त्योहार मतलब बहुत सा खाना-पीना मीठा, नमकीन, तला और हेवी खाना त्योहार में हमारी डाइट का आम हिस्सा बन जाता है। नाश्ते से ले कर डिनर तक पकवान बनाए और खाए जाते हैं, ऐसे में पेट का अपसेट होना और ब्लोटिंग होना आम है। फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण की क्लीनिकल डाइटीशियन सुमाया ए बता रही हैं त्योहारों में पेट का

त्योहार मतलब बहुत सा खाना-पीना मीठा, नमकीन, तला और हेवी खाना त्योहार में हमारी डाइट का आम हिस्सा बन जाता है। नाश्ते से ले कर डिनर तक पकवान बनाए और खाए जाते हैं, ऐसे में पेट का अपसेट होना और ब्लोटिंग होना आम है। फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण की क्लीनिकल डाइटीशियन सुमाया ए बता रही हैं त्योहारों में पेट का

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त्योहार मतलब बहुत सा खाना-पीना मीठा, नमकीन, तला और हेवी खाना त्योहार में हमारी डाइट का आम हिस्सा बन जाता है। नाश्ते से ले कर डिनर तक पकवान बनाए और खाए जाते हैं, ऐसे में पेट का अपसेट होना और ब्लोटिंग होना आम है। फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण की क्लीनिकल डाइटीशियन सुमाया ए बता रही हैं त्योहारों में पेट का

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त्योहार मतलब बहुत सा खाना-पीना मीठा, नमकीन, तला और हेवी खाना त्योहार में हमारी डाइट का आम हिस्सा बन जाता है। नाश्ते से ले कर डिनर तक पकवान बनाए और खाए जाते हैं, ऐसे में पेट का अपसेट होना और ब्लोटिंग होना आम है।

फोर्टिस हॉस्पिटल, कल्याण की क्लीनिकल डाइटीशियन सुमाया ए बता रही हैं त्योहारों में पेट का ध्यान रखते हुए सब कुछ खाने का सही तरीका-

पेट को ब्लोटिंग से बचाने के लिए जरूरी है माइंडफुल ईटिंग यानी किस समय क्या खा रहे हैं, स्लीप शेड्यूल क्या है और आप इंग्रीडिएंट्स को किस तरह मैनेज कर रहे हैं। ब्लोटिंग को कंट्रोल करने के लिए खाने की मात्रा कंट्रोल करना जरूरी है, साथ ही डाइजेशन ठीक रखने के लिए अपना फिटनेस रूटीन स्किप ना करें। आप हेवी फेस्टिवल फूड के साथ कोल्ड ड्रिंक की जगह हर्बल टी और प्रोबायोटिक ड्रिंक्स जरूर लें।

फेस्टिवल में हम कई तरह के पकवान खाते हैं मीठा, नमकीन और ढेर सारा डीप फ्राइड स्नैक्स और मेन कोर्स। ऑइली और शुगरी फूड खासतौर से मॉकटेल या ड्रिंक्स, जिनमेें शुगर सिरप हो, ज्यादा ब्लोटिंग करते हैं। ऑइली फूड हेवी होते हैं और त्योहारों में ज्यादा खाने के कारण ब्लोटिंग हो जाती है।

पेट को फिट रखने के उपाय

  • अपने पेट को ठीक रखने के लिए आगे बताए गए तरीके अपनाएं और ना करें अपनी पसंद की डिश को मिस-
  • ब्लोटिंग से बचने के लिए पोर्शन कंट्रोल करें। अकसर स्पाइसी और ऑइली फूड त्योहारों में ज्यादा मात्रा में खा लिया जाता है। अगर खाना लिमिट में खाएं तो ब्लोटिंग से बचा जा सकता है। स्वाद के चक्कर में सेहत से समझौता ना करें।
  • कई तरह के फूड आइटम्स को मिक्स करके खाने से बचें। कुछ फूड कॉम्बिनेशन नुकसानदेह हो सकते हैं। ऑइली फूड और शुगरी ड्रिंक्स साथ में ली जाएं तो ब्लोटिंग हो सकती है। शुगरी ड्रिंक्स की जगह सादा नीबू पानी बिना सोडा के लें।
  • हेवी मील्स और ऑइली स्नैक्स के बाद हेल्दी ड्रिंक्स लें। ज्यादा खा लिया तो बाद में अदरक और जीरे का पानी ले सकते हैं। ग्रीन टी भी डाइजेशन में मदद करती है। आप अजवाइन का भी पानी पी सकते हैं। ये सभी डिटॉक्स करने में मदद करती हैं।
  • इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस), एसिडिटी या डाइबिटीज जैसी समस्याओं के रोगी भी त्योहारों में मील्स को एंजाॅय कर सकते हैं। इस तरह की क्रॉनिक समस्याओं में लाइफस्टाइल में बदलाव लाना जरूरी होता है। अगर आईबीएस है तो स्पाइसी और ऑइली फूड कम मात्रा में खाएं। डाइबिटिक हैं तो मिठाइयों की जगह ड्राई फ्रूट्स जैसे अंजीर या खजूर खाएं। अपने मील्स के साइज पर ध्यान दें, फिटनेस रूटीन स्किप ना करें और समय से सोएं। अपने डाइट में फाइबर कम ना होने दें।