हाल की स्थितियों में जॉब सिक्योरिटी को ले कर नए सवाल खड़े हो गए हैं। सबको जिसने यह सोचने पर मजबूर किया है कि किस कैरिअर में फ्यूचर ब्राइट होगा और फाइनेंशियल परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

हाल की स्थितियों में जॉब सिक्योरिटी को ले कर नए सवाल खड़े हो गए हैं। सबको जिसने यह सोचने पर मजबूर किया है कि किस कैरिअर में फ्यूचर ब्राइट होगा और फाइनेंशियल परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Want to gain access to all premium stories?

Activate your premium subscription today

  • Premium Stories
  • Ad Lite Experience
  • UnlimitedAccess
  • E-PaperAccess

हाल की स्थितियों में जॉब सिक्योरिटी को ले कर नए सवाल खड़े हो गए हैं। सबको जिसने यह सोचने पर मजबूर किया है कि किस कैरिअर में फ्यूचर ब्राइट होगा और फाइनेंशियल परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Want to gain access to all premium stories?

Activate your premium subscription today

  • Premium Stories
  • Ad Lite Experience
  • UnlimitedAccess
  • E-PaperAccess

ऐसा माना जा रहा है कि कोविड 19 के बाद करीब 100 मिलियन या इससे अधिक नौकरियां खतरे में हैं। मार्च के आखिरी दिनों से ही कई कंपनियों ने तीन तरीकों को अपना कर अपना घाटा कम करने की कोशिश करनी शुरू कर दी। इन तरीकों में जॉब से निकाला जाना, एंप्लॉई को बिना सैलरी के लंबी छुट्टी पर भेजना और वेतन को कम करना शुरू कर दिया है। यहां कुछ ऐसे कोर्सेज की जानकारी दी जा रही है, जो इस वक्त की जरूरत है। साथ ही कैरिअर की नजर में जहां फ्यूचर सेफ लगता है।

वाइरोलॉजी

यह कोर्स वायरस की स्टडी करना सिखाता है। इसमें सिखाया जाता है कि कौन सा वायरस कितना खतरनाक है। उससे किस तरह से बचा जा सकता है। ध्यान रहे, कोरोना वायरस के प्रकोप के दिनों में ही हंता वायरस का नाम भी चर्चा में आया। आज दुनियाभर के साइंटिस्ट ऐसे अनेकों वायरस के तोड़ जानने में लगे हैं। तरह-तरह की रिसर्च की जा रही हैं कि ये वायरस इंसान और जानवरों पर किस तरह से काम करते हैं। आने वाले समय में वाइरोलॉजिस्ट की डिमांड होगी।

हेल्प डेस्क: पुणे में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी है। नोएडा में एमिटी इंस्टिट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी एंड इम्युनोलॉजी और मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी में यह कोर्स है।

लाइफ साइंस

आज पूरी दुनिया में वैक्सीन और तरह-तरह की दवाइयां बनाने के नए तरीकों की खोज चल रही है। ऐसे और भी कई तरह के जॉब ऑप्शंस लाइफ साइंस के कोर्सेज में हैं। एमएससी लाइफ साइंस करने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्रों में ढेरों जॉब के अवसर हैं। जैसे- बायोमेडिकल इंजीनियर, रिसर्चर, इपीडेमीलॉजिस्ट, इम्युनोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट, बायोफिजिस्ट। मेडिकल/टेस्टिंग लेबोरेटरीज, बायोटेक्नोलॉजी फर्म्स, मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट, फूड इंडस्ट्रीज, कॉस्मेटिक कंपनीज, लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, मेडिकल लेबोरेटरीज में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।

हेल्प डेस्कः मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज और रामनारायण रूइया कॉलेज व नयी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी में ये कोर्स हैं।

फूड टेक्नोलॉजी

यह एक अच्छा कैरिअर ऑप्शन बन सकता है। आज के समय ने यह सीख दी है कि किस तरह से मुश्किल दौर में हम घर में खाने-पीने के सामान को स्टॉक करने के लिए विवश ना हों। हर किसी के पास पर्याप्त भोजन होगा। हमारे लिए अच्छी बात यह है कि देश का बड़ा हिस्सा आज भी एग्रीकल्चर से जुड़ा है। बड़ी मात्रा में तरह-तरह के फूड प्रोडक्ट्स को तैयार करना, फूड प्रोडक्ट्स के नए विकल्पों को तलाशना इसी में शामिल है।

हेल्प डेस्कः तमिलनाडु के तंजावुर में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, गुजरात के आनंद में कॉलेज ऑफ फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी एंड बायो-एनर्जी में यह कोर्स कराया जाता है।

