क्या भारत प्यारा देश हमारा कहने के दिन लद गए ! नागरिकता छोड़ने के आंकड़ों पर एक नजर।

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भारतीय होना ज्यादातर लोगों के लिए गर्व की बात है, तो कुछ लोग ऐसे हैं, जो कुछ निजी कारणोंवश भारत की नागरिकता छोड़ कर दूसरे देशों में बस रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, 2021 में 1 लाख 63 हजार और 2022 में 2 लाख 25 हजार लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। सरकारी डेटा के हिसाब से 2011 से पिछले साल तक 16 लाख से अधिक लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 135 देशों की नागरिकता भारत के लाेगों ने ली है।

कौन लोग हैं देश छोड़नेवाले

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का अमीर वर्ग देश छोड़ने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है। ब्रिटेन स्थित अंतर्राष्ट्रीय कंपनी हेनली एंड पार्टनर्स लोगों को दूसरे देशों की नागरिकता और वीजा दिलाने का काम करती है। इस कंपनी का कहना है कि निवेश के माध्यम से किसी देश की नागरिकता पाने के लिए अमीर भारतीयों की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। इसे गोल्डन वीजा हासिल करना कहा जाता है। सालभर के अंदर लगभग 8000 करोड़पति लोगों ने देश की नागरिकता छोड़ी है। आंकड़ों पर नजर डालें, तो भारतीय अमेरिका की नागरिकता हासिल करने में पहले नंबर पर हैं यानी 78,284 लोगों ने वहां की नागरिकता ली। ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता लेनेवालों की संख्या 23,533 थी और कनाडा बस जानेवाले लोग 21,597 रहे। चीन की नागरिकता 300 भारतीयों ने ली, जबकि पाकिस्तान की नागरिकता लेनेवाले 41 थे। भारत के 5 लोगों ने पिछले 3 सालों में संयुक्त अरब अमीरात की नागरिकता ली है।

क्यों छोड़ रहे हैं लोग देश

गौरतलब है कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों द्वारा लॉकडाउन के बाद अपने यहां वर्क वीजा और नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के कारण भारतीय उन देशों की नागरिकता ले रहे हैं। अमीर लोगों के भारत छोड़ने की प्रमुख वजह है उस देश की मजबूत अर्थव्यवस्था, बेहतर लाइफस्टाइल और सुरक्षित माहौल। बिजनेस के लिए अच्छा माहौल और टैक्स में राहत ने भी इन लोगों को वहां की नागरिकता लेने के लिए आकर्षित किया है। युवा वर्ग के देश से पलायन की वजह है विकसित देशों में पढ़ाई और रोजगार के बेहतर मौके। वे काफी पैसा खर्च करके विदेश पढ़ने जाते हैं और फिर वापस भारत नहीं आना चाहते।

क्या होता है देश छोड़ने पर

जैसे ही कोई भारतीय किसी दूसरे देश की नागरिकता लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति भारत की नागरिकता छोड़ता है, तो उसके सभी नाबालिग बच्चे की भी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाती है। हालांकि 18 वर्ष का होने पर वह बच्चा दाेबारा भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है। भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन के 60 दिन बाद नागरिकता छोड़ने का प्रमाणपत्र मिलता है।

ऐसा नहीं है कि भारत से ही लोग पलायन कर रहे हैं। हाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की 67 प्रतिशत आबादी वहां की बदहाली के कारण पाकिस्तान की नागरिकता छोड़ना चाहती है।