घर में कैक्टस लगाना शुभ या अशुभ
कैक्टस का क्रेज सदाबहार है। हालांकि ढेरों लोग इन कांटेदार पौधों से घर सजाने को शुभ नहीं मानते हैं। फेंग शुई थ्योरी के अनुसार कुछ पौधे सकारात्मक ऊर्जा, तो कुछ नकारात्मक ऊर्जा यानी अशुभ के प्रतीक होते हैं। इसी नेगेटिव एनर्जी के कारण ऐसे पौधों को घर में रखने से मना किया गया है।
कैक्टस का क्रेज सदाबहार है। हालांकि ढेरों लोग इन कांटेदार पौधों से घर सजाने को शुभ नहीं मानते हैं। फेंग शुई थ्योरी के अनुसार कुछ पौधे सकारात्मक ऊर्जा, तो कुछ नकारात्मक ऊर्जा यानी अशुभ के प्रतीक होते हैं। इसी नेगेटिव एनर्जी के कारण ऐसे पौधों को घर में रखने से मना किया गया है।
कैक्टस का क्रेज सदाबहार है। हालांकि ढेरों लोग इन कांटेदार पौधों से घर सजाने को शुभ नहीं मानते हैं। फेंग शुई थ्योरी के अनुसार कुछ पौधे सकारात्मक ऊर्जा, तो कुछ नकारात्मक ऊर्जा यानी अशुभ के प्रतीक होते हैं। इसी नेगेटिव एनर्जी के कारण ऐसे पौधों को घर में रखने से मना किया गया है।
कैक्टस का क्रेज सदाबहार है। हालांकि ढेरों लोग इन कांटेदार पौधों से घर सजाने को शुभ नहीं मानते हैं। फेंग शुई थ्योरी के अनुसार कुछ पौधे सकारात्मक ऊर्जा, तो कुछ नकारात्मक ऊर्जा यानी अशुभ के प्रतीक होते हैं। इसी नेगेटिव एनर्जी के कारण ऐसे पौधों को घर में रखने से मना किया गया है।
सकारात्मक सोच रखनेवाले यह मानते हैं कि नागफनी यानी कैक्टस रेगिस्तान का पौधा है, इसलिए इसे विपरीत माहौल में भी जीने की कला अाती है। साथ ही ये लोग इस बात का भी समर्थन करते हैं कि कैक्टस के कांटे ईर्ष्या, मनमुटाव को घर से दूर रखते हैं इसलिए इसे लगाने से परहेज क्यों? एक रिपोर्ट के अनुसार कैक्टस अरेंजमेंट्स में यकीन रखनेवालों की संख्या में 235 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो लोग शुभ-अशुभ की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, वे घर को कैक्टस से डेकोरेट करते हैं। इनमें कभी-कभी खिलनेवाले गुलाबी, नारंगी, पीले, लाल रंग के छोटे-बड़े फूल इतने खूबसूरत होते हैं कि उन पर से नजर ही नहीं हटती है।
कैसे सजाएं
⇛ अगर अाप कैक्टस को पॉजिटिव अंदाज में देखते हैं अौर यह सोचते हैं कि इसके कांटे नेगेटिव एनर्जी सोखते हैं, तो इसे घर के टेरेस या बालकनी पर लगाएं।
⇛ पहली बार कैक्टस लगा रहे हैं, तो इसे मुख्य दरवाजे के नजदीक नहीं रखें, ताकि इसके कांटे पॉजिटिविटी को अंदर अाने से ना रोकें।
⇛ मजेदार बात है कि कुछ लोग किचन स्लैब के कॉर्नर पर छोटे-छोटे कैक्टस सजाते हैं। उनका मानना है कि यह खाने के स्वाद को खराब होने से बचाता है।
⇛ घर की बाउंड्री को भी तरह-तरह के कैक्टस से सजा सकते हैं। यह घर को बुरी नजर से बचाएगा। साथ ही जब इन सबमें अलग-अलग रंगों के फूल लगेंगे, तो घर सुंदर दिखेगा।
⇛ कैक्टस को घर के विंडो सिल पर भी रख सकते हैं। इससे वह जगह अच्छी दिखेगी।
क्यों लगाएं
⇛ कैक्टस को अासानी से उगाया जा सकता है। इसके रखरखाव में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। महीनेभर के लिए भी इनको घर में छोड़ कर बाहर जाना पड़े, तो इनकी सेहत पर बुरा असर नहीं पड़ता है।
⇛ कैक्टस के लिए ऐसे गमलों को चुनें, जिसके तली से गमले में जमा अत्यधिक पानी के निकलने की अच्छी व्यवस्था हो। इसके पौधे बलुअा मिट्टी में अच्छी तरह से पनपते हैं, क्योंकि यह मिट्टी पानी को जमा नहीं रखता है।
⇛ मिनिएचर यानी बहुत छोटे-छोटे कैक्टस जिसे कप साइज के पॉट में लगाया जा सकता है अाजकल खूब चलन में है। इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना भी अासान है।
⇛ कहीं भी कैक्टस लगाएं, उसके बैकग्राउंड में या अासपास कैक्टस की बड़ी पेंटिंग या फोटो जरूर लगाएं। सारे अंधविश्वासों को दरकिनार करते हुए अगर कैक्टस को अाप ड्रॉइंगरूम में लगा रहे हैं, तो सोफे पर कैक्टस की तसवीरवाले बने कुशन कवर रखें।
⇛ एक बड़े पॉट में कई तरह के कैक्टस को एक साथ लगाएं। कैक्ट्स के साथ सक्कुलेंट पौधे को भी लगा सकते हैं। इन दोनों का कॉम्बिनेशन बहुत ही अच्छा दिखता है।
⇛ जब कभी भी कैक्टस की साफ-सफाई से जुड़े काम कर रहे हों, तो रबड़ गलव्स का इस्तेमाल करें। इससे अापके हाथ इसके नुकीले कांटों से बचे रहेंगे।