Wednesday 01 September 2021 05:13 PM IST : By Gopal Sinha

किस्सा-ए वर्क फ्रॉम होम

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कोरोना के कहर से दफ्तरों के काम घर से होने लगे, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग्स अटेंड होने लगीं, पर घर को कहां रास आते हैं वो ऑफिस वाली डिसिप्लीन, वो रूखा सीरियस माहौल ! वर्क फ्रॉम होम में दफ्तरी वीडियो कॉल के दौरान ऐसे अजीबोगरीब वाकये हो रहे हैं कि ना हंसते बनता है, ना खीजते। आप भी तो गुजरते होंगे ऐसी हास्यास्पद स्थितियों से-

मेरे प्यारे पप्पा-मम्मा 

बच्चों के तो मजे ही मजे हैं, पापा-मम्मी दोनों घर में हैं, तो मम्मी की डांट भी कम ही सुनने को मिलती हैं। बस धमाचौकड़ी थोड़ी कम होती है, क्याेंकि मम्मी-पापा तो काम में लगे हैं, उन्हें डिस्टर्ब थोड़े ही करना है। आप चाहे सोच-सोच कर खुश हों कि मेरे बच्चे तो बड़े ही अनुशासित हैं, काम के समय शोर थोड़े ही मचाएंगे, लेकिन यहीं आप धोखा खा जाते हैं। ऐन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आपका नन्हा-मुन्ना आपके गले में लटक जाए और पप्पा-पप्पा या मम्मा-मम्मा कह कर मचलने लगे, तो आप क्या करेंगे ! बच्चे को संभालूं या बॉस को, इसी उलझन में सिर धुनते नजर आएंगे। वर्क फ्रॉम होम का यह सबसे कॉमन नजारा है। आपके साथ ऐसा हो, तो फिकर नॉट ! इंतजार कीजिए, कभी बॉस के गले में भी बच्चा झूलता नजर आएगा।

बैरी कुकर की सीटी 

अब जॉब करनेवाले लोग महलों में तो रहते नहीं, उनका आशियाना छोटे घर या फ्लैट में ही तो सजता है। ऐसे में किचन और ड्रॉइंगरूम या बेडरूम का फासला इतना नहीं होता कि किचन की खटपट दूसरे कमरों में सुनायी ना पड़े। फर्ज कीजिए, बॉस ऑफिस के किसी सीरियस मसले पर कॉल करके आपसे डिस्कशन कर रहे हों और अचानक कुकर की सीटी बज उठे ! तोबा-तोबा, सारी सीरियसनेस सीटी के साथ ही फुस्स हो जाएगी। ऐसे में आप श्रीमती जी पर मन ही मन खीजने के सिवा और कर भी क्या सकते हैं। यह हुआ वर्क फ्रॉम होम का सीन नंबर दो, जो कभी आपके घर, तो कभी किसी और सहकर्मी के घर दृश्यमान होता है। इसीलिए बहुत अधिक शर्मसार होने की जरूरत नहीं।

वर्क फॉर होम 

सालों बाद तो आप बड़ी मुश्किल से घर में टिके हैं, तो ऐसे में आपकी घरवाली मैडम अपने कुछ पेंडिंग काम आपसे ना कराए, ऐसा भला हो सकता है ! आप भी मन से इसके लिए तैयार ही रहते हैं, लेकिन पेंच तो तब फंसता है जब आप नितांत घरेलू वस्त्रों में किचन की जाम नाली को साफ करने में जी जान से जुटे हैं और बॉस की अर्जेंट कॉल आ जाती है। गंदे-गीले हाथ से मोबाइल कैसे उठाएं, तो पत्नी जी इस नाजुक मौके पर काम आती हैं और वे कॉल रिसीव कर मोबाइल आपके कान में सटा देती हैं। अब अगर बॉस ने दिनभर के कामों का लेखाजोखा पूछ लिया, तो 
आप किस मुंह से कह पाएंगे कि आज तो आप 
वर्क फ्रॉम होम नहीं, वर्क फॉर होम में बिजी हैं। घबराइए मत, बहुत मुमकिन है कि आपको निबटाने के बाद आपका बॉस भी अपनी वाइफ का पेडिक्योर करने में जुट जाए।

