Monday 25 October 2021 11:54 AM IST : By Ruby Mohanty

कुकिंग गैस बचाने के लिए ध्यान रखें ये 22 बातें

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सामान्‍य तौर पर किसी भी भारतीय परिवार में एक कुकिंग सिलेंडर 35 दिनों तक चलता है। अगर इतने दिनों तक एक सिलेंडर नहीं चले और जल्‍दी खत्‍म हो जाता हो, तो कुकिंग गैस की बचत पर ध्‍यान देने की जरूरत है। 

1 गैस की बचत में सबसे जरूरी बात है रेगुलेटर और पाइप लीक प्रूफ हो, इस बात का ध्यान रखें। चूल्‍हे और गैस की फिटिंग अच्छी होनी जरूरी है। गैस चूल्‍हे और बर्नर को हमेशा साफ रखें। अगर बर्नर पर गंदगी जमेगी, तो गैस पर रखा बरतन देरी से गरम होगा। 

2 गैस की फ्लेम हमेशा चेक करें। अगर ब्‍लू या कलरलेस फ्लेम है, तो गैस का फ्लो चूल्‍हे में अच्‍छा है। अगर पीले रंग की फ्लेम है, तो समझिए कि गैस के बर्नर पर गंदगी जमी है। इसे साफ करने की जरूरत है, वरना गैस की ज्‍यादा खपत होगी। अगर खाना बनाते समय चूल्‍हे पर कुछ छलक जाता है, तो तुरंत साफ करने की आदत डालें। 

3 तरीवाली सब्‍जी में एक उबाल आ जाए, तो तुरंत इसे मध्‍यम आंच करके ढक्‍कन लगाएं। इन सब्जियों में पानी उतना ही डालें, जितनी जरूरत हो, वरना उसे सुखाने में ही गैस खत्म हो जाएगी।

4 बरतन का तला अच्‍छी तरह मंजा हुआ हो, जिससे वह जल्‍दी गरम हो सके। इस बात को भी ध्‍यान में रखने की जरूरत है। अच्‍छा होगा कि जल्‍दी गरम होने वाले कॉपर के बरतन का इस्‍तेमाल करें, इससे गैस कम लगेगी। आजकल तो कॉपर के तले वाले कुकर, कड़ाही और पतीले भी बाजार और ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर आसानी से उपलब्‍ध हैं। वैसे कास्‍ट आयरन से बने बरतनों पर खाना अच्‍छा और जल्‍दी पकता है व देर तक गरम रहता है। इन्हें भी ट्राई कर सकती हैं।

5 खाना पकाने के लिए तुरंत धो कर गीले बरतन चूल्‍हे पर ना रखें, इससे गैस के जलते ही गैस की एनर्जी बरतन पर लगे पानी को भाप बनाने में लग जाएगी। बेहतर होगा कि धोने के बाद पोंछ कर चूल्‍हे पर बरतन टिकाएं।

6 गैस के पास ही लाइटर या माचिस हो, इस बात को ध्‍यान में रखें। गैस का नॉब ऑन करने के बाद अगर लाइटर ढूंढ़ने लगेंगे, तो गैस की खपत ज्‍यादा होगी। वैसे आजकल ऑटोमैटिक ऑन होनेवाले चूल्‍हे भी आने लगे हैं, लेकिन वह अच्‍छी कंपनी का हो, यह देख लें। घटिया चूल्‍हों में इग्नीशन के खराब व गैस लीक होने की समस्या हो जाती है। 

7 गैस पर बरतन रख कर प्‍याज काटने और खाने पकाने की सामग्री जुटाने में समझदारी नहीं है। बरतन गरम हो जाएगा और गैस फुंकती रहेगी। अगर पहले से ही स्‍लैब पर तेल-मसाले, प्‍याज-सब्‍जी तैयार रखें, तो गैस की बचत होगी।

8 इस बात पर भी खास ध्‍यान देने की जरूरत है कि बडे़ बर्नर की तुलना में छोटे गैस बर्नर 10 प्रतिशत तक गैस की बचत करते हैं। बडे़ चूल्‍हे पर बरतन जल्‍दी गरम भले ही होता है, पर साइड से गैस बेकार फुंकती रहती है। छोटे चूल्‍हे पर बड़ा बरतन और बड़े चूल्‍हे पर छोटा बरतन रखने से बचें। अगर सही साइज का बरतन चूल्‍हे पर रखें, तो गैस बचेगी। कम मात्रा में खाना बनाने के लिए छोटे चूल्‍हे का इस्तेमाल ज्‍यादा सही है। 

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9 प्रेशर कुकर हमेशा ही गैस बचाने वाला बरतन रहा है। कुकर में 46 प्रतिशत तक गैस की बचत होती है। चावल, दाल और सब्जियां को उबालने जैसे सारे काम एक साथ एक ही कुकर में सेपरेटर का इस्तेमाल करते हुए हो सकते हैं। अंत में दाल और सब्जियों का तड़का लगाया जा सकता है।

