्दील हो जाता है और खाने के दीवाने यहां सारी रात अपनी स्वाद ग्रंथियों से इश्क फरमाते हैं। कभी इंदौर आना हो तो यहां पर एक रात ठहरने का प्रोग्राम बनाएं। रात के 10 बजते ही इंदौर की सारी सड़कें सर्राफा बाजार की ओर मुड़ जाती हैं। मध्य प्रदेश देश का प्रमुख राज्य है, इसलिए यहां के किसी भी शहर में पहुंचने के लिए सुविधाओं की कमी नहीं है। आप बस, ट्रेन, टैक्सी या हवाई याात्रा में से किसी का भी विकल्प अपनी सुविधा और बजट के अनुरूप चुन सकते हैं।

कहां जाएं यूपी वाले

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उत्तर प्रदेश में घूमने के लिए बहुत से पर्यटन स्थल हैं, लेकिन गरमियों के मौसम में यहां जाना थोड़ी टेढ़ी खीर हो सकता है। इसका कारण है कि यहां पर बहुत गरमी पड़ती है। हां, मौसम अच्छा हो तो आगरा, मथुरा, वृंदावन, वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या जैसी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कई स्थल यहां मौजूद हैं। आगरा का ताजमहल तो विश्व के 7 आश्चर्यों में शुमार है ही, वाराणसी और अयोध्या जैसे शहरों में भी पर्यटकों की अच्छी-खासी भीड़ देखी जा सकती है। अयोध्या का राम मंदिर पर्यटकों व श्रद्धालुओं की गिनती में और चढ़ावे के आंकड़ों में कई लोकप्रिय स्थलों को तेजी से पीछे छोड़ रहा है। वाराणसी को विश्व की सबसे प्राचीन जीवित नगरी की उपाधि दी जाती है। लेकिन अगर गरमियों में घूमने-फिरने की बात की जाए और मन ठंडी वादियों और झरनों की सैर करना चाहता हो तो यहां के निवासियों को उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश के किसी हिल स्टेशन का रुख करना होगा।

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उत्तराखंड के नैनीताल, मुक्तेश्वर, कनाताल, चौकोड़ी, चंपावत, लैंसडाउन, कौसानी, चित्रकूट, पंगोट, मसूरी जैसे डेस्टिनेशंस पर जा सकते हैं। कौसानी जैसा सूर्योदय आपको पूरे भारत में कहीं देखने को नहीं मिलेगा। यह प्रसिद्ध छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत का घर भी है।

चाहे आप सुकून से छुटि्टयां बिताना चाहते हों या फिर ट्रेकिंग करना चाहते हों, उत्तराखंड में हर तरह के डेस्टिनेशंस आपको मिल जाएंगे। यह चार धाम यात्रा के लिए भी प्रसिद्ध है। बद्रीनाथ, केदारनाथ आदि के कपाट भी इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। कौसानी के अलावा चंपावत में भी ट्रेकिंग करने के भरपूर मौके आपको मिलेंगे। कौसानी में बागेश्वर, सुंदरढुंगा ट्रेक, आदि कैलाश ट्रेक और बेस कौसानी ट्रेक काफी प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसे छोटे शहरों में भी एक अच्छा वीकेंड बिताने जाया जा सकता है। अल्मोड़ा नंदा देवी मंदिर के लिए जाना जाता है और पिथौरागढ़ को छोटा कश्मीर कहा जाता है। यह कैलाश मानसरोवर का गेटवे भी कहा जाता है। यहां पर काली नदी, असकोट सैंक्चुरी, चंदक, कफनी ग्लेशियर ट्रेक जैसे दर्शनीय स्थल हैं।

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उत्तराखंड के किसी भी पर्यटक स्थल तक जाने के लिए आप देश के किसी भी भाग से बस, ट्रेन और टैक्सी का विकल्प चुन सकते हैं। कुछ प्रमुख शहरों तक फ्लाइट भी जाती है।