आसान प्रक्रिया के कारण लोग कई बैंक खाते खुलवा लेते हैं। क्या ऐसा करना सही है?

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कविता के कई बैंकों में सेविंग्स अकाउंट हैं और वह हर बैंक के एटीएम/डेबिट कार्ड को अपने वॉलेट में रखती है। लेकिन कई बार वह कार्ड यूज करते समय गफलत में पड़ जाती है कि किस कार्ड का क्या पिन नंबर है। उसने बैंकों द्वारा अकाउंट खुलवाने की आसान प्रोसेसिंग के कारण धड़ाधड़ कई खाते खुलवा लिए थे। हर खाते को अलग-अलग मैनेज करने में आ रही दिक्कतों के कारण वह एक-दो को छोड़ कर सारे खाते बंद कराने की सोच रही है।

कितने खाते खुलवाएं

हालांकि इस बात पर कोई रोक नहीं है कि आप कितने खाते खुलवा सकते हैं, लेकिन फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि व्यक्ति को 3 से अधिक बैंक अकाउंट नहीं खुलवाने चाहिए। साथ ही यह बात भी सच है कि आपको सेविंग्स और घरेलू खर्चों को सही तरीके से मैनेज करने के लिए एक से अधिक बैंक अकाउंट होने चाहिए। यानी यहां भी वही रूल चलता है, ना कम ना ज्यादा। आइए, सबसे पहले देखें कि एक से अधिक बचत खाते के क्या फायदे हैं-

फाइनेंस मैनेज करने का बेहतर तरीका - हर व्यक्ति बच्चों की पढ़ाई, मासिक घरेलू खर्च, इमरजेंसी फंड, लोन की किस्तें जैसी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में लगा रहता है। अगर उसके पास एक से अधिक बैंक अकाउंट हों, तो वह अलग-अलग खर्चों के लिए फंड मैनेज करने के लिए इन खातों का इस्तेमाल कर सकता है। इससे किसी खास काम के लिए बचाए गए पैसों के अनचाहे खर्च पर भी लगाम लगेगी।

इमरजेंसी में अधिक कैश निकालने की सुविधा - प्रत्येक डेबिट कार्ड की कैश निकालने की एक लिमिट होती है। अगर इमरजेंसी में आपको बहुत सारे कैश की जरूरत पड़ जाए, तो आप अपने सभी कार्ड का इस्तेमाल इसके लिए कर सकते हैं।

सारे पैसे नहीं डूबेंगे - अलग-अलग बैंकों में खाता होने से किसी वजह से एक बैंक के दिवालिया होने पर आपके सारे पैसे नहीं फंसेंगे। अभी प्रति अकाउंट आपकी जमा धनराशि पर 5 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर है।

अधिक खाते के नुकसान

बैंक तो चाहेंगे कि उसके पास हर व्यक्ति का अकाउंट हो, इसके लिए वे कभी खाता खुलवाने की मुहिम चलाते हैं, तो कभी जीरो बैंलेंस का लालच देते हैं। लेकिन बहुत सारे अकाउंट खुलवाने से पहले जरा इन बातों पर गौर कर लें-

मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होगा - बहुत सारे बैंक अकाउंट हों, तो उन्हें मैनेज करने में दिक्कत हो सकती है। हालांकि कुछ बैंक जीरो बैंलेंस पर खाता खुलवाते हैं, लेकिन ज्यादातर बैंकों में आपको एक नियत रकम हमेशा रखनी होगी, वरना बैंक लो बैंलेंस के लिए पेनाल्टी लगा देते हैं। दूसरा, आपके कुछ पैसे हर बैंक में फंसे रहते हैं, जिन पर आज की डेट में बहुत कम इंटरेस्ट मिलता है।

समय-समय पर लेनदेन जरूरी - अगर आपके अकाउंट से लंबे समय तक लेनदेन नहीं होता, तो बैंक खाते को निष्क्रिय कर देता है। इसे दोबारा चालू कराने के लिए बैंक को आवेदन देना होता है।

कटते जाते हैं पैसे - बैंक हर ट्रांजेक्शन के लिए मैसेज भेजने, मिनिमम बैलेंस ना मेंटेन कर पाने आदि के लिए कुछ रकम चार्ज करता है। इसके लिए आपको अपने हर खाते में हमेशा थोड़े पैसे जरूर रखने होंगे।