प्यार एक ऐसी दवा है, जो जीवन में रोमांस घोलने के साथ शरीर के दर्दों से भी मुक्ति दिलाता है।

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प्यार एक ऐसी दवा है, जो जीवन में रोमांस घोलने के साथ शरीर के दर्दों से भी मुक्ति दिलाता है।


अपने हमदम को देख कर दिल धड़कना, शरमाना, अदा में अा जाना लव हारमोन का कमाल है, तो सच यह भी है कि यह हारमोन मांसपेशियों की मरम्मत करके उनको स्वस्थ अौर सक्रिय रखने का काम भी करता है। अाजकल दुनियाभर में लव हारमोन के बड़े चर्चे हैं। दरअसल यह अॉक्सीटोसिन हारमोन ही है।
लव हारमोन सामाजिक जुड़ाव, प्यार के बंधन अौर महिलाअों को मातृत्व से लबरेज रखता है। अापके अंदर प्यार-मोहब्बत का जागना इस हारमोन की वजह से है, जो स्त्री-पुरुष दोनों को प्रभावित करता है, लेकिन िस्त्रयों पर इसका असर ज्यादा समय तक रहता है।
पिछले दिनों लव हारमोन पर किया गया अध्ययन कुछ ऐसी ही सचाई बयां करता है। कोलंबिया युनिवर्सिटी में प्रिंसिपल रिसर्चर एरीना कोनबॉय ने अपनी रिसर्च के दौरान पाया कि जिस दौरान यह सक्रिय रहता है, स्त्री हो या पुरुष दोनों गले तक प्यार में डूब जाते हैं। एक-दूसरे के लिए मर मिटने का जज्बा यही हारमोन जगाता है। यह ना सिर्फ प्यार को ऊंचाई देता है, बल्कि कोशिकाअों अौर ऊतकों की भी मरम्मत करता है। इस हारमोन का नयी कोशिकाएं बनाने में बड़ा योगदान रहता है।
यह शरीर में कैंसर को भी पनपने से रोकता है। एक प्रयोग में यह बात सामने अायी। प्रयोग के दौरान एक चूहे को घायल होने के 5 दिनों बाद अॉक्सीटोसिन का इन्जेक्शन 4 दिनों तक दिया गया। कुछ ही दिनों में उसकी मांसपेशियां एकदम अच्छी हो गयीं अौर वह सक्रिय हो गया।
दिल्ली के विमहंस हॉस्पिटल में कंसल्टेंट रह चुके एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. मोनाशीष साहू के अनुसार, लव हारमोन की तरह कई अौर हारमोन हैं, जो किसी भी रिश्ते के लिए जरूरी हैं। इन्हें सेक्स हारमोन या कोनाइडल हारमोन भी कहते हैं। महिलाअों में अोवरीज से इस्ट्रोजन निकलता है अौर पुरुषों में टेस्टिकल्स से टेस्टोस्टेरॉन हारमोन निकलता है, जो काफी अहम हैं।
लव हारमोन शारीरिक अाकर्षण के साथ रिश्तों में वफादारी पैदा करता है, इसीलिए इसे लव हारमोन नाम दिया गया है। शारीरिक संबंधों के बाद लव हारमोन अपने अाप बढ़ जाता है। यह कुदरत का करिश्मा है कि प्रेगनेंसी पीरियड के दौरान मां में अॉक्सीटोसिन हारमोन बढ़ जाता है। इसी वजह से मां में दूध बनता है अौर मां की ममता बच्चे पर उमड़-उमड़ पड़ती है। मां अौर बच्चे के बीच में प्यार, ममता अौर विश्वास के बंधन को बनानेवाला यही हारमोन है।
दांपत्य को मजबूत करने में अॉक्सीटोसिन मुख्य भूमिका निभाता है। दंपती का एक-दूसरे की खातिर किसी भी हद से गुजर जाना, एक-दूसरे के बिना जीवन की कल्पना भी ना कर पाने के पीछे इसी हारमोन की सबसे बड़ी भूमिका है। लैला-मजनूं, शीरी-फरहाद की लव स्टोरी के पीछे वैज्ञानिक अाधार लव हारमोन का ऊंचा स्तर रहा होगा। यानी सारा जोर ‘प्यार दो, प्यार लो’ पर है।
मसल्स पेन से छुटकारा
डॉ. मोनाशीष के अनुसार, माहौल की वजह से होनेवाले मानसिक दबावों के कारण मनोवैज्ञानिक समस्याएं अौर बीमारियां बढ़ रही हैं। हमारे पास अकसर लोग शरीर में दर्द अौर एेंठन की समस्याएं ले कर अाते हैं। उनके सारे टेस्ट कराने पर भी कारण पकड़ में नहीं अाता है। तब देखा जाता है कि कहीं दर्द या एेंठन की समस्या साइकोसोमेटिक यानी मनोवैज्ञानिक कारणों से तो नहीं है।
यह स्थिति मन अौर शरीर के बीच के संबंध में तालमेल ना हो पाने का परिणाम है। अकसर परिवार में पारिवारिक या अार्थिक स्थिति के डगमगाने पर हल्का सा डिप्रेशन या कोई ना कोई बीमारी लग जाती है। अामतौर पर दर्द या एेंठन के रूप में सामने अानेवाली शारीरिक समस्याएं इन्हीं मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है। अगर साइकोसोमेटिक समस्याएं हैं, तो वे हारमोन जरूरी हो जाते हैं, जो अच्छा महसूस करानेवाले हों।
डॉ. साहू का मानना है कि भले लव हारमोन के बारे में दावा ना किया जा सके, पर ऐसे स्त्री-पुरुष जिनके जीवन में प्यार अौर विश्वास की कमी है, मानसिक असंतोष है, वे शरीर में बेहद दर्द अौर एेंठन की शिकायत ले कर अाते हैं। जहां संबंधों में निकटता अौर विश्वास नहीं है, परिवार में टूटन है, वहां शरीर में दर्द की शिकायत अाम है।
सिर्फ पति-पत्नी नहीं, बेटे अौर पिता, मां अौर बच्चे, भाई-बहन, भाई-भाई के बीच यदि प्यार, समर्पण अौर विश्वास नहीं है, दिलों के बीच दूरियां हैं, वहां जबर्दस्त शारीरिक दर्द व एेंठन की शिकायत ले कर अानेवाले मरीज ज्यादा हैं। अगर अार्थिक परेशानी है, पर प्यार-मोहब्बत अौर भरोसा है, तो ऐसी समस्या देखने को नहीं मिलती। उनको साइकोसोमेटिक समस्या होती है, जो पहले दिमाग पर दबाव पड़ने अौर उसकी वजह से हारमोन्स पर विपरीत असर के कारण उत्पन्न होती है।


