बॉलीवुड के बाद हॉलीवुड का रुख करने वाली मिस वर्ल्ड, अभिनेत्री और प्रोड्यूसर प्रियंका चोपड़ा-जोनस यानी पीसी को ग्लैमर की दुनिया में आए लगभग 22 साल हो चुके हैं। इन दिनों अमेजॉन के वेब शो 'सिटाडेल' में दिख रही हैं। पिछले दिनों इसके प्रमोशन के सिलसिले में वह भारत आई थीं। इस मौके पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश।

बॉलीवुड के बाद हॉलीवुड का रुख करने वाली मिस वर्ल्ड, अभिनेत्री और प्रोड्यूसर प्रियंका चोपड़ा-जोनस यानी पीसी को ग्लैमर की दुनिया में आए लगभग 22 साल हो चुके हैं। इन दिनों अमेजॉन के वेब शो 'सिटाडेल' में दिख रही हैं। पिछले दिनों इसके प्रमोशन के सिलसिले में वह भारत आई थीं। इस मौके पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश।

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बॉलीवुड के बाद हॉलीवुड का रुख करने वाली मिस वर्ल्ड, अभिनेत्री और प्रोड्यूसर प्रियंका चोपड़ा-जोनस यानी पीसी को ग्लैमर की दुनिया में आए लगभग 22 साल हो चुके हैं। इन दिनों अमेजॉन के वेब शो 'सिटाडेल' में दिख रही हैं। पिछले दिनों इसके प्रमोशन के सिलसिले में वह भारत आई थीं। इस मौके पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश।

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जमशेदपुर (बिहार) में जन्मी पद्मश्री प्राप्त अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का नाम बॉलीवुड-हॉलीवुड के सबसे महंगे एक्टर्स में शुमार है। बचपन बरेली, लखनऊ, दिल्ली, चंडीगढ़, अंबाला, लद्दाख और पुणे में बीता क्योंकि माता-पिता आर्मी में थे, लेकिन उनका ज्यादा समय बरेली में बीता। फिल्मी करियर में पहली बड़ी सफलता मिली फिल्म ‘अंदाज’ से। इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले। हाल ही में मेट गाला इवेंट में उनके लुक और कॉस्ट्यूम की खासी चर्चा हुई। इसमें उन्होंने ब्लैक ग्लिटरिंग गाउन के साथ 11.6 कैरेट का बल्गेरी ब्लू डायमंड रेयर नेकलेस पहना था। प्रियंका से उनके एक्टिंग करियर को लेकर एक बातचीत।

प्रश्नः प्रियंका आपके एक्टिंग करियर को लगभग 20 साल हो चुके हैं। बिना किसी बैकग्राउंड के अभिनय की दुनिया में नाम कमाना आपके लिए कितना चुनौतीपूर्ण था?

उत्तरः मिस वर्ल्ड बनने के बाद मेरी डेब्यू तमिल फिल्म थी ‘थमीजान’। फिर हिन्दी में 'लव स्टोरी ऑफ ए स्पाय' 2003 में रिलीज हुई। 17 की उम्र में मैं मिस इंडिया बन गई थी और 18 में मिस वर्ल्ड का ताज मुझे मिला। पीछे देखती हूं तो पाती हूं कि पिछले 40 वर्षों में बहुत कुछ पाया। हां, अपने जीवन का सबसे कीमती तोहफा भी खोया। पापा डॉ. अशोक चोपड़ा की कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता। एक्टिंग में शुरुआत में दिक्कतें आईं लेकिन मैं पीछे हटने वालों में नहीं हूं। चूंकि मिस वर्ल्ड के तौर पर एक्टिंग करियर में मेरी एंट्री हुई तो बहुत संघर्ष नहीं किया। बॉलीवुड में पक्षपात तो होता ही है, इसका अनुभव मुझे भी हुआ। लेकिन मैं नेगेटिव बातों को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने में यकीन रखती हूं।

प्रश्नः आप खुद को स्मॉल टाउन गर्ल मानती हैं, तो आपने कैसे अपने सपनों को पंख दिए। छोटे शहरों की बहुत सी लड़कियां आपको अपना आइकन मानती हैं। उनके लिए आपके पास कोई ऐसी सलाह है, जो उन्हें मोटिवेट कर सके?

