एक ही पेशे में साथ काम करना सुखद है। पर क्या इससे दोनों के बीच दूरी और बोरियत हो जाती है? क्या करें, जिससे दोनों खुश रहें। साथ काम करने वाले कपल आगे बढ़ने में ना सिर्फ एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं, बल्कि दोनों की परफॉर्मेंस भी इंप्रूव होती है। जानिए कुछ दंपतियों की राय व एक्सपर्ट की बातें।

एक ही पेशे में साथ काम करना सुखद है। पर क्या इससे दोनों के बीच दूरी और बोरियत हो जाती है? क्या करें, जिससे दोनों खुश रहें। साथ काम करने वाले कपल आगे बढ़ने में ना सिर्फ एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं, बल्कि दोनों की परफॉर्मेंस भी इंप्रूव होती है। जानिए कुछ दंपतियों की राय व एक्सपर्ट की बातें।

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एक ही पेशे में साथ काम करना सुखद है। पर क्या इससे दोनों के बीच दूरी और बोरियत हो जाती है? क्या करें, जिससे दोनों खुश रहें। साथ काम करने वाले कपल आगे बढ़ने में ना सिर्फ एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं, बल्कि दोनों की परफॉर्मेंस भी इंप्रूव होती है। जानिए कुछ दंपतियों की राय व एक्सपर्ट की बातें।

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एक ही पेशे में साथ काम करना सुखद है। पर क्या इससे दोनों के बीच दूरी और बोरियत हो जाती है? क्या करें, जिससे दोनों खुश रहें। जानिए कुछ दंपतियों की राय व एक्सपर्ट की बातें।

क्या कहते हैं शोध

न्यूजीलैंड वर्क रिसर्च इंस्टिट्यूट के जुलियन हेनेक और क्लेमंस हेस्को नाम के दो शोधकर्ताअों ने अक्तूबर 2021 में पावर कपल हाइपोथिसिस नामक शोध में यह खुलासा किया कि एक ही प्रोफेशन और कंपनी में काम करने वाले कपल्स अपनी लाइफ में ज्यादा तृप्त और संतुष्ट होते हैं। अब तक के शोध यह बताते रहे हैं कि दंपती एक ही पेशे में हों, तो कंपनी को अच्छे नतीजे नहीं देते, लेकिन यह बात गलत साबित होने लगी है। साथ काम करने वाले कपल आगे बढ़ने में ना सिर्फ एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं, बल्कि दोनों की परफॉर्मेंस भी इंप्रूव होती है। इतना ही नहीं, खुद का व्यवसाय करने वाले कपल्स भी लाइफ को ले कर काफी पॉजिटिव होते हैं। 

कितनी अच्छी बात है कि एक ही पेशे में काम करने वाले दंपती एक ही माहौल में काम करते हैं। पूरे दिन साथ-साथ रहते हैं। सहयोगी के तौर पर भी एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। दोनों साथ में मीटिंग करते हैं। काम की डेडलाइन को पूरा करते हैं। दोनों के कॉमन ऑफिस फ्रेंड्स होते हैं। दोनों का ऑफिस आने-जाने का समय भी अकसर एक ही होता है, जिससे ट्रांसपोर्ट सहूलियत भरा और कम खर्चीला होता है। हॉलीडे और वर्क शेड्यूल भी लगभग एक सा रहता है। दोनों को एक ही समय पर एक साथ सैलरी, इंसेंटिव या बोनस आदि मिलते हैं, जिससे घर में कोई बड़े बजट का सामान लिया जा सके। लेकिन इसके विपरीत कई ऐसे भी मुद्दे हैं, जहां पर लगता है कि एक ही प्रोफेशन में काम करने के नुकसान भी हैं। उनकी पर्सनल लाइफ नहीं रहती है। दोस्त भी गिनेचुने ही होते हैं, क्योंकि पति-पत्नी का सोशल सर्कल एक सा ही रहता है। 

दोनों के ऑफिस का तनाव घर तक भी आ जाता है। कई बार इसी तनाव की वजह से दोनों के बीच झगड़े भी होते हैं। दंपती होने के बावजूद अकसर कॉम्पिटीशन की भावना होती है। इतना ही नहीं, थोड़ी सी ईर्ष्या भी हो जाती है। अगर दोनों में से कोई एक ऑफिस में सीनियर हो, तो उसे बॉस समझना मजबूरी है। उसके संबोधन में सर या मैम भी लगाना जरूरी है। ऐसे में दोनों में से पुरुष के अहं को ठेस पहुंचती है और उस खीज को वह घर पर निकालता है। 

