इस बार नीट और दूसरी प्रवेश परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने लागू किया नया कानून, जो रोकेगा इन अनियमितताओं को-

इस बार नीट और दूसरी प्रवेश परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने लागू किया नया कानून, जो रोकेगा इन अनियमितताओं को-

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इस बार नीट और दूसरी प्रवेश परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने लागू किया नया कानून, जो रोकेगा इन अनियमितताओं को-

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अपने देश में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ज्यादातर प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करती है, लेकिन इस बार मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा नीट के पेपर लीक होने, नेट एग्जाम के कैंसिल होने और अभी देश भर में चल रहे उसके खिलाफ आंदोलनों को देखते हुए अपने यहां केंद्र सरकार ने पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 का नोटिफिकेशन जारी किया। अब यह कानून 21 जून की आधी रात से लागू हो गया है। इस कानून को लागू करने का उद्देश्य प्रवेश परीक्षाओं में नकल और दूसरे किस्म की गड़बड़ियों को रोकना है।इस कानून से पहले अपने देश में परीक्षाओं में नकल या अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए कोई कानून नहीं था।

क्या हैं कानून के प्रावधान

इस कानून के अंतर्गत प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने या कॉपी से छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की कैद का प्रावधान किया गया है।अपराध की गंभीरता के अनुसार कैद की अवधि 5 साल तक और जुर्माने की राशि 10 लाख रुपए तक बढ़ायी जा सकती है। अगर परीक्षा के संचालक किसी अनियमितता के दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें 5 से 10 साल तक की कैद और जुर्माना 1 करोड़ रुपए तक हो सकता है। यदि संचालक किसी गैर कानूनी गतिविधि में शामिल पाया जाएगा तो उससे परीक्षा पर होने वाला खर्च भी वसूला जाएगा।

कब मिली थी राष्ट्रपति की मंजूरी

पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 को लोकसभा में 6 फरवरी को और राज्य सभा में 9 फरवरी को पारित किया गया था। 12 फरवरी को राष्ट्रपति की सहमति के बाद इस बिल को कानून का रूप दिया गया।

कौन-कौन इस कानून के दायरे में

यूपीएससी, एसएससी, बैँक की परीक्षाएं और एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाएं इस कानून के दायरे में आएंगी।इसके अलावा केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों व विभागों की प्रवेश परीक्षाएं भी इसकी जद में होंगी। खास बात यह है कि इस कानून के दायरे में आने वाले सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे।

क्यों जरूरत पड़ी इस कानून की

इस वर्ष नीट परीक्षा में 67 कैंडिडेट ने शत-प्रतिशत यानी 720 में पूरे 720 नंबर हासिल किए थे।यह अपने आपमें एक रेकॉर्ड था।फिर राज खुला कि 1563 कैँडिडेट को ग्रेस मार्क्स दिए गए। गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ग्रेस पाने वाले सभी कैँडिडेट के स्कोर कार्ड कैंसिल कर दिए गए।इन सभी को दोबारा परीक्षा देने का चांस मिला है।अभी भी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में हैं, जिन पर कोर्ट में 8 जुलाई को सुनवाई होगी। हालांकि नीट की पूरी परीक्षा कैंसिल नहीं की गयी है और अभी तक 6 जुलाई से निर्धारित काउंसलिंग पर भी रोक नहीं लगायी गयी है।