पेेट्स अच्छे लगते हैं। इनसे घर में रौनक होती है, पर इन्हें लाने से पहले या अगर आप इनके पेट पेरेंट्स हैं, तो इनके मन को भी पढ़ना जरूरी है। कुत्ते हों या बिल्ली, दोनों की उदासी एक तरह की होती है।

पेेट्स अच्छे लगते हैं। इनसे घर में रौनक होती है, पर इन्हें लाने से पहले या अगर आप इनके पेट पेरेंट्स हैं, तो इनके मन को भी पढ़ना जरूरी है। कुत्ते हों या बिल्ली, दोनों की उदासी एक तरह की होती है।

Want to gain access to all premium stories?

Activate your premium subscription today

  • Premium Stories
  • Ad Lite Experience
  • UnlimitedAccess
  • E-PaperAccess

पेेट्स अच्छे लगते हैं। इनसे घर में रौनक होती है, पर इन्हें लाने से पहले या अगर आप इनके पेट पेरेंट्स हैं, तो इनके मन को भी पढ़ना जरूरी है। कुत्ते हों या बिल्ली, दोनों की उदासी एक तरह की होती है।

Want to gain access to all premium stories?

Activate your premium subscription today

  • Premium Stories
  • Ad Lite Experience
  • UnlimitedAccess
  • E-PaperAccess

पेेट्स अच्छे लगते हैं। इनसे घर में रौनक होती है, पर इन्हें लाने से पहले या अगर आप इनके पेट पेरेंट्स हैं, तो इनके मन को भी पढ़ना जरूरी है। कुत्ते हों या बिल्ली, दोनों की उदासी एक तरह की होती है। पटना के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. बिशेश्वर प्रसाद का कहना है, ‘‘सभी पेट्स की उदासी एक जैसी ही होती है, वे उदासी में खाना छोड़ देते हैं। उन्हें अच्छी ट्रीट और महत्व दें, तो उनकी उदासी दूर होती है।’’ कुछ स्थितियां सभी के साथ होती होंगी, जरा गौर करें।

स्थिति एक: घर में सभी शॉपिंग के लिए बाहर गए हैं। पेट्स घर पर ही हैं। समझना होगा कि जैसे घर में कोई सदस्य इंतजार करता है, पेट भी इंतजार करता है। शॉपिंग के बाद सभी घर पर आते हैं। अपनी-अपनी शॉपिंग एक-दूसरे को दिखाते हैं। चाहे कपड़ों को ले कर कैटवॉक से घर में रौनक हो रही हो या किसी किचन आइटम को ले कर सब उत्साहित हों, पर घर का डॉगी/ कैट परिवार में उत्साह देख कर आश्चर्य में पड़ सकता है कि सब अपनी-अपनी चीजों को ले कर खुश हैं। ‘और मेरे लिए?’ और ऐसी स्थिति में वह सभी चहल-पहल के बीच खुद को अलग-थलग महसूस कर सकता है और धीरे से अपनी बेचारगी को बिना किसी को दर्शाए कभी सोफे के नीचे, कभी दरवाजे के पीछे, कभी बालकनी में रखे गमलों के झुरमुट के पीछे छुप जाता है। उसे इससे उबरने से 3-4 दिन भी लग सकते हैं या अगले ही दिन में जब उसके मन का कुछ हो, तो वह सामान्य हो जाता है।

स्ट्रेस के लक्षण: लाख बुलाने पर बात नहीं सुनना, खाने में कोई रुचि नहीं दिखाना। आंखें झुकी रखना और चेहरे से बहुत उदासी झलकना।

क्या करें: जब भी शॉपिंग करें, घर में इंतजार कर रहे पेट्स के लिए कुछ ना कुछ ले कर जरूर आएं। जब ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं, तो उसके लिए भी कुछ ऑर्डर करें। इससे उसे भी अहसास होगा कि वह भी उतना महत्वपूर्ण है, जितने सभी सदस्य हैं।

स्थिति दो: घर में ऑनलाइन ग्रॉसरी आती है या दुकान से ग्रॉसरी आती है, जब घर में सामान खुलता है, और बच्चे अपने चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक और बिस्किट का पैकेट ले कर खुश हो जाते हैं। मम्मी जी अपने डिब्बों में चीजें संभालने लगती हैं और पापा जी बिल चेक करते हैं, पर घर का जो पेट है, वह अपने को अलग-थलग महसूस करेगा और खाना-पीना छोड़ कर बिस्तर या सोफे के नीचे या फिर जहां वह सोता है, वहीं जा कर लेट जाएगा।

स्ट्रेस के लक्षण: खाना-पीना छोड़ देगा, कई बार बुलाने पर भी नहीं सुनना।

क्या करें: ऑनलाइन ग्रॉसरी जब भी मंगाएं, पेट्स को भी कुछ ना कुछ ट्रीट जरूर दें। इस बात का ध्यान रखें।

स्थिति तीन: अगर शहर से बाहर जा रहे हैं, किसी के पास छोड़ कर जा रहे हैं, केअर टेकर के पास रख कर जा रहे हैं, तो वह नाराज और उदास रहेगा।

स्ट्रेस के लक्षण: खाना-पीना पूरी तरह छोड़ देगा।

क्या करें: जब भी बाहर जाएं, केअर टेकर को वीडियो कॉल करके अपने पेट्स को अपने होने का अहसास कराएं और वापस आने के बाद उसको उसकी पसंद का गिफ्ट भी दें।