कई कंपनियां बताती हैं कि उनका यह प्रोडक्ट वॉटरप्रूफ है या वॉटर रजिस्टेंस है, लेकिन हमें कैसे पता लगे कि हमने जो प्रोडक्ट खरीदा है, वह कितना वॉटरप्रूफ है। इसके लिए गैजेट्स को आईपी रेटिंग दी जाती है।

कई कंपनियां बताती हैं कि उनका यह प्रोडक्ट वॉटरप्रूफ है या वॉटर रजिस्टेंस है, लेकिन हमें कैसे पता लगे कि हमने जो प्रोडक्ट खरीदा है, वह कितना वॉटरप्रूफ है। इसके लिए गैजेट्स को आईपी रेटिंग दी जाती है।

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कई कंपनियां बताती हैं कि उनका यह प्रोडक्ट वॉटरप्रूफ है या वॉटर रजिस्टेंस है, लेकिन हमें कैसे पता लगे कि हमने जो प्रोडक्ट खरीदा है, वह कितना वॉटरप्रूफ है। इसके लिए गैजेट्स को आईपी रेटिंग दी जाती है।

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अकसर हम स्मार्टफोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे लैपटॉप, टैबलेट, डीएसएलआर कैमरा के पानी में भीग जाने पर चिंतित हो जाते हैं। वाकई अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक गैजेट आदि पानी में भीगने से खराब हो जाते हैं। लेकिन तकनीक में रोज हो रही नयी खोजों ने इन गैजेट्स को एक हद तक वॉटरप्रूफ या वॉटर रजिस्टेंस बना दिया है। कई कंपनियां बताती हैं कि उनका यह प्रोडक्ट वॉटरप्रूफ है या वॉटर रजिस्टेंस है, लेकिन हमें कैसे पता लगे कि हमने जो प्रोडक्ट खरीदा है, वह कितना वॉटरप्रूफ है। इसके लिए गैजेट्स को आईपी रेटिंग दी जाती है।

आईपी रेटिंग क्या है

किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के वॉटरप्रूफ या वॉटर रजिस्टेंस होने को प्रमाणित करने के लिए जिनेवा के इंटरनेशनल इलेक्ट्रो-टेक्निकल कमीशन ने एक स्केल बनाया है। इसी स्केल पर इंग्रेस प्रोटेक्शन यानी आईपी रेटिंग की जाती है। इसमें IP के साथ आमतौर पर 2 डिजिट लिख कर प्रमाणित किया जाता है। पहला डिजिट 0 से 6 के बीच होता है, जो धूल जैसे सॉलिड पदार्थों के संपर्क में आने पर इन्हें रोकने की क्षमता को दर्शाता है। शून्य सबसे कम क्षमता और 6 बचाव की अधिकतम क्षमता का सूचक है। दूसरा अंक 0 से 9 के बीच होता है, जो पानी के संपर्क में आने पर गैजेट के बचाव के स्तर को दिखाता है। इसकी भी रेटिंग का समान तरीका है यानी शून्य सबसे कम क्षमता और 9 फुल वॉटरप्रूफ के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए किसी गैजेट पर IP66 लिखा है, तो इसका मतलब है कि वह उपकरण धूल-मिट्टी से काफी हद तक सुरक्षित है, जबकि पानी के संपर्क में आने पर केवल वॉटर रजिस्टेंट है, वॉटरप्रूफ नहीं। आईपी रेटिंग में एक तीसरा अंक इंपैक्ट रजिस्टेंट को मापने के लिए होता है,
लेकिन आमतौर पर गैजेट कंपनियां इसका जिक्र अपने प्रोडक्ट पर नहीं करती हैं।

किस तरह लिखा होता है

जब कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सिर्फ वॉटरप्रूफ हो, तो उसके वॉटरप्रूफ होने की सीमा को दर्शाने के लिए IPX के साथ एक अंक लिखा जाता है। ज्यादातर कंपनियां इसे बहुत बारीक अक्षरों में लिखती हैं-

IPX1 - यदि पानी की बूंदें 10 मिनट तक गैजेट पर सीधी गिरती रहें, तो वह खराब नहीं होगा।

IPX2 - ऐसे गैजेट्स पर 15 डिग्री के एंगल से पानी की बूंदें 10 मिनट तक गिरती रहें, तो भी वह चलेगा।

IPX3 - इस गैजेट पर 60 डिग्री के एंगल से 5 मिनट तक पानी गिरे, तो भी यह चलता रहेगा।

IPX4 - इस तरह के उपकरण पर किसी भी एंगल से पानी गिरे, तो इसका कुछ नुकसान नहीं होगा।

IPX5 - इस नंबर वाले गैजेट पर 3 गैलन पानी गिराया जाए, तब भी यह खराब नहीं होता।

IPX6 - इस उपकरण पर 3 मिनट तक पानी की तेज धार छोड़ी जाए, तब भी यह काम करता है।

IPX1 से ले कर IPX6 तक सर्टिफाइड गैजेट्स को वॉटर रजिस्टेंट कहा जा सकता है। इससे ऊपर के गैजेट्स वॉटरप्रूफ होते हैं।

IPX7 - यह गैजेट आधे घंटे तक 1 मीटर पानी में डूबा रहे, तब भी काम करता है।

IPX8 - यह वॉटरप्रूफ गैजेट में लिखा होता है। लेकिन अगर पानी में कोई केमिकल है, तो वह खराब हो सकता है।

कितना भरोसा करें

- याद रखें कि ये सभी रेटिंग्स लेबोरेटरी में टेस्ट करके दिए जाते हैं, रोजमर्रा के इस्तेमाल करने के बाद नहीं। चाहे आपका गैजेट कितनी भी अच्छी आईपी रेटिंग से लैस क्यों ना हो, उसे जहां तक हो सके, पानी से बचा कर ही रखें। पानी से खराब होने की कोई वॉरंटी कंपनी नहीं देती।

- कभी भी पानी से भीगे हुए गैजेट को चार्जिंग में ना लगाएं। पहले उसे सूखने दें।