साहब को क्या चाहिए, मेमसाब को क्या चाहिए, चुन्नू-मुन्नू की भी फरमाइश पूछ ही ली जाए, जब सोनू सूद के पास अपनी अधूरी ख्वाहिशों की लिस्ट भेजी जा रही है, तो रामू काका और कांता बाई से भी पूछ ही लें, वे सोनू सूद से अपनी कौन सी मांग पूरी करवाना चाहते हैं।

साहब को क्या चाहिए, मेमसाब को क्या चाहिए, चुन्नू-मुन्नू की भी फरमाइश पूछ ही ली जाए, जब सोनू सूद के पास अपनी अधूरी ख्वाहिशों की लिस्ट भेजी जा रही है, तो रामू काका और कांता बाई से भी पूछ ही लें, वे सोनू सूद से अपनी कौन सी मांग पूरी करवाना चाहते हैं।

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साहब को क्या चाहिए, मेमसाब को क्या चाहिए, चुन्नू-मुन्नू की भी फरमाइश पूछ ही ली जाए, जब सोनू सूद के पास अपनी अधूरी ख्वाहिशों की लिस्ट भेजी जा रही है, तो रामू काका और कांता बाई से भी पूछ ही लें, वे सोनू सूद से अपनी कौन सी मांग पूरी करवाना चाहते हैं।

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बॉलीवुड और पूरा देश फिलहाल सोनू सूद की । लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने की उनकी कहानी उन दिनों शुरू हुई, जब देश में लॉकडाउन शुरू हुआ। जब गरीब मजदूरों, बेरोजगार कामगारों की रोजी-रोटी पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा था। कोरोना के संक्रमण के डर से वे महानगरों को छोड़ कर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, झारखंड के अपने गांवों में वापस जाना चाहते थे। पर यातायात की सुविधाएं भी ठप थीं। कई परिवार पैदल, तो कई साइकिल या रिक्शा को ही जुगाड़ की गाड़ी बना कर दिल्ली और मुंबई से निकल पड़े। पूरा देश सकते में आ गया। इतनी दूर का सफर... सीमित संसाधन और साथ में पूरा परिवार...। कई दुखभरी खबरें रोज पढ़ी और सुनी जाती थीं, सबका मन पसीजता तो था, पर मदद के लिए एक मजबूत हाथ ही इनकी ओर बढ़ा, वह था सोनू सूद का।  सोनू सूद ने इन परिवारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया है। ढेर सारी बसों का इंतजाम कर उन्होंने सैकड़ों लोग को उनके घर सही सलामत पहुंचवाया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सोनू सूद का धन्यवाद किया, क्योंकि सोनू ने मुंबई में फंसे उत्तराखंड के ढेरों प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचवाया। स्थिति ऐसी हो गयी कि देश के तमाम वंचितों को यह लगने लगा कि अब सोनू भैया ही बेड़ा पार करेंगे।
अब बिहार के उस किसान को देख लीजिए, जिसे सोनू सूद ने भैंस खरीद कर दी। उन्होंने माना कि इतना एक्साइटेड तो वह अपनी पहली कार खरीदते समय भी नहीं थे। सोनू को जब पता चला कि एक किसान की बेटी अपने खेतों को जोतने के लिए बैल की जगह खुद ही हल को कंधे पर रख चुकी है, तो दिल पसीज गया। उन्होंने तुरंत उस किसान को ट्रैक्टर भिजवाया। कोविड के समय विदेशों में फंसे स्टूडेंट्स को स्वदेश ले कर आने के लिए चार्टर्ड प्लेन का इंतजाम किया। हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए यूपी के मिर्जापुर के गरीब व्यक्ति ने अपने बीमार बच्चे के इलाज के लिए मदद मांगी, तो सोनू फरिश्ता बन कर हाजिर हो गए।

 

अपने बर्थडे पर उन्होंने प्रवासी रोजगार के नाम से एक वेबसाइट और एप लॉन्च किया है। इसके माध्यम से संकट की इस घड़ी में प्रवासी मजदूरों को उनके लायक रोजगार पाने में मदद मिलेगी। इस बीच उन्होंने उन बच्चों की भी मदद की, जो मोबाइल फोन ना होने की वजह से ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे। सबके लिए सुपरहीरो बन चुके सोनू ने एथलीट के लिए जूते भिजवाए। एथलीट को अपनी ओलंपिक की ट्रेनिंग के लिए अपने दोस्त से जूते उधार लेने पड़ रहे थे, क्योंकि उसके घर की स्थिति अच्छी नहीं थी। एक भाई ने सिविल सर्विसेज की तैयारी करनेवाली अपनी बहन के लिए सोनू सूद से किताबों के लिए मदद मांगी। किताबें दूसरे दिन ही जरूरतमंद तक पहुंचा दी गयीं।


कुछ मजेदार मांगों पर सोनू ने भी चुटकी ली


इस रियल लाइफ स्टोरी में कुछ मजेदार फिल्मी टि्वस्ट भी खूब रहे। हाल ही में एक सोशल मीडिया यूजर ने अपने सोनू भाई से ओटीटी प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन दिला देने की अपील की। इस पर सोनू सूद ने भी चुटकी लेते हुए लिखा, ‘‘क्या भाई, मैं टीवी, एसी और पॉपकॉर्न भी भिजवा दूं।’’ एक ने उनसे अपने फोन की इंटरनेट की स्पीड को बढ़ा देने की मांग की। इस पर सोनू ने भी मजेदार जवाब दिया, ‘‘कल सुबह तक किसी तरह मैनेज कर लो, अभी तो मैं किसी का कंप्यूटर रिपेअर कर रहा हूं। उसके बाद किसी की शादी तय करवानी है, किसी का ट्रेन का टिकट कन्फर्म करना है।’’ केरल से एक लड़के ने सोनू को मैसेज किया, ‘‘सोनू सर, मेरे चाचू केरल में काम करने गए थे और अब घर वापस आना है, चार आदमी हैं। प्लीज सर हेल्प करें, नहीं तो इस ईद में भी नहीं आ पाएंगे, प्लीज सर।’’ सोनू का रिप्लाई आया, ‘‘चिंता मत कर मेरे भाई... ईद आप अपने चाचू जी के साथ ही मनाएंगे। उन्हें बोलना आपकी ईदी लेते आएं।’’ एक प्रेमी को जब जुदाई का दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ, तो वह भी सोनू के पास अपनी फरियाद ले गया। उसने लिखा, ‘‘भैया, एक बार गर्लफ्रेंड से मिलवा दीजिए... बिहार ही जाना है।’’ सोनू का रिप्लाई कुछ इस तरह से आया, ‘‘थोड़े दिन दूर रह के देख ले भाई... सच्चे प्यार की परीक्षा भी हो जाएगी।’’ 

रोजाना 30 से 40 लोग तरह-तरह की जरूरताें के लिए सोनू सूद से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सोनू की तरफ से इनको जवाब दिया जा रहा है और मदद पहुंचाने की कोशिश भी की जा रही है। एक महिला ने फरियाद की, ‘‘मैं ढाई महीने से पार्लर नहीं गयी, आप मुझे सैलून पहुंचा दें।’’ इसके बाद लिखा, ‘‘मैं मजाक कर रही हूं। आप सच में हीरो हैं।’’