Wednesday 20 January 2021 11:33 AM IST : By Gopal Sinha

जानिए कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सभी जरूरी बातें

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इन दिनों लोग कोरोना को ले कर अजीब सी त्रासदी से गुजर रहे हैं। जिस कोरोना को ले कर एक अदद वैक्सीन की आस में टकटकी लगाए थे, वहीं अब देश में 2-2 वैक्सीन को स्वीकृति मिलने और 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होने के बावजूद मन में डर समाया हुआ है। ये वैक्सीन कितनी प्रभावी होंगी, इनके साइड इफेक्ट क्या होंगे, मुफ्त मिलेंगी या इनके लिए मोटा पैसा खर्च करना पडे़गा जैसे सवालों के पुख्ता जवाब नहीं मिल पा रहे। कोरोना की वैक्सीन को ले कर विदेशों से आयी साइड इफेक्ट की खबरों से भी सबके मन में डर बैठ गया है कि कहीं ये फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान ना कर दें। आइए, जानते हैं कोरोना वैक्सीन के बारे में जरा विस्तार से :

- भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल द्वारा कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनिका के सहयोग से पुणे स्थित सीरम इंटिट्यूट द्वारा बनाया गया है, जबकि कोवैक्सीन देसी टीका है, जिसे हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिल कर बनाया है।

- कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने को ले कर खासा विवाद भी हुआ कि बगैर तीसरे ट्रायल के इसे कैसे मंजूरी दे दी गयी। इस पर भारत बायोटेक के प्रमुख ने कहा कि उन्होंने भारत में ही नहीं, 12 अन्य देशों में भी क्लीनिकल ट्रायल किए हैं। सीरम इंस्टिट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने यहां तक कह दिया कि ऑक्सफोर्ड, फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के अलावा बाकी टीके पानी की तरह हैं। इस पर खूब राजनीति भी हुई, पर अंततः दोनों कंपनियों के प्रमुखों ने साझा बयान जारी करके कहा कि हमें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को सफल बनाना है।

- कोविशील्ड की एक डोज बाजार में अनुमानतः 1000 रुपए में उपलब्ध होगी, जबकि देसी कोवैक्सीन के एक डोज की कीमत 100 रुपए के आसपास रहने की उम्मीद है।

- दोनों वैक्सीन की 2 डोज दी जाएंगी। कोविशील्ड को जहां 70.42 प्रतिशत तक कारगर माना जा रहा है, वहीं कोवैक्सीन के 60 प्रतिशत तक प्रभावी होने का अनुमान है।

- कोविशील्ड को चिंपैंजी में पाए जानेवाले सरदी के वायरस से डेवलप गया है, वहीं कोवैक्सीन को कोरोना के डेड वायरस से बनाया गया है।

- एक्सपर्ट की राय में कोरोना वैक्सीन के भी किसी दूसरी वैक्सीन जैसे ही साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे हल्का बुखार, दर्द, एलर्जी आदि। इसके इस्तेमाल से नपुंसक होने की खबर मात्र अफवाह है। एम्स के डाइरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीन की सुरक्षा को ले कर चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कोई भी वैक्सीन कई चरणाें से गुजर कर ही डेवलप होती है।

- एक व्यक्ति को किसी एक वैक्सीन की ही दोनों डोज दी जाएंगी, क्योंकि दाेनों वैक्सीन अलग-अलग तरीकों डेवलप की गयी हैं।

- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पहली डोज लेने के 21 से 28 दिनों के भीतर दूसरी डोज लेनी होगी।

अपने देश में तैयारी

केंद्र सरकार से दो वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद देशभर में वैक्सीनेशन का सफल रिहर्सल किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह महामारी के खिलाफ भारत की जंग में निर्णायक क्षण है।

- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, पहले फेज में 3 करोड़ टीके मुफ्त में दिए जा रहे हैं। इनमें से 1 करोड़ हेल्थकेअर वर्कर्स को और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को दिए जाएंगे। उसके बाद 50 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। प्राथमिकता सूची के शामिल बाकी 27 करोड़ लोगों को, जिनमें बुजुर्ग और बीमार शामिल हैं, वैक्सीन देने के तरीके के बारे में सोचा जा रहा है।

- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सबको कोरोना की वैक्सीन फ्री में दी जाएगी।

- पूरे देश में वैक्सीनेशन पर ड्राई रन चलाया गया। ड्राई रन एक तरह से वैक्सीन देने की पूरी प्रक्रिया के माॅक ड्रिल जैसा ही है। इससे असली वैक्सीनेशन के दौरान संभावित दिक्कतों का अंदाजा लगता है और उन्हें समय रहते दूर कर लेने में सुविधा होती है।

- केंद्र सरकार के मोबाइल एप Cowin के माध्यम से इन वैक्सीन की जानकारी दी जाएगी। इसी एप पर आम लोगों के लिए वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन होगा। एप से सूचना दी जाएगी कि आपको कब, कहां और कितने बजे वैक्सीन लगवाने पहुंचना है। वैक्सीन सेंटर पर जरूरी प्रक्रिया के बाद आपको टीका लगाया जाएगा। फिर 30 मिनट तब पोस्ट वैक्सीनेशन रूम में रखा जाएगा। इसके बाद आप घर जा सकते हैं। टीके की दूसरी डोज लेने का मैसेज 28 दिनों बाद आएगा।

- आप Cowin एप के अलावा कैंप में भी वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण करा पाएंगे।

- अभी 18 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन नहीं लगायी जाएगी।

बहरहाल, कोरोना को मात देने में ये वैक्सीन कामयाब हों, यही कामना है। इससे त्रस्त जनता को और क्या चाहिए।