आज मैं जो भी हूं, उसके पीछे मां की मेहनत, परिश्रम, प्यार है। उसका यह कर्ज मैं कितना भी चाहूं, लेकिन उतरेगा नहीं !

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मेरी मां मुझे कितनी अजीज हैं, यह अल्फाजों में बयां नहीं कर सकता मैं, लेकिन मेरी मां दुनिया की बेस्ट मॉम हैं, इस पर पूरा विश्वास है। बहुत सी परेशानियां, मेंटल स्ट्रेस, आर्थिक संकट हर दिक्कतों का सामना मां ने अकेले किया। सभी मुसीबतों के बावजूद हम बच्चों की परवरिश की। मां मुझे साशा कहती हैं अौर मैं अपनी मां का श्रवण बेटा हूं। 

मां ने अपने कॉलेज के दिन की कई सारी बातें मुझे समय-समय पर शेअर की हैं। मैं मां का बड़ा और पहला बेटा जो हूं। हर परिवार के बड़े बेटे और बेटी के साथ मां अपनी खुशियां, अपने दुख-दर्द और अपनी भावनाओं को शेअर करती है। मेरी मां बचपन से कथक सीखती थीं और उनके कथक के कई शोज दिल्ली के अलावा कई शहरों में हुआ करते। मां बिरजू महाराज की शिष्या थीं। जब मां दिल्ली में कॉलेज में पढ़ती थीं, और उसकी उम्र 19 वर्ष की थी, मां और पापा (पंकज कपूर) में प्यार हुआ। मेरे नाना जी (अनवर अजीम, जाने-माने पत्रकार और उर्दू के लेखक) ने मां से मिन्नतें कीं, कहा कि 19 वर्ष की उम्र कोई शादी की नहीं, बल्कि मां को डांस में आगे बढ़ना होगा। लेकिन मां ने उनकी एक ना सुनी और पापा से शादी कर ली। पापा के वे संघर्ष के दिन थे। शादी के बाद जब मां गर्भवती हुईं, तो नाना जी ने तब भी मां से कहा कि बेटा, इस प्रेगनेंसी को टालो। लेकिन मां ने हर हाल में मुझे जन्म दिया। जैसे मेरे दो महीने पूरे हुए, पापा और मां में बहुत मतभेद होने लगे। दोनों के मतभेदों का असर मुझ पर होने लगा ! पापा ने अकेले मुंबई जाने का निर्णय लिया अौर मां तनहा हो गयीं। 

मेरा और खुद का पेट पालने के लिए मां के सामने कोई विकल्प नहीं बचा। वे टीवी शोज, फिल्में, डांस शोज, जो भी काम मिलता रहा, स्वीकारती रहीं। मुंबई जाने के बाद पापा को जीरो से उनके कैरिअर की शुरुआत करनी थी। एक लंबा समय पापा हमारी सुधबुध नहीं ले पाए थे। मां की भूख-प्यास, सांस-चैन सब कुछ मैं ही था। फिर बाल कलाकार के रूप में काम करने का मुझे मौका मिला और मैं फिल्मों की दुनिया से बहुत जल्दी कनेक्ट हुआ। 

जीवन के अगले पड़ाव पर मां ने अभिनेता राजेश खट्टर से शादी की और मां ने मेरे छोटे भाई ईशान खट्टर को जन्म दिया। मेरा यह छोटा भाई मेरे लिए कभी भाई नहीं बेटे समान रहा है। वक्त के साथ मुझे बॉलीवुड में अच्छा ब्रेक मिला, लेकिन मुझे पालने के लिए अपनी मां की जद्दोजहद, कई बार हुई उपेक्षा, अपमान, जिल्लत मैं भूल नहीं पाया था। मैं खुद सेटल्ड होने पर मां को सुखी देखना चाहता था। राजेश खट्टर से भी मां का रिश्ता नहीं टिक पाया, और मां ने रजा खान से शादी की। मैंने मां से कभी इन शादियों के बारे में कुछ नहीं पूछा। सोचता रहा, मां ने सिर्फ 19 वर्ष की कमसिन उम्र में शादी की, मातृत्व स्वीकारा, मुझे खुशी-खुशी जन्म दिया, लेकिन उस औरत को कभी शांति, मानसिक सुकून, सुखी परिवार नहीं मिला। शायद उसी सुकून-सुख की तलाश में मां ने कुल 3 शादियां कीं, यह उनका निजी मामला है। मैंने व्यक्तिगत जीवन में सिर्फ एक बेटे का रोल निभाया, मां का पिता बनने की कोशिश नहीं की ! 

आगे चल कर ऊपर वाले ने मुझे इतनी फाइनेंसियल स्टेबिलिटी दी कि मैं मम्मी का अच्छा खयाल रख सकूं। अपने दूध का कर्ज उतार पाऊं। मां सुकून की जिंदगी जी पाएं, इसीलिए मैंने उन्हें वर्सोवा में एक फ्लैट ले कर दिया। आज जब मैं महसूस करता हूं, पापा ने भी मुझे हमेशा प्यार दिया। मेरे साथ पापा ने मासूम फिल्म बनायी। मां ने मुझे कभी यह नहीं कहा कि मैं पापा से दूर रहूं ! आज मुझे सही मायने में बेपनाह खुशियां मिली हैं। मां को बहुत खुशियां मिलीं, उनके दोनों बेटे मैं और ईशान कैरिअर में सफल हो चुके हैं और सभी सदस्य अपनी जिंदगियों में व्यस्त और खुश हैं। आज मैं जो भी हूं, उसके पीछे मां की मेहनत, परिश्रम, प्यार है। उसका यह कर्ज मैं कितना भी चाहूं,लेकिन उतरेगा नहीं !