स्ट्रेस या तनाव सिर्फ आपके दिल की धड़कनें नहीं बढ़ाता, बल्कि पेट खराब होने की वजह भी बनता है। जानिए इसका क्या है इलाज व किन बातों का रखना है ध्यान-

स्ट्रेस या तनाव सिर्फ आपके दिल की धड़कनें नहीं बढ़ाता, बल्कि पेट खराब होने की वजह भी बनता है। जानिए इसका क्या है इलाज व किन बातों का रखना है ध्यान-

Want to gain access to all premium stories?

Activate your premium subscription today

  • Premium Stories
  • Ad Lite Experience
  • UnlimitedAccess
  • E-PaperAccess

स्ट्रेस या तनाव सिर्फ आपके दिल की धड़कनें नहीं बढ़ाता, बल्कि पेट खराब होने की वजह भी बनता है। जानिए इसका क्या है इलाज व किन बातों का रखना है ध्यान-

Want to gain access to all premium stories?

Activate your premium subscription today

  • Premium Stories
  • Ad Lite Experience
  • UnlimitedAccess
  • E-PaperAccess

तनाव होने पर पेट में गुदगुदी होना, मरोड़ उठना या फिर पेट खराब होना बेहद आम बात है। दरअसल, स्ट्रेस का हमारे पेट से बहुत गहरा संबंध है। इस बारे में कई रिसर्च भी हुई हैं, जिनमें यह साबित हो चुका है कि जब भी आप तनाव में होते हैं, तो आपकी बॉडी से कुछ केमिकल्स और हारमोन्स रिलीज होते हैं, जो आपके डाइजेस्टिव ट्रैक्ट तक पहुंच जाते हैं। इनकी वजह से पेट में कई तरह की पाचन से जुड़ी बीमारियां पैदा होने लगती हैं।

फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के डाइरेक्टर व एचओडी डॉ. बीर सिंह सहरावत का कहना है, ‘‘स्ट्रेस से हमारी बॉडी पर बुरा असर पड़ता है। इसका ना सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनके लक्षण स्ट्रेस के साथ बढ़ते हैं, इनमें से सबसे आम बीमारियां हैं आईबीएस, पेट में छाले होना, एसिड बनना आदि। कुछ लोग पेट खराब होने पर फौरन एंटीबायोटिक का कोर्स कर शुरू कर देते हैं। इससे बॉडी को काफी नुकसान होता है। आमतौर पर लोग ये एंटीबायोटिक दवाएं डॉक्टर से पूछे बिना शुरू तो कर लेते हैं, लेकिन जैसे ही तनाव की वजह खत्म होती है, तो पेट ठीक हो जाता है और लोग एंटीबायोटिक बीच में रोक देते हैं। यह सबसे बड़ी गलती है, जिसे दोहराने से बचना चाहिए। एंटीबायोटिक का कोर्स बीच में रोक देने से शरीर में मौजूद बैक्टीरिया पर उसका असर कम होने लगता है।’’

अगर आपको यह लग रहा है कि स्ट्रेस की वजह से आप पेट की खराबी का सामना कर रहे हैं, तो एंटीबायोटिक शुरू करने की जल्दबाजी ना करें। यह बॉडी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

क्या है समाधान

अगर आपको स्ट्रेस की वजह से पेट की खराबी का सामना करना पड़ रहा है, तो ऐसी स्थिति में बिलकुल भी पैनिक ना हों, बल्कि कुछ बातों का ध्यान रखें-

- ऐसी स्थिति में डाइट को हल्का करें। हेवी चीजें, जिनसे पेट में गैस व जलन होती हो, उन्हें खाने से बचें।

- अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड चीजें शामिल करें। एसिडिटी या पेट में जलन हो रही हो, तो गरम पेय पदार्थ पीने के बजाय ठंडी चीजें जैसे छाछ, नारियल पानी आदि लें।

- स्ट्रेस दूर करने के नेचुरल तरीकों को फॉलो करें, जैसे डीप ब्रीदिंग व मेडिटेशन करें।

- डॉक्टर के परामर्श से स्ट्रेस को कम करनेवाली दवाअों की मदद भी ली जा सकती है।

- कुछ केसेज में थोड़े समय के लिए जगह बदलने से भी हालत में सुधार देखा गया है। कई बार एनवाॅयरमेंट चेंज करने से स्ट्रेस से जुड़े बीमारी के लक्षण एकदम गायब हो जाते हैं।

- अगर आपको लगता है कि दवा लिए बिना आप ठीक महसूस नहीं करेंगे और आपको दवाई जरूर ही लेनी है, तो एसओएस दवाएं डॉक्टर की सलाह से लें। ये दवाएं आपकी बीमारी के लक्षणों को कम करके बेहतर फील करवाती हैं।

और क्या हैं दिक्कतें

एसिडिटी और पेट की खराबी के अलावा स्ट्रेस की वजह से कई और दिक्कतें भी होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं सिर दर्द, अनियमित पीरियड्स, हारमोन्स में असंतुलन, एंग्जाइटी, सेक्स ड्राइव में कमी, सांस लेने में दिक्कत होना या दम घुटना, खांसी होना या गला खराब होना। इनके अलावा अगर स्ट्रेस लंबे समय तक रहने लगे, तो कुछ गंभीर समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं जैसे हृदय रोग, डाइबिटीज, हाई बीपी, डिप्रेशन आदि।

इनसे बचने के लिए जरूरी है कि आप स्ट्रेस की वजह को दूर करें। अगर यह संभव ना हो, तो कोई हॉबी डेवलप करें जैसे कि बागबानी, मॉर्निंग वॉक, योग, मेडिटेशन, पेंटिंग, डांस या म्यूजिक आदि और दिन में आधा घंटा इस एक्टिविटी को जरूर दें।