फुरसत के पलों का इससे बेहतर और क्या उपयोग हो सकता है कि घर की छोटी सी बालकनी,टैरेस या किसी भी कोने को हरा-भरा बनाया जाए। आमतौर पर भारतीय घरों में कांटेदार पौधे लगाना शुभ नहीं समझा जाता,लेकिन गुलाब को इस श्रेणी में नहीं रखा जाता। वैसे तो सितंबर-अक्तूबर का महीना गुलाब लगाने के लिए सबसे अच्छा माना

फुरसत के पलों का इससे बेहतर और क्या उपयोग हो सकता है कि घर की छोटी सी बालकनी,टैरेस या किसी भी कोने को हरा-भरा बनाया जाए। आमतौर पर भारतीय घरों में कांटेदार पौधे लगाना शुभ नहीं समझा जाता,लेकिन गुलाब को इस श्रेणी में नहीं रखा जाता। वैसे तो सितंबर-अक्तूबर का महीना गुलाब लगाने के लिए सबसे अच्छा माना

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फुरसत के पलों का इससे बेहतर और क्या उपयोग हो सकता है कि घर की छोटी सी बालकनी,टैरेस या किसी भी कोने को हरा-भरा बनाया जाए। आमतौर पर भारतीय घरों में कांटेदार पौधे लगाना शुभ नहीं समझा जाता,लेकिन गुलाब को इस श्रेणी में नहीं रखा जाता। वैसे तो सितंबर-अक्तूबर का महीना गुलाब लगाने के लिए सबसे अच्छा माना

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फुरसत के पलों का इससे बेहतर और क्या उपयोग हो सकता है कि घर की छोटी सी बालकनी, टैरेस या किसी भी कोने को हरा-भरा बनाया जाए। आमतौर पर भारतीय घरों में कांटेदार पौधे लगाना शुभ नहीं समझा जाता, लेकिन गुलाब को इस श्रेणी में नहीं रखा जाता। वैसे तो सितंबर-अक्तूबर का महीना गुलाब लगाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन फरवरी महीने तक इसे लगाया जा सकता है। थोड़ी एहतियात बरती जाए, तो पौधा अच्छी तरह लग सकेगा और उसमें लगातार फूल भी खिलते रहेंगे। आजकल हम गमलों में ही गुलाब की कलम या पौधा लगाते हैं। इसके लिए सही गमले के चयन से ले कर सही कलम, मिट्टी, खाद, पानी और कीटनाशक की जानकारी जरूरी है। गार्डनिंग एक्सपर्ट व टैरेस अाईलैंड यूट्यूब चैनल के प्रस्तोता अमित से जानें घर में गुलाब उगाने का सही तरीका 

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चुनें सही कंटेनर

अमूमन 12 इंच के गमले घरों में अधिक रखे जाते हैं। इनमें गुलाब आसानी से लगता है। हालांकि हाइब्रिड के लिए थोड़े बड़े कंटेनर की जरूरत पड़ती है। सबसे अच्छे मिट्टी के गमले होते हैं। इनमें पानी समय-समय पर देना पड़ता है, लेकिन पौधों की बढ़त इन्हीं में अच्छी होती है। अगर ये ना हों, तो प्लास्टिक, सीमेंट या फाइबर के कंटेनर्स में भी गुलाब लगा सकते हैं। प्लास्टिक के गमलों में पानी जल्दी सूख जाता है, जबकि गुलाब को थोड़ी नमी की जरूरत होती है। हल्के गमले ही रखने चाहिए, ताकि समय-समय पर उनकी जगह बदली जा सके। अगर गमला मिट्टी का है, तो उसे गेरू से लीपें या पेंट कर दें। बेहतर होगा कि गमले के नीचे प्लास्टिक की ट्रे रख दें, ताकि पानी देते हुए अतिरिक्त पानी के साथ पौधे की खाद या न्यूट्रिएंट्स भी बाहर ना बह जाएं। 

कलम लगाएं ऐसे

कई बार लोगों की शिकायत होती है कि कलम लग नहीं पाती या पौधा जब नर्सरी से आता है, तो हरा-भरा लगता है, उसमें काफी कलियां भी होती हैं, लेकिन घर में आ कर वह मुरझा जाता है या फिर उसमें और कलियां नहीं आतीं। कलम लगाने का नियम यह है कि उसे लगाने के बाद एक ऐसी जगह फिक्स करें, जहां वह बिलकुल हिले-डुले नहीं। अगर कलम हिल जाएगी, तो पौधा तैयार नहीं हो सकेगा। कई बार फंगस के कारण भी पौधा नहीं पनपता। कलम अगर 4-5 इंच की है, तो उसे मिट्टी में डेढ़ इंच तक नीचे लगाएं। 20-25 दिन उसे यों ही छोड़ दें और पानी देते रहें। छोटे-छोटे 4-5 इंच के पॉट्स में भी कलम लगा सकते हैं। इन्हें एक साथ किसी सुरक्षित जगह पर रख दें और ऊपर से बाथिंग टब या किसी बोतल को उल्टा करके 20-25 दिन के लिए छोड़ दें। कलम के लिए टहनी ऐसी जगह से कट करें, जहां से कोई नयी शाखा और पत्तियां निकल रही हों। पौधे को ट्रांसप्लांट करके तुरंत धूप में ना रखें। पौधा शाम को लगाएं, क्योंकि नर्सरी और घर के वातावरण में फर्क होता है। 