उत्तरः लड़की गांव की हो या शहर की, सपने देखने का हक सबको है मगर ये सपने तभी पूरे हो सकते हैं, जब उनके माता-पिता, भाई-बहन और समाज उनका साथ दे, उन्हें प्रोत्साहन दे। मैं बहुत लकी हूं कि मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया। पढ़ाई के लिए मैं अमेरिका गई मगर वहां नस्लभेद का अनुभव किया। स्टूडेंट्स मेरे साथ टिफिन भी शेयर नहीं करना चाहते थे, मैं खासी हीन-भावना से जूझी वहां। बहुत मुश्किल दौर था वह लेकिन देखिए ना, आज उसी अमेरिका की सेलेब्रिटी सिटीजन हूं! यह अगर संभव हुआ तो मेरे माता-पिता के कारण, जिन्होंने मुझे हमेशा सहयोग दिया। मेरे भाई ने राखी का मान रखा और शादी के बाद निक जोनस, उनके भाई-भाभी और उनके माता-पिता ने मुझे बहुत प्यार दिया, शायद यही वजह है कि आज मां बनने के बावजूद मैं बिना किसी गिल्ट के कैरिअर आगे बढ़ा पा रही हूं। खुद पर विश्वास रखना और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना जरूरी है।

प्रश्नः अमेजॉन प्राइम के शो ‘सिटाडेल’ में आपका अहम किरदार है। इस बारे में थोड़ा बताएं?

उत्तरः यह एक थ्रिलर-सस्पेंस है। 'सिटाडेल' इंटेलिजेन्स ब्यूरो है, जो हर देश में होता है। यह ब्यूरो देश की सुरक्षा के लिए काम करता है। यह दिलचस्प कहानी है, जिसमें मेरा किरदार जासूस का है। मैंने अपने कैरिअर में कभी ऐसा रोल नहीं किया था, इसलिए मैंने इसे स्वीकारा। इसे निभाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण भी था और मजेदार भी। सिर्फ छह एपिसोड की शूटिंग करने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा। 400 लोग दिन-रात इस पर काम कर रहे थे। यह शो हिंदी, अंग्रेजी, दक्षिणी भाषाओं सहित इटैलियन में प्रसारित हो रहा है। यह मुझे फख्र की बात लगती है।

प्रश्नः इस शो में आपने क्रिएटिव इनपुट्स भी दिए?

उत्तरः पहले इसकी कहानी मुझे विस्तार में नहीं पता थी। सिर्फ ये पता था कि मेरा किरदार जासूस का है। अमेजॉन की हेड जेनिफर ने 5-6 साल पहले साथ काम करने की इच्छा मुझसे जाहिर की थी। मैं उनकी आभारी हूं कि उन्होंने मुझे मौका दिया। शो में जहां-जहां मुझसे सलाह मांगी गई या मुझे महसूस हुआ, वहां मैंने अपनी राय दी। जेनिफर और मेरे बीच सम्मान भरा रिश्ता रहा है।

प्रश्नः आपको बॉलीवुड से गए अब 7 वर्ष होने जा रहे हैं। अब आती हैं यहां तो क्या बदलाव पाती हैं?

उत्तरः मैं खुश हूं कि महिला कलाकारों को सशक्त भूमिकाएं मिलने लगी हैं। ओटीटी पर महिला कलाकारों का बोलबाला है। स्टार्स से ज्यादा कन्टेंट महत्वपूर्ण है। पहले जहां स्त्री पात्र सिर्फ नाच-गाने के लिए थे, अब लीड रोल्स में नजर आ रहे हैं। यह बदलाव सकारात्मक है। खासतौर पर छोटे शहरों से आने वाली मेरी जैसी नॉन फिल्मी बैकग्राउंड वाली लड़कियों को काम मिल रहा है, यह बड़ी बात है। हालांकि श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित जैसी नायिकाओं ने अपने बलबूते यहां जगह बनाई लेकिन हर लड़की तो माधुरी-श्रीदेवी नहीं बन सकती। तो क्या बाकी टैलेंटेड लड़कियां बॉलीवुड में ना आएं? दीपिका, आलिया भट्ट, विद्या बालन, अनुष्का शर्मा जैसा टैलेंट हमारी इंडस्ट्री में है और देखा जाए तो आलिया को छोड़कर सभी नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से हैं। मुझे इन्हें देख कर बहुत खुशी होती है।