कोरोना के बाद आयी मंदी की वजह से मेरे पति की जॉब चली गयी, उन्हें कैसे सपोर्ट करूं?
मंदी के दौर में पिछले महीने मेरे हसबैंड की जॉब चली गयी। वे एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर थे, सैलरी भी अच्छी थी, लेकिन कंपनी ने उनसे रिजाइन ले लिया। घर का खर्च, फ्लैट की ईएमआई, बच्चे की स्कूल फीस, पता नहीं सब कैसे होगा।
मंदी के दौर में पिछले महीने मेरे हसबैंड की जॉब चली गयी। वे एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर थे, सैलरी भी अच्छी थी, लेकिन कंपनी ने उनसे रिजाइन ले लिया। घर का खर्च, फ्लैट की ईएमआई, बच्चे की स्कूल फीस, पता नहीं सब कैसे होगा।
मंदी के दौर में पिछले महीने मेरे हसबैंड की जॉब चली गयी। वे एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर थे, सैलरी भी अच्छी थी, लेकिन कंपनी ने उनसे रिजाइन ले लिया। घर का खर्च, फ्लैट की ईएमआई, बच्चे की स्कूल फीस, पता नहीं सब कैसे होगा।
प्रश्नः मंदी के दौर में पिछले महीने मेरे हसबैंड की जॉब चली गयी। वे एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी पोस्ट पर थे, सैलरी भी अच्छी थी, लेकिन कंपनी ने उनसे रिजाइन ले लिया। घर का खर्च, फ्लैट की ईएमआई, बच्चे की स्कूल फीस, पता नहीं सब कैसे होगा। हसबैंड कोशिश में लगे हैं, पर अभी तक कोई पॉजिटिव रिजल्ट नहीं आया है। मैं हाउसवाइफ हूं, क्या मैं किसी तरह से उनकी फाइनेंशियल हेल्प कर सकती हूं? कोई उपाय बताएं।
उत्तरः कई लोगों ने मंदी के कारण नौकरी से हाथ धो दिए हैं। आप एजुकेटेड हैं, तो अपने इंटरेस्ट और क्वॉलिफिकेशन के अनुसार ट्यूशन, कोचिंग, कुकरी एंड बेकिंग क्लासेज, आर्ट एंड क्राफ्ट, पेंटिंग क्लासेस जैसी कोई जॉब ढूंढ़ सकती हैं। अपने पति की ढाल बनें। उन्हें कॉन्फिडेंस, विश्वास, प्यार और सहारा देती रहें। उनके लिए आपसे बढ़ कर दूसरा मददगार नहीं हो सकता। आपको ही मजबूत बन कर पति और बच्चों को संभालना होगा। आप ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम जैसा कोई काम भी तलाश सकती हैं। उम्मीद की किरण बनाए रखें और पति को मेंटली, इमोशनली, सोशली और फाइनेंशियली सपोर्ट करें।
प्रश्नः मेरी पड़ोसिन बहुत फेंकू किस्म की है। अकसर डींगें मारती रहती है। कभी बड़ा फ्लैट बुक करने, तो कभी ज्वेलरी के बारे में शो ऑफ करती है। मैं उससे बात करने से बचना चाहती हूं, पर वह मौके की तलाश में रहती है कि कब मिलूं और वह टशन मारे। क्या करूं?
उत्तरः किसी इनसान का स्वभाव, उसकी विचारधारा और व्यवहार आप नहीं बदल सकते। स्वयं को बदलें और दूसरे की बातों को दिल पर ना लें। खुद पर कॉन्फिडेंस होगा, तो दूसरों की बातों का असर कम होगा। खुद को हीन समझेंगी, तभी किसी की कही हर सच्ची-झूठी बात पर विश्वास करेंगी। इससे हमेशा नाखुश ही रहेंगी। पड़ोसिन की कही बात एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दें। तभी ऐसे लोगों से अच्छी तरह डील कर पाएंगी, जो दूसरों को नीचा दिखाने के लिए झूठी-सच्ची डींगें हांकते रहते हैं। अपने आपमें मस्त रहें, अपनी सोच कंट्रोल में रखें। इन लोगों से मुंह छिपाने की जरूरत नहीं होगी।