लापता लेडीज हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। सुरजमुखी गांव के किरदारों की इस कहानी ने दर्शकों का दिल छू लिया है और बहुत सी बड़ी बातें बड़ी आसानी से कह दी हैं।

लापता लेडीज हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। सुरजमुखी गांव के किरदारों की इस कहानी ने दर्शकों का दिल छू लिया है और बहुत सी बड़ी बातें बड़ी आसानी से कह दी हैं।

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लापता लेडीज हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। सुरजमुखी गांव के किरदारों की इस कहानी ने दर्शकों का दिल छू लिया है और बहुत सी बड़ी बातें बड़ी आसानी से कह दी हैं।

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किरण राव की इस प्यारी से फिल्म को देखने के बाद कई लोग सुरजमुखी गांव में अपना दिल छोड़ आए हैं। लापता लेडीज हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। सुरजमुखी गांव के किरदारों की इस कहानी ने दर्शकों का दिल छू लिया है और बहुत सी बड़ी बातें बड़ी आसानी से कह दी हैं।

फिल्म की कहानी शुरू होती है ट्रेन में जहां कई नए जोड़े शादी कर के लौट रहे होते हैं। फिल्म के किरदार दीपक के कोच में कई नए दूल्हे और लंबा घूंघट लिए दुलहनें बैठी होती हैं। दीपक का स्टेशन आने पर वह अपनी पत्नी फूल को लेकर उतरते हैं और अपने गांव सूरजमुखी ले आते हैं। घर आने पर पता चलता है कि वह फूल की जगह किसी और की दुलहन को साथ ले आए हैं।

उस रात के बाद से जितने परेशान दीपक होते हैं उतनी ही परेशान ऑडियंस भी कि आखिकर उसका क्या होगा जिसे दीपक ट्रेन में ही भूल आए हैं। कहानी दोनों ही तरफ बहुत अच्छी तरह चल पड़ती है। फूल जो पतीला नाम के गांव पहुंच कर उतरती है। इधर फूल बेहाल और परेशान दीपक को खोजने लगती है और उधर दीपक और उसके घर वाले घर आयी नयी बहू को वापस लौटाने को लेकर परेशान होने लगते हैं। ऐसे में कहानी में दो जरूर किरदारों की एंट्री होती है। दीपक की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए पुलिस इंस्पेक्टर श्याम जिनके पास जाकर वह घर आयी लड़की जया को वापस पहुंचाने में मदद मांगता है और वहां फूल को स्टेशन पर मिलता है एक साथी छोटू जो उसे मिलवाता है बड़ी अम्मा से जो फूल को अपने पास रख लेती हैं।

फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर श्याम और बड़ी अम्मा दोनों ही कहानी को आगे बढ़ाते हैं। घर आयी जया जिस पर ऑडियंस को शक होने लगता है फिल्म को यह शक दिलचस्प बनाए रखता है।

बड़ी अम्मा स्टेशन पर चाय बेचती हैं लेकिन वह फेमिनिज्म खूब समझती हैं और फूल को भी बहुत मनोबल देती हैं।

एक तरफ अपनी फूल के लिए परेशान दीपक और यहां रोज शादी के जोड़े में ही इंतजार करती फूल। इस प्यारी से कहानी में बहुत से ट्विस्ट हैं, सस्पेंस है और इमोशन है।

कहानी में हर किरदार की अपनी एक जगह है, इंस्पेक्टर श्याम और जया, नेेगेटिव रोल में नजर आने वाले ये दोनों किरदार आपको अंत में चौका देंगे। ऐसी कहानी जो आज की लव स्टोरीज के बीच सच्चे प्यार और उससे जुड़े संघर्ष को दिखाती है। गांव की यह कहानी कई शहरों में कई दिलों को छू गई है।

फिल्म में हर किरदार की परफॉर्मेंस तारीफ के लायक है। प्रमिभा रत्ना (जया), नितांशी गोयल (फूल), स्पर्श श्रीवास्तव (दीपक), रवि किशन (श्याम), मंजू माई (बड़ी अम्मा) और सभी सपोर्टिंग कास्ट के बिना फिल्म अधूरी है। फिल्म को मिले हैं 8.5, जरूर देखें।