मेड रखने पर उसके साथ प्राइवेसी बनाए रखें और बड़े-बुजुर्गों की बुराई ना करें, ताकि वह इसका नाजायज फायदा ना उठा सके।

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बीमार सासू मां कभी पानी पीने, तो कभी खिचड़ी देने के लिए घर की मेड को बार-बार बुला रही थीं। मेड ने झल्ला कर उनसे कह दिया, ‘‘अम्मा जी, इन कामों के लिए अपनी बहू को बुलाअो, मुझे क्यों आवाज लगा रही हैं। आपकी बहू ने यह कह कर किनारा कर लिया है कि मेरी सास सारा दिन बिस्तर पर पड़े-पड़े खाती रहती है, पेट दर्द ना हो, तो क्या हो?’’ यह सुनते ही अब तक बिस्तर पर चुपचाप लेटी सास जोर-जोर से रोने लगी और देखते-देखते पूरे घर में हंगामा हो गया। बात इतनी अधिक बढ़ गयी कि आखिरकर सासू मां ने बहू-बेटे से अलग रहने का फैसला सुना दिया।

होममेकर हो या वर्किंग वुमन, घर के कामों में हाथ बंटाने के लिए फुल टाइम मेड या पार्ट टाइम मेड रखना कोई फैशन नहीं, बल्कि जरूरत है। फुल टाइम मेड 24 घंटे घर पर रह कर बड़े-बुजुर्गों या बच्चे की देखभाल से ले कर घर के दूसरे कामों में हाथ बंटाने का काम करती है। पार्ट टाइम काम वाली बाइयां तो एक घर का काम निबटाने के बाद दूसरे घर चली जाती हैं। इस तरह एक घर की बात इन मेड्स के जरिए दूसरे और फिर तीसरे घर तक पहुंचती है। लंच के समय ये बाइयां आसपास के पार्क में बैठ कर खाना खाते हुए आपस में इन घरों की बातें करती हैं। ऐसे में इन सब बाइयों को एक-दूसरे के घरों के सीक्रेट्स व अच्छी-बुरी बातें मालूम होती हैं। फुल टाइम मेड भी समय-समय पर अपने रिश्तेदार-सहेलियों से मिलने के लिए जाती हैं। ऐसे में यह हम सबके लिए यह जानना-समझना जरूरी है कि मेड चाहे सालोंसाल पुरानी हो या फिर 1-2 महीने पहले रखी हो, दोनों ही स्थितियों में इनके साथ संयमित व्यवहार किया जाए।

ब्लैकमेल ना करने लगे

कुछ मेड्स का व्यवहार बहुत दोस्ताना होता है। वे जल्दी ही घर-परिवार के लोगों का दिल जीत लेती हैं। ऐसे में कई महिलाएं घर की छोटी-छोटी बातें उनसे शेअर करने लगती हैं। बाई को बहू की बातों से पता चले कि इनकी अपनी सास से नहीं बनती, तो वह इस स्थिति का फायदा उठा सकती है। वह सास की किसी बात को अनसुना कर सकती है या फिर पलट कर बेतुका सा जवाब दे सकती है। हैरान-परेशान सास कुछ समझ नहीं पाती। बहू बाई के इस तरह के व्यवहार से मन ही मन खुश हो सकती है, पर उसकी भी उलटी गिनती शुरू हो जाती है। धीरे-धीरे बाई की बहू के आगे फरमाइशों की लिस्ट बढ़ती चली जाती है। एक तरह से बहू जाने-अनजाने में मेड के हाथों ब्लैकमेल होने लगती है। जरूरी नहीं है कि सभी बाइयां एक जैसी हों, पर इस तरह की बातों को अनदेखा भी नहीं किया जा सकता।

किन बातों का रखें ध्यान

- इनके आगे घर के बड़े-बुजुर्गों, सास-ससुर या बहू की बुराई कभी ना करें। घर में किसी बात पर आपस में कहासुनी हो जाए, तो मेड के साथ घर की बातें ना शेअर करें।

- घर की आर्थिक स्थिति कैसी है, आप खुशहाली के दौर से गुजर रहे हैं या फिर तंगी के, इस बारे में मेड से बात ना करें। वे इन दोनों तरह ही स्थितियों का बखूबी फायदा उठा सकती हैं।

- घर के कीमती कागजात व सामान जिस अलमारी में रखे हैं, उसे मेड की मौजूदगी में ना खोलें।

- घर की चाबियां कहां रखी रहती हैं, इस बारे में उसे ना पता चलने दें।

- घर के किसी सदस्य पर कोई मुकदमा चल रहा है, इस बारे में उसके सामने कोई बात ना करें।

- परिवार में किसी की शादी हाे रही है, तो अब तक क्या-क्या खरीद चुके हैं और क्या खरीदने जा रहे हैं, इस बारे में उसकी उपस्थिति में घर के दूसरे लोगों से बात ना करें।

- घर पर किसी बाहर के व्यक्ति के साथ आने की इजाजत ना दें।

- उन्हें कभी यह बात जाहिर ना होने दें कि आपको मेड की कितनी अधिक जरूरत है। उन्हें अपनी कमजोरियों के बारे में पता ना चलने दें।

- मेड या बाई का पुलिस वेरीफिकेशन कराएं। उसके घर का पता नोट करके रखें। हो सके, तो घर पर सीसीटीवी लगवाएं।