तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त टिप टिप बरसा पानी... गाने से सेक्स सिंबल बनी रवीना अब पति व 4 बच्चों संग लाइफ को खूब एंजॉय कर रही हैं। फिल्मी माहौल में पली-बढ़ी रवीना टंडन ने अभिनेत्री के रूप में एक अलग पहचान बनायी है अौर पत्नी, बहू, मां अौर बेटी की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही हैं।

तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त टिप टिप बरसा पानी... गाने से सेक्स सिंबल बनी रवीना अब पति व 4 बच्चों संग लाइफ को खूब एंजॉय कर रही हैं। फिल्मी माहौल में पली-बढ़ी रवीना टंडन ने अभिनेत्री के रूप में एक अलग पहचान बनायी है अौर पत्नी, बहू, मां अौर बेटी की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही हैं।

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तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त टिप टिप बरसा पानी... गाने से सेक्स सिंबल बनी रवीना अब पति व 4 बच्चों संग लाइफ को खूब एंजॉय कर रही हैं। फिल्मी माहौल में पली-बढ़ी रवीना टंडन ने अभिनेत्री के रूप में एक अलग पहचान बनायी है अौर पत्नी, बहू, मां अौर बेटी की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही हैं।

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तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त टिप टिप बरसा पानी... गाने से सेक्स सिंबल बनी रवीना अब पति व 4 बच्चों संग लाइफ को खूब एंजॉय कर रही हैं।
फिल्मी माहौल में पली-बढ़ी रवीना टंडन ने अभिनेत्री के रूप में एक अलग पहचान बनायी है अौर पत्नी, बहू, मां अौर बेटी की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही हैं। संयुक्त परिवार में बड़ी हुई रवीना टंडन ने शादी से पहले ही 2 बेटियों को गोद लिया था। उन्होंने अपनी इन दोनों बेटियों की शादी कर दी है। फिल्म वितरक अनिल थडानी से शादी करने के बाद वे एक बेटी राशा अौर एक बेटे रणवीरवर्द्धन की मां बनीं। इस इंटरव्यू में मस्त गर्ल बता रही हैं कि मैरिड लाइफ के साथ उनका फिल्मी कैरिअर भी बहुत मस्त चल रहा है।  
पत्नी, मां अौर अभिनेत्री के रूप में अाप अपनी किस भूमिका को सबसे ज्यादा अहमियत देंगी?
मेरी पहली प्राथमिकता मेरा परिवार है। अभिनय से मुझे बेहद प्यार है। मैं अपनी इस मोहब्बत को खत्म नहीं कर सकती। मैं तमाम घरेलू जिम्मेदारियां निभाते हुए अभी भी फिल्में कर रही हूं। इन सबके बीच मैं बच्चों का स्कूल टिफिन बनाती हूं। होमवर्क कराती हूं। परिवार के हर सदस्य को बिना किसी शर्त भरपूर प्यार देती हूं। शायद यही वजह है कि मेरा पूरा परिवार हमेशा मेरे साथ खड़ा रहता है।


शादी से पहले अापने दो बेटियाें छाया अौर पूजा को गोद लिया। क्या शादी का निर्णय लेते समय इस विषय पर अापकी पति अनिल थडानी से कोई बात हुई थी?
अनिल मुझसे, मेरे परिवार अौर मेरी दोनों बेटियों से मिले। इसके 2 महीने बाद हमने शादी का फैसला लिया। हमारे मिलने के 4 माह पूरे होते-होते हमने शादी कर ली। शादी के बाद मेरी दोनों बेटियां साथ ही रहती थीं। जब बेटियों की नौकरी लगी, उन्होंने घर अौर गाड़ी ले ली। फिर अपने घरों में रहना शुरू किया। जेट एअरवेज में नौकरी करती हैं। अब तो उनकी शादी भी हो गयी है।