पैथोलॉजी में कैरिअर

इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की बहुत संभावनाएं नजर आ रही हैं। लोगों में जागरूकता और ज्ञान बढ़ने के कारण वे अपनी सेहत से जुड़ी जांचों को कराने से हिचक नहीं रहे। आज नियमित जांच का ट्रेंड भी बढ़ा है। घर तक पहुंच कर सेवाएं दी जाने लगी हैं। अब यह संभावनाअों से भरा क्षेत्र है।

हेल्प डेस्कः नयी दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पैथोलॉजी में इसके लिए संपर्क किया जा सकता है।

रोबोटिक्स और ऑटोमेशन

टेक्नोलॉजी में कैरिअर बनाने की इच्छा रखनेवाले स्टूडेंट्स ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और सॉफ्टवेअर में कैरिअर बनाने की सोचें। हाल ही में हुए एक सर्वे में पाया गया कि कई देशों का मोह चीन से टूटने के कारण विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने की सोच रही हैं। इसके लिए स्किल्ड मैन पावर की जरूरत होगी।

हेल्प डेस्कः नोएडा के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रोबोटिक्स, दिल्ली के इंडिया फर्स्ट रोबोटिक्स में यह कोर्स कराया जाता है। नोएडा के सॉफ्कॉन इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन ट्रेनिंग सेंटर से संपर्क किया जा सकता है।

साइबर सिक्योरिटी

आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स को ले कर कई मामले आ रहे हैं, जो साइबर क्राइम से जुड़े हैं। ढेरों काम के लिए इंटरनेट की मदद ली जा रही है। ई-कॉमर्स या दूसरे सेक्टर्स की धीरे-धीरे इंटरनेट पर इनकी निर्भरता बढ़ेगी। इसलिए साइबर सिक्योरिटी जरूरी हो जाएगी। इस क्षेत्र में किस्मत आजमायी जा सकती है। इसमें सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज हैं, जो यूजी और पीजी लेवल के हैं।

हेल्प डेस्कः एमिटी फ्यूचर एकेडेमी में साइबर सिक्योरिटी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की डिग्री दी जा रही है।

डाटा साइंस

कई कंपनियों और संगठनों में तेजी से डिजिटल बदलाव आएंगे। इसलिए ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ेगी, जो डिजिटल स्किल्स में महारत रखते हैं। कंपनियों के लिए डाटा बहुत ही जरूरी हो जाएगा। ऐसे में डाटा साइंटिस्ट की मांग बढ़ेगी। डाटा साइंस में पीजी डिप्लोमा करने वाले डाटा साइंटिस्ट, डाटा एनालिस्ट व डाटा इंजीनियर बन सकते हैं। इसे साइंस, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन्स, बिजनेस या मैथेमेटिक्स में बैचेलर डिग्री लेनेवाले स्टूडेंट्स कर सकते हैं।

हेल्प डेस्कः पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन डाटा साइंस करने के लिए इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बंगलुरू में संपर्क किया जा सकता है। मुंबई के एजिस स्कूल ऑफ बिजनेस में भी इस तरह के कोर्स हैं। एमबीए इन डाटा साइंसेज एंड डाटा एनालिटिक्स के 24 महीने के कोर्स के लिए पुणे के सिंबायोसिस सेंटर फॉर इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क कर सकते हैं।

ऑनलाइन टीचिंग

फिलहाल इसकी मांग बढ़ी है, इसलिए अपने विषय में खासकर जिस विषय में आपने पोस्ट ग्रेजुएशन किया हो, उसमें एक्सपर्ट बन कर इस बारे में ऑनलाइन टीचिंग के लिए सोचा जा सकता है। पीजी के बाद पीएचडी करने का मौका मिले, तो जरूर करें। इससे आपका प्रोफाइल और भी मजबूत होगा।

हेल्प डेस्कः कई प्राइवेट ऑनलाइन लर्निंग और टीचिंग एप्स की मदद से आज बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। पिछले दिनों इस तरह के एप्स काफी फेमस हुए हैं। आज ऑनलाइन टीचर्स की डिमांड बढ़ी है। खासकर मैथमेटिक्स और साइंस के शिक्षकों की बहुत ज्यादा डिमांड है। कॉलेज जाना संभव नहीं है, तो पत्राचार से ऐसे कोर्स करें।

एक ऑल इंडिया सर्वे के अनुसार साल 2018-19 में 2 करोड़ 30 लाख स्टूडेंट्स ने अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लिया। इस बार भी ढेरों स्टूडेंट्स अपने कैरिअर को ले कर अलग-अलग कॉलेज और युनिवर्सिटीज में एडमिशन लेंगे। सब्जेक्ट, मार्क्स और अपने इंटरेस्ट को ध्यान में रख कर ही कैरिअर चुनें। कैरिअर काउंसलर की सलाह ले कर इस दिशा में आगे बढ़ें।