यह आवाज कैसी है 

अाॅडियो कॉलवाली मीटिंग के दौरान तरह-तरह की आवाजें आपको फोन में सुनायी दे सकती हैं। इसमें कुछ दिख जाने का खतरा तो नहीं होता, पर कुछ सुन लिए जाने का अंदेशा लगातार बना रहता है। अगर आपको मीटिंग में कोई बात पसंद नहीं आयी और आप बड़बड़ाने लगें, तो याद रखिए यह सबको सुनायी देगा। इसीलिए बॉस के बारे में कभी भी कोई नेगेटिव बात बड़बड़ाने से बचें। अगर ‘आलू-प्याज ले लो’ की नेपथ्य ध्वनि सुनायी दे, तो समझ लीजिए बंदा मल्टीटास्किंग कर रहा है, मीटिंग अटेंड करने के साथ-साथ सब्जीवाले से माेलभाव भी कर रहा है। आखिर है तो फैमिलीमैन ही ना ! इतना तो फिर भी ठीक है, लेकिन कभी फोन में आपको पानी के तेज गिरने की आवाज सुनायी दे, तो यह मत समझ लीजिएगा कि सहकर्मी किसी जलप्रपात के पास बैठा मीटिंग अटेंड कर रहा है। निसंदेह वह टॉयलेट में बैठा है और वह आवाज फ्लश के चलने की आयी थी।

ऊपर से टिपटॉप नीचे से गली छाप

यह सबसे आम सीन्स में से एक है, चाहे आप मानें या ना मानें। वीडियो कॉल पर मीटिंग होनेवाली है, तो भी कौन इतनी चिंता करता है ड्रेस कोड की। भई, जितना वीडियो में दिखे, उतने पर तवज्जो दो, बाकी छोड़ दो। यानी रात के मुड़ेतुड़े पाजामे पर आपने इस्तरी की हुई कमीज पहन कर बढि़या टाई लगा ली और बैठ गए लैपटॉप या मोबाइल के सामने। कैमरा ऐसा सेट किया कि सिर्फ चेहरा और शर्ट-टाई ही दिखे। लेकिन किस्मत कभी-कभी धोखा दे जाती है। मोबाइल के ऊपर-नीचे होने या लैपटॉप के सामने मुद्रा बदलने से आपके सहकर्मियों को आपके परिधान का अदभुत फ्यूजन देखने को मिल ही जाता है और आपको तब पता चलता है, जब वे आपको इसके लिए ट्रोल करते हैं। आप खीज कर रह जाते हैं और इंतजार करते हैं उनकी अोर से होनेवाली ऐसी किसी गलती का। 

पिक्चर अभी बाकी है 

कारनामे सिर्फ ऑफिस की मीटिंग में या बॉस से बात करते समय ही नहीं होते। स्कूल की क्लासेज भी तो ऑनलाइन चलती हैं और कुछ सख्त शिक्षिकाएं बच्चों को वीडियो ऑन करके रखने के लिए कहती हैं। अब बच्चे तो बच्चे ठहरे, क्लास में शैतानी से बाज नहीं आते, तो यहां ऑनलाइन क्लास में उन्हें कौन रोकनेवाला है। कभी क्लास के दौरान म्यूजिक चला लेते हैं, तो कभी कोई गेम खेलने लगते हैं। बेचारी टीचर क्या करें, इतना ही कह पाती हैं कि बच्चो, यह सब 40 मिनट के बाद कर लेना, अभी तो सीरियस हो जाअो। लेकिन कुछ पढ़ाकू किस्म के बच्चे तो घर में क्लास के दाैरान कर्फ्यू लगा देते हैं- मम्मा, वीडियो ऑन है, इधर मत आना। छोटे भाई-बहनों को भी सख्त हिदायत दी जाती है कि वे शोर ना मचाएं, वरना बाद में कुटाई होगी। अब बच्चे तो शोर मचाएंगे ही और कुटाई भी होगी ही, यह तो तय है। हां, एक मम्मी ने बताया कि जब क्लास के दौरान उनका बच्चा शैतानी करता है, पढ़ना नहीं चाहता, तो वे वीडियो ऑफ करके उसकी धुनाई कर देती हैं। टीचर के सामने तो ऐसा कर नहीं सकतीं।

अचानक हुए चुस्त 

ऑफिस की कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कोई कलीग कुछ भी ना बोले, बीच-बीच में हूं-हां करे, तो ये ना समझें कि वह मीटिंग में इंटरेस्ट नहीं ले रहा है। भई, वह इंटरेस्ट तो तब लेगा ना, जब नींद से जागेगा। कुछ लोगों को मीटिंग के दौरान नींद आ जाती है और जब उन्हें लगता कि वे भरी मीटिंग में सो गए थे, तो दुगने जोश से मीटिंग में हिस्सा लेने लगते हैं। आपकी किसी मीटिंग में ऐसा हो, तो झट समझ जाएं कि बंदा अभी-अभी नींद से जागा है।