तनाव अौर महिलाएं
अकसर महिलाअों को सिर दर्द, गले की जलन, शरीर की एेंठन तभी महसूस होती है जब वे गहरे तनाव में होती हैं। अगर हम रिलैक्स हैं, दांपत्य में विश्वास बना हुअा है, करीबी रिश्तों के साथ संतुलन बना हुअा है, अच्छा महसूस हो रहा है, तो तनाव दूर ही रहेंगे। तब संबंधों में रस घोलनेवाला लव हारमोन सक्रिय हो जाता है।
लव हारमोन सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका या दंपतियों के बीच ही प्यार का उफान नहीं खड़ा करता है, बल्कि मां-बच्चे के बीच ममता अौर प्यार के रिश्ते को मजबूती देनेवाला यही हारमोन है।बच्चे के जन्म से मां अौर बच्चे के बीच जो बेहद गहरा लगाव बनता है, वह उम्रभर बना रहता है। इसके पीछे वजह उस बीच ब्रेन से रिलीज होनेवाला यही लव हारमोन है। हारमोन का दबाव ब्रेन पर पड़ता है, जो हमें सुरक्षित महसूस कराता है यानी घर, परिवार अौर बच्चा सब ठीकठाक चल रहा है। दरअसल अॉक्सीटोसिन ब्रेन से ले कर शरीर के हर भाग में सकारात्मक नतीजे देता है।
अानेवाले समय में यह हारमोन निश्चित रूप से शरीर के दर्द व मांसपेशियों की एेंठन को दूर करनेवाला साबित होगा। इस पर अभी अौर रिसर्च की जा रही हैं।
चिंता से डिस्टर्ब हारमोन्स
हमारी सोच, चिंताएं अौर डर हारमोन्स को डिस्टर्ब कर देते हैं। हारमोन्स को मास्टर ग्लैंड नियंत्रित करता है। यह हमारे मस्तिष्क के बीचोंबीच स्थित होता है, इसे पिट्यूटरी ग्लैंड भी कहते हैं। यहां सारे महत्वपूर्ण हारमोन्स रिलीज होते हैं। इनमें से एक अॉक्सीटोसिन भी होता है। हमारी सोच मस्तिष्क से ही पैदा होती है। निश्चित रूप से उस ग्लैंड को प्रभावित करती है अौर इसी वजह से हारमोन्स में गड़बड़ी अाने से शरीर में दर्द अौर एेंठन अादि पैदा हो जाता है।
हो सकता है अानेवाले दिनों में अापसी प्रेम, विश्वास घटते ही लव हारमोन का स्प्रे या इन्जेक्शन दे कर संबंध फिर से प्रगाढ़ बनाने के प्रयोग शुरू हो जाएं। विज्ञान के इतनी तरक्की कर लेने तक अाप अपने दांपत्य अौर अन्य पारिवारिक संबंधों में प्यार जगाए रखें, सभी रिश्तों को सच्चे मन से निभाएं अौर संबंधों की गरमाहट बनाए रखें।