अपूर्वा त्रिपाठी-अवधेश भारद्वाज, मिनाज- विक्रम कुट्टी

इस विषय पर हमने एक ही प्रोफेशन में काम करने वाले कुछ दंपतियों से बातचीत की और मनोचिकित्सक से भी राय ली। निचोड़ यह निकला कि पति-पत्नी के बीच अच्छी निभ सकती है, अगर दोनों के बीच ऑफिस और घर के काम में बैलेंस हो। अपोलो टेली हेल्थ की मनोचिकित्सक डॉ. तबस्सुम शेख के अनुसार, ‘‘अगर दोनों एक ही वर्क शेड्यूल में काम कर रहे हैं, तो घर में आने के बाद दोनों के कामों में भी बैलेंस होना चाहिए। कई बार छोटे झगड़े ही बड़े झगड़े का रूप ले लेते हैं। दोनों को स्पेस नहीं मिलता, तो खीज पैदा हो जाती है। इसीलिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के साथ रहते हुए भी अपने लिए स्पेस निकालें और मी टाइम की अहमियत को समझें। मी टाइम से यहां मतलब अपनी पसंद का कोई काम या शौक पूरा करें।’’

ज्यादा कोशिशें करनी पड़ती हैं-  अपूर्वा त्रिपाठी-अवधेश भारद्वाज, आईटी प्रोफेशनल्स, ग्रेटर नोएडा

फायदे: अगर दोनों कपल प्लेअर हैं, तो आप ऑफिस के लंच टाइम में टेनिस जैसे गेम्स खेल सकते हैं। अपने बच्चों को ऑफिस या ऑफिस के पास किसी क्रेश में रख सकते हैं या मॉनिटर कर सकते हैं। 

- दोनों अपनी मीटिंग की प्रेजेंटेशन साथ तैयार कर सकते हैं। दोनों एक-दूसरे के ऑफिस प्रेशर को भी समझते हैं। 

नुकसान: मी टाइम खत्म हो जाता है। पति पत्नी को थकान जैसी बातों का हवाला नहीं दे सकते। उसे भी घर के कामों में सहयोग देना होता है। 

- बोरियत जल्दी होती है, इसीलिए रिश्ते को रिलैक्स रखने के लिए मनोरंजन के लिए ज्यादा कोशिशें करनी पड़ती हैं। ऑफिस की कोई बात छुपा नहीं सकते।

कम बहस चर्चा ज्यादा - मिनाज- विक्रम कुट्टी, होटल इंडस्ट्री, लोनावला

फायदे: हम दोनों अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं और दोनों ने मिल कर अपना रिजॉर्ट खोला है। रिजॉर्ट में दोनों धर्मों का मिश्रण देखने को मिलेगा।

- जब एक साथ टीम की तरह काम करते हैं, तो दोनों के बीच बहस कम और काम पर चर्चा ज्यादा होती है।

नुकसान: चूंकि दोनों साथ ही काम करते हैं, लंबे समय तक एक-दूसरे के सामने ही रहते हैं, इसीलिए घर में जाने की जल्दी नहीं रहती। इसकी वजह से दोनों का पर्सनल टाइम नहीं रह जाता है।

अमृता बागची- समुद्र बागची, सोनिया कपूर-संजय कपूर

- एक-दूसरे से उम्मीद ज्यादा हो जाती है और कई बार पूरी ना होने पर थोड़ी नाराजगी हो जाती है।

कॉम्पिटीशन नहीं, सपोर्ट ज्यादा - अमृता बागची- समुद्र बागची,  प्रोफेसर्स, दिल्ली स्किल्स एंड आंत्रेप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी

फायदे: हम शादी में विश्वास रखते हैं, हमें लगता है साथ रह कर जीवन में कुछ कर सकते हैं। हमारे बीच पर्सनल स्पेस जैसी बात नहीं है, क्योंकि यह एक माइंडसेट है। शादी में स्पेस नहीं, बल्कि समर्पण होना चाहिए। दोनों एक-दूसरे को वाकई पसंद करते हैं, तो एक ही ऑफिस में काम करना उनके लिए वंडरफुल गिफ्ट है। 

नुकसान: पूरी फैमिली एक निश्चित समय पर मिलती है। अगर देर-सवेर हो जाए, तो बच्चे अकेले हो जाते हैं। 

- हम एक-दूसरे की परेशानी समझते हैं, पर ऑफिस में हम प्रोफेशनल होते हैं, राई बराबर एक-दूसरे से कॉम्पिटीशन भी होता है। साथ काम करने से सपोर्ट की उम्मीद करते हैं।

हम हैं एक और एक ग्यारह - सोनिया कपूर-संजय कपूर, फायर सिस्टम इंस्टाॅलेशन एक्सपर्ट, नोएडा

फायदे: हमारा काम अलग तरह का है। इसमें अकाउंट, लेबर और फील्ड वर्क हम दोनों के हिस्से बंटे हुए हैं। एक और एक ग्यारह होते हैं। हम दो लोग होते हुए भी 11 लोगों के बराबर हैं। जो भी काम होता है, सब कुछ आंखों के सामने होता है। हम दोनों को काम को ले कर निश्चिंतता होती है। 

नुकसान: हम दोनों अपने काम में इतना डूब जाते हैं कि घर और ऑफिस दोनों का अंतर खत्म होने लगता है। अपने साथ-साथ फैमिली को भी समय नहीं दे पाते हैं। चाह कर भी हम अपने लिए समय नहीं निकाल पाते। कई बार लगता है कि अलग-अलग पेशा होना चाहिए।