कभी गोटा ज्वेलरी में अपनी पहचान बनाने के िलए एक के बाद एक एग्जीिबशन लगानेवाली रिद्धिमा चंडोक अब मायरा द िक्रएटिव वे के नाम से अॉनलाइन काम कर रही हैं। अब घर बैठे-बैठे उन्हें देश के कोने-कोने से अौर अमेिरका व िसंगापुर तक से अॉर्डर िमल रहे हैं। ये ज्वेलरी सोने-चांदी के गहनों से कम सुंदर नहीं हैं। इस

कभी गोटा ज्वेलरी में अपनी पहचान बनाने के िलए एक के बाद एक एग्जीिबशन लगानेवाली रिद्धिमा चंडोक अब मायरा द िक्रएटिव वे के नाम से अॉनलाइन काम कर रही हैं। अब घर बैठे-बैठे उन्हें देश के कोने-कोने से अौर अमेिरका व िसंगापुर तक से अॉर्डर िमल रहे हैं। ये ज्वेलरी सोने-चांदी के गहनों से कम सुंदर नहीं हैं। इस

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कभी गोटा ज्वेलरी में अपनी पहचान बनाने के िलए एक के बाद एक एग्जीिबशन लगानेवाली रिद्धिमा चंडोक अब मायरा द िक्रएटिव वे के नाम से अॉनलाइन काम कर रही हैं। अब घर बैठे-बैठे उन्हें देश के कोने-कोने से अौर अमेिरका व िसंगापुर तक से अॉर्डर िमल रहे हैं। ये ज्वेलरी सोने-चांदी के गहनों से कम सुंदर नहीं हैं। इस

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कभी गोटा ज्वेलरी में अपनी पहचान बनाने के िलए एक के बाद एक एग्जीिबशन लगानेवाली रिद्धिमा चंडोक अब मायरा द िक्रएटिव वे के नाम से अॉनलाइन काम कर रही हैं। अब घर बैठे-बैठे उन्हें देश के कोने-कोने से अौर अमेिरका व िसंगापुर तक से अॉर्डर िमल रहे हैं। ये ज्वेलरी सोने-चांदी के गहनों से कम सुंदर नहीं हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के िलए रिद्धिमा ने बहुत कड़ी मेहनत की है।
मार्केटिंग अौर ह्यूमन िरसोर्स में एमबीए 27 साल की रिद्धिमा ने कुछ समय के िलए गुड़गांव के एक बिजनेस स्कूल में एचअार एसोिसएट के तौर पर काम किया। कुछ समय सन फाउंडेशन में स्पेशल फैकल्टी, टेक्सटाइल के तौर पर िदव्यांग बच्चों के साथ काम किया। लेिकन अपना काम करने की कसक रह-रह कर जोर मारती। पर क्या काम करना है, यह समझ में नहीं अा रहा था। इसके बाद स्पेशल पैकेिजंग का कोर्स िकया। एक िदन जब चांदनी चौक में गोटा खरीद रही थीं, तो िकसी अनजान महिला ने यों ही कह िदया िक ‘क्या इतने सारे गोटे के गहने बनाअोगी।’ बस िफर क्या था, यह अाइडिया इतना पसंद अाया िक यहीं से गोटा ज्वेलरी बनाने की शुरुअात हो गयी। उन्होंने घर अा कर गोटे से बैंगल्स, मांग टीका, इयररिंग्स व छोटे-छोटे सेट बनाएं। गोटा ज्वेलरी की पहली एग्जीिबशन चंडीगढ़ के जीरक में लगायी। वहां उनका सारा समान टीनएजर्स अौर युवतियों ने खरीद िलया। इस एग्जीिबशन में उन्हें 10,000-15,000 रुपए की कस्टमाइज्ड गोटा ज्वेलरी का अॉर्डर भी िमला।
वे मेंहदी सेरेमनी के िलए दुलहन के िलए गोटा ज्वेलरी तैयार करती हैं। दूल्हे या दुलहन के परिवार की पसंद की कलर थीम के िहसाब से ब्रोच, मांग टीका या हाथ फूल बनाती हैं। इस समय गोटे का चोकर सेट खूब फैशन में है। ट्रेडिशनल सेट बनाते समय उसमें कुंदन अौर िमरर वर्क से काम िकया जाता है। गोटे के इयररिंग्स, िरंग्स, मांग टीका व ब्रोच की कीमत 60-200 रुपए तक प्रति अाइटम होती है। इनकी बनायी गोटा ज्वेलरी सेट 1,500-7,000 रुपए की है।


जब इस काम की शुरुअात की, तो उन्होंने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश अौर मध्य प्रदेश से ले कर कई जगहों पर 50 से अधिक एग्जीिबशंस की। वहां िमले अच्छे िरस्पॉन्स के बाद एक से दूसरी जगह पर एग्जीिबशन लगाने का िसलसिला चल पड़ा। चंडीगढ़ के बाद पटियाला, जालंधर, अमृतसर में एग्जीिबशन लगायीं। राखी, तीज, दीवाली जैसे त्योहारों पर गोटे से बने गहनों के स्टॉल लगाएं। वे दुलहन के िलए गोटे के कलीरे भी बनाती हैं। दूल्हा व दुल्हन की ड्रेस के िहसाब से उनके िलए गोटे की जूती भी तैयार करती हैं।
गोटा ज्वेलरी के ट्रेंड को देखते हुए वे गोटे पर नित नए प्रयोग करती रहती हैं। वे कहती हैं, ‘‘गोटा महंगा नहीं है। यह ड्रेस को भी कॉम्पलिमेंट करता है। मिडिल क्लास से ले कर हाई क्लास तक के लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं। अॉनलाइन सेल करना हो, तो इसके लिए कंपनी रजिस्टर्ड होनी चाहिए।’’ शादी-ब्याह व बेबी शॉवर पार्टी में लोगों को गोटा ज्वेलरी िरटर्न िगफ्ट के तौर पर देने का भी ट्रेंड चल रहा है। इन्हें हर महीने 5-6 कस्टमाइज गोटा ज्वेलरी बनाने के अॉर्डर िमल जाते हैं।
सफलता का मंत्र ः रििद्धमा का कहना है कि यह काम शुरू करना हो, तो लेटेस्ट फैशन ट्रेंड, कलर्स, मार्केट में उपलब्ध चीजों के िहसाब से गोटा ज्वेलरी को न्यू लुक देने के िलए छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।