अनिल थडानी से शादी के बारे में बताएं?
अनिल फिल्म वितरक हैं। मैं अनिल के साथ 18 सालों से सुखद वैवाहिक जीवन बिता रही हूं। मेरे लिए वे रॉक स्टार हैं अौर सच कहूं, तो मेरा हनीमून पीरियड अभी भी चल रहा है। एक-दूसरे के प्रति ईमानदार रह कर अौर विश्वास करते हुए हम अपनी शादीशुदा जिंदगी की गाड़ी को सही ढंग से चला पा रहे हैं। मेरा मानना है कि जब पूरी जिंदगी साथ ही रहना है, तो झगड़े क्यों? दोनों को एक-दूसरे को समझते हुए समझौते करने चाहिए।
अनिल की कमियां व खूबियां क्या हैं?
अनिल में अच्छाइयां ही अच्छाइयां हैं। जब हम दोनों मिले, तो हमें लगा कि हम लोगों की पारिवारिक व सामाजिक मामलों के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को ले कर सोच अापस में काफी मिलती है। अनिल अच्छे पिता भी हैं। बेटे रणवीर को नहलाना-धुलाना यहां तक कि पॉटी साफ करना सब उन्होंने किया है। मैं तो बस पाउडर लगा कर डायपर अौर कपड़े पहना देती थी। बाद में उनको डायपर बांधना भी सिखा दिया।


क्या अपने फिल्म वितरक पति को अाप फिल्मों से जुड़े सुझाव भी देती हैं?
जी हां ! उन्हें लगता है कि फिल्मों का ट्रेलर देख कर मैं पूरी फिल्म सूंघ लेती हूं। इसलिए ट्रेलर देखते समय वे मुझे साथ बिठाते हैं। फिर पूछते हैं कि यह फिल्म खरीदना फायदेमंद होगा या नहीं।
संयुक्त परिवार को ले कर क्या सोच है?
संयुक्त परिवार सही मायने में भारतीय संस्कृति की सबसे अच्छी व्यवस्था है। यदि मैं काम कर पा रही हूं, तो इसकी वजह मेरे सास-ससुर हैं। फिल्म मातृ के प्रचार के सिलसिले में पिछले डेढ़ महीने घर से बाहर थी। पूरा घर सास-ससुर ने ही संभाला। यदि मेरे सास-ससुर नहीं होते, तो मैं एक्टिंग नहीं कर पाती। उन दिनों बच्चों की परीक्षाएं भी चल रही थीं, बच्चे स्कूल की परीक्षा ठीक से दे पाए, तो इसमें भी उन्होंने ही मदद की।


अपने चारों बच्चों को कैसे संभालती हैं?
यदि अाप इन चारों की बातें चुपके से सुनेंगे, तो पता चलेगा कि मैंने सबकी परवरिश एक ही तरीके से की है। मेरी दोनों बड़ी बेटियां अपने छोटे भाई-बहनों को वही बातें बताती अौर सिखाती हैं, जो कभी मैंने उनको बतायी थीं।
राशा अौर रणवीर को क्या बनाना चाहती हैं?
जब मैं अपनी गोद ली हुई बेटियों पूजा अौर छाया की परवरिश कर रही थी, तब भी मेरी सोच यही थी कि वे जो बनना चाहती हैं, मैं उसमें पूरा सपोर्ट करूंगी। यही बात राशा अौर रणवीर के साथ भी लागू होती है।
अापके चारों बच्चों की कौन सी क्वॉलिटी अापको अच्छी लगती है?
पूजा अात्मनिर्भर लड़की है। छाया बहुत ही भावुक है। छाया को बार-बार मेरी मदद की जरूरत पड़ती है। वह काफी लविंग अौर केअरिंग है। राशा थोड़ी टॉमबॉय अौर निडर है। स्वभाव में मेरा बेटा रणवीर अपनी बहन छाया की तरह ही है।  
अपने बच्चों को किस तरह की फिल्में देखने देती हैं?
मेरे घर के कुछ नियम हैं। सोमवार से शुक्रवार तक मेरा एक भी बच्चा मोबाइल, टीवी, लैपटॉप या फिल्म नहीं देख सकता है। शनिवार या रविवार को ही वह इन चीजों का उपयोग कर सकता है। रणवीर क्रिकेट का शौकीन है, तो वह अाजकल अाईपीएल देखता है। इनको जंक फूड खाने की भी इजाजत नहीं है।
अाप सबसे बड़ा कलाकार में जज की भूमिका में नजर अा रही हैं?