10 वैसे प्रेशर कुकर का इस्‍तेमाल करने के भी रूल हैं, जिससे गैस की बचत हो सकती है। प्रेशर कुकर में पानी और खाने की सामग्री की मात्रा का खयाल रखें। पानी ज्‍यादा होगा, तो प्रेशर देर से आएगा। गास्केट की सेटिंग सही नहीं होगी, तो भाप निकलती रहेगी और गैस जलती रहेगी। इसमें खाने के ओवर कुक होने की परेशानी भी पैदा हो सकती है। 

11 इस बात का अंदाजा लगा लें कि सब्‍जी पकाते समय कितना वक्‍त लगता है। सामान्‍य दाल और मोटी दालों में कितना वक्‍त लगता है। अगर अंदाजा नहीं लगता, तो घड़ी देख कर खाना पकाएं। इससे सब्जियां और दालें ओवर कुक नहीं होंगी। एक्स्ट्रा गैस भी खर्च नहीं होगी।

12 परिवार के कुल सदस्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए दाल-चावल-तरकारी की मात्रा तय करें। जरूरत से ज्‍यादा खाना बनाना और स्‍टोर करके फ्रिज में रखना दोनों ही सही नहीं है। इससे बिजली और गैस दोनों ही ज्यादा फुंकेंगी। चावल में पानी का उतना ही इस्‍तेमाल करें, जितनी जरूरत हो। जरूरत से ज्‍यादा पानी गैस के खर्च को बढ़ाने का काम ही करेगा।

13 हाई, लो और मीडियम गैस फ्लेम के गणित को समझें। खाना पकाते समय कब और कितनी देर तक हाई अौर कितनी देर मीडियम फ्लेम पर रखना है, इसे तय कर लें और इसकी आदत भी डालें।

14 मल्‍टीपल डिश बनाने के लिए मल्‍टीपल कुकिंग बरतन आजकल बाजार में उपलब्‍ध है। उसे भी ट्राई कर सकते हैं। मल्‍टीपल स्‍टीमर कड़ाही इसका अच्‍छा उदाहरण है, जिसमें ढोकले, इडली, उबली सब्जियां जैसे चीजें एक साथ बनायी जा सकती हैं।

15 कोई भी डिश बनाते समय उसमें ठंडे पानी का इस्‍तेमाल करने की जगह सामान्य तापमान के पानी का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। इससे खाना जल्‍दी पकेगा।

16 सब्‍जी या कोई भी व्यंजन पक जाने पर गैस बंद कर उसे तुरंत आंच से उतारने की जगह दो मिनट चूल्‍हे पर ही रखा रहने दें। इससे व्‍यंजन देर तक गरम रहेगा, दोबारा गरम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और गैस बचेगी।

17  दाल और चावल को भिगो कर पकाने, फ्रिज में से कुछ देर सामान को बाहर निकाल कर फिर पकाने का काम करने जैसी बातों पर गौर करें, तो गैस की जरूर बचत होगी।

18 मिट्टी के बरतन में खाना पकाने का ट्रेंड फिर से भले ही लौटा है, पर इसे गरम होने में वक्‍त लगता है। इससे अच्‍छा है नॉनस्टिक पैन में खाना पकाएं और पकने के बाद इसे मिट्टी के बरतन में पलट दें। इससे स्‍वाद में फर्क पड़ेगा और परोसने की कला भी अनूठी होगी।

19 अगर आपके घर में गैस पाइपलाइन है, तो मीटर सही हो, इसकी समय-समय पर जांच भी करा लें। मीटर रीडिंग हमेशा मोबाइल से क्लिक करके ना भेजें। एजेंसी से कर्मचारी को भी बुलवाएं, जिससे मीटर की भी जांच हो सके। 

20  गैस सिलेंडर सही एजेंसी से खरीदें, जिससे सही गैस भरी हुई मिले। सिलेंडर खरीदने का इतमीनान भी हो सके, क्‍योंकि गैस फिलिंग में भी बहुत घपले होते हैं। अगर गैस ही कम भरी हुई हो, तो आप कितनी बचत कर लेंगी।

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21  गैस सिलेंडर पर जंग लग गया हो, रेगुलेटर लगाने के बाद हमेशा गैस की गंध अाती हो, तो दुर्घटना होने का इंतजार ना करें। जल्दी से जल्दी सिलेंडर बदलवाएं। 

22 चूल्हा, रेगुलेटर, लाइटर जैसी सभी चीजें समय पर बदलने की जरूरत हो, तो इसे टालें नहीं, बल्कि समय पर बदलें, जिससे गैस बचेगी व दुर्घटना की अाशंका नहीं होगी।