मिट्टी-खाद का सही मिश्रण

गुलाब के लिए हल्की दोमट, चिकनी, उपजाऊ मिट्टी अच्छी होती है, जो पानी को रोक सके और जिससे पानी निकासी भी ठीक रहे। मिट्टी तैयार करने के लिए 40 प्रतिशत मिट्टी, 30 प्रतिशत कोकोपिट और 30 प्रतिशत गोबर की खाद मिलाएं या फिर इन तीनों का अनुपात 30-30 रखें। बाकी 10 प्रतिशत में नीम खली और रेत मिला लें। वैसे मिट्टी में चुटकीभर हल्दी भी मिला देंगे, तो फंगल इन्फेक्शन से पौधे का बचाव हो सकेगा। 

कौन सा गुलाब सही

Woman spraying flowers in the garden

देसी गुलाब को बहुत केअर नहीं चाहिए, लेकिन इंग्लिश गुलाब को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है। गुलाब की कई नस्लें हैं, इनमें टच रोज और आस्ट्रेलियाई गुलाब भी शामिल हैं। हाइब्रिड-टी गुलाब जल्दी बढ़ते हैं, इनमें फूल धीरे-धीरे खिलते हैं। पोलीएंथा में फूल जल्दी खिलते हैं। फ्लोरीबंडा प्रजाति हाइब्रिड-टी और बौने पोलीएंथा के संकरण से बनायी गयी है। इनके फूल गुच्छेदार होते हैं, ये हाइब्रिड से थोड़े छोटे, लेकिन पोलीएंथा से बड़े होते हैं। इसके अलावा लतरों वाला गुलाब भी होता है। इसे सीधा रखने के लिए सहारे की जरूरत होती है। ये फूल बहुत सुंदर दिखते हैं। मिनिएचर गुलाब ज्यादा समय तक खिलते हैं, इनकी पत्तियां छोटी होती हैं, फूल सुंदर और छोटे होते हैं। गमलों में ये आसानी से खिलते हैं। एक किस्म झाड़ीदार भी होती है, ये पहाड़ी इलाकों और बगीचों में होते हैं। अपनी पसंद, जगह, जलवायु और देखभाल के तरीकों के अनुसार आप अपने लिए सही गुलाब का चयन कर सकते हैं। 

पोषण भी जरूरी

गुलाब के लिए वर्मी कंपोस्ट व गोबर की खाद अच्छी होती है। हर 15 दिन के अंतराल पर खाद डालें। गुलाब में सबसे ज्यादा ब्लैकस्पॉट,पाउडरी माइल्ड्यू जैसी बीमारियां होती हैं। फंगल रोगों से इसे बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव किया जाना चाहिए। दीमक से बचाने के लिए दो-तीन महीने में जरा सी हींग का पानी इसमें डालें। महीने में एक बार गोबर की खाद डालें। इसके अलावा प्याज या केले के छिलकों को दो दिन पानी में भिगोएं और इस पानी को छान कर गुलाब में डाल दें। इसी तरह नीम की पत्तियों का पानी भी पौधे में डाल सकते हैं। महीने में हर 10-10 दिन पर तीन बार ऐसा करने से पौधा सुरक्षित और स्वस्थ रहेगा, फूल भी अच्छे आएंगे।

जब शिफ्ट करें पौधा

नर्सरी से गुलाब का पौधा ला कर रीपॉट कर रहे हों, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। पौधा तुरंत दूसरे गमले में शिफ्ट करने के बजाय 2-3 दिन बाद रीपॉट करें। सिर्फ काली मिट्टी ही ना रखें, इसमें थोड़ी रेत और खाद मिलाएं। रासायनिक खाद का प्रयोग ना करें, तो बेहतर होगा। इसके बजाय गोबर की खाद मिलाएं। गुलाब को तेज धूप की जरूरत होती है, लेकिन लगाने के तुरंत बाद इसे धूप में ना रखें। दो-तीन दिन छाया में रहने दें। 

सही से लगे कलम

कलम की मोटाई कम से कम आधा इंच हो, उसमें से कल्ले फूट रहे हों। कलम ताजी हो, तो एक घंटा पानी में भिगोएं, अगर थोड़ी पुरानी हो तो दिनभर पानी में डाल कर शाम को लगाएं। कलम का जो हिस्सा मिट्टी में दबाना हो, उसे आधा इंच छीलें और लगभग तीन-साढ़े तीन इंच मिट्टी में दबा दें। वसंत ऋतु के आसपास पौधे की जड़ के आसपास एक चम्मच एप्सॉन नमक का छिड़काव करें। इससे पौधे को पर्याप्त मैग्नीशियम मिलता रहेगा। 

पानी थोड़ा-थोड़ा दें

गुलाब को गरमी के मौसम में 2 बार और सरदियों में 2-3 दिन में एक बार पानी की आवश्यकता होती है। ध्यान रखें कि ना तो पानी ज्यादा हो और ना ही इतना कम कि पौधे में नमी ही ना बचे। पानी देने का नियम यह है कि मिट्टी में उंगली डाल कर जांच कर लें। अगर उसकी सतह सूखी है, तो इसका मतलब है कि पौधे को पानी की जरूरत है। पौधा लगाने से कुछ घंटे पहले और तुरंत बाद थोड़ा पानी जरूर दें।

टोनिंग जरूरी

समय-समय पर पौधे की टोनिंग या छंटाई करें, खासतौर पर सरदी के मौसम से पहले। पौधे को ज्यादा ना बढ़ने दें। हाइट कम होगी, तभी जड़ें मिट्टी में आसानी से फैल सकेंगी और उन्हें पोषण मिल सकेगा। खिल चुके गुलाब के बचे हिस्से को भी कैंची की सहायता से अलग करें। छंटाई के बाद कीटनाशक या फफूंदनाशक पेस्ट शाखाओं पर जरूर लगाएं, कई बार कटे हिस्से पर रोग पनपने लगते हैं और पौधा सूखने लगता है।