मुझे डांस करना पसंद है। लोग मुझे मेरे मशहूर नृत्य के ही कारण ही मस्त-मस्त गर्ल के रूप में पहचानते है। अब फिल्मों में गंभीर भूमिका करने पर नृत्य करने का मौका नहीं मिलता है। इस शो में मैंने उस तरह से नृत्य किया है जिस तरह से लोग शादी-ब्याह के मौकों पर करते हैं।
मातृ की पटकथा पढ़ते समय अापके मन को किस बात ने ज्यादा कचोटा - लड़की के साथ हुए बलात्कार या बदले की भावना या मां के मन का गुस्सा?
यह फिल्म अाम इंसान का गुस्सा अौर निराशा है। जबसे निर्भया कांड हुअा है, तबसे ऐसी खबरों को सुन कर मेरा खून खौल उठता है। निर्भया कांड को कई साल हो गए लेकिन लड़कियों के साथ बलात्कार की घटनाएं कम नहीं हुई हैं। एक सुबह मैंने अखबार उठाया, तो अलग-अलग शहरों में मिला कर 5 महिलाअों के साथ रेप किए जाने की खबरें साथ छपी थी। कोलकाता में 8 साल, बंगलुरु में 3 साल, दिल्ली में 5 साल की बच्ची से अौर मुंबई की पॉश कॉलोनी में अधेड़ उम्र की महिला अौर दिल्ली में एक 80 साल की अौरत के साथ बलात्कार की खबर थी। इनको पढ़ कर यह लगता है कि देश में क्या हो रहा है। हर मां-बाप को डर सता रहा है कि वे बेटियों के साथ बाहर निकलें या नहीं। इसी कारण फिल्म मातृ का विषय मेरे दिल को छू गया। यह फिल्म दुष्कर्म करनेवालों के मन में डर पैदा करेगी। मैं चाहती तो क्या कूल हैं हम या चश्मेबद्दूर जैसी फिल्में कर सकती थी, लेकिन मैं ऐसी फिल्म करना चाहती थी, जो समाज को सोचने पर मजबूर करे अौर मेरे अंदर का गुस्सा बाहर निकले।
मातृ पर सेंसर बोर्ड की खूब कैंची चली?
कुछ फिल्म अालोचकों की प्रतिक्रिया मुझे अच्छी नहीं लगी कि फिल्म में रवीना का किरदार इतनी अासानी से हत्याएं कैसे कर देता है? अब इनसे कौन कहे कि फिल्म शिवाय में अजय देवगन का किरदार लंबी-चौड़ी बुल्गारिया की पुलिस फोर्स से अकेले भिड़ जाता है। तब ऐसे सवाल क्यों नहीं उठते। हमारे अालोचक भी मर्द अौर अौरत में फर्क करके फिल्म देखते हैं।
क्या बॉलीवुड में अौरतों की स्थिति में कोई सुधार हुअा है?
इसमें कोई दो राय नहीं कि बॉलीवुड कल भी पुरुष प्रधान था अौर अाज भी पुरुष प्रधान है। लेकिन समाज के दूसरे क्षेत्र में भी जिस तरह महिलाअों की भागीदारी है उसी तरह से फिल्मी दुनिया में भी िस्त्रयों की भागीदारी बढ़ी है। डर्टी पिक्चर, कहानी, द लंच बॉक्स अौर मेरी फिल्म मातृ ये सब उसके उदाहरण हैं।
किस तरह की ड्रेस पहनना पसंद है?
काले रंग की साड़ी मुझ पर अच्छी लगती है। जींस अौर टीशर्ट भी पसंद है।
खुद को फिट कैसे रखती हैं?
मैं हमेशा चुस्त रहने का प्रयास करती हूं। इस बात का खास ख्याल रखती हूं कि बाजुअों का वजन अधिक नहीं बढ़े। खूब स्वीमिंग करती हूं। वर्कअाउट को ले कर प्रयोग करती रहती हूं, कभी स्वीमिंग, कभी जिम, तो कभी कार्डियो करती हूं। एक जैसी एक्सरसाइज लंबे समय तक नहीं करती हूं। समय मिलने पर योग करती हूं अौर वॉकिंग करना नहीं भूलती हूं। सुबह शहद मिला पानी भी पीती हूं।  
कहां घूमने जाना पसंद है?
कश्मीर।