हरे रंग से है इश्क
दंगल टीवी के शो प्रेम बंधन की अदाकारा उत्कर्षा नाईक बताती हैं, ‘‘बचपन में होलिका दहन के बाद सब साथ बैठ कर तरबूज खाते थे। मुझे हरे रंग से प्यार है। आज तो क्लब में सेलिब्रेशन होता है। मैं इसे भी भरपूर एंजॉय करती हूं। तेलपोली और पूरनपोली जरूर खाती हूं। माहौल पूरी तरह से सामान्य नहीं हुआ है इसलिए मैं गुजारिश करूंगी कि मास्क लगा कर ही लोगों को बधाइयां दें।’’
होली मतलब गुजिया
ब्यूटीफुल एक्ट्रेस सृष्टि जैन को रंग लगने से एलर्जी हो जाती है। लेकिन फिर भी होली पर सबसे पहले वे छोटी बहन को रंग लगाती हैं। मॉम-डैड को रंग लगा कर आशीष लेती हैं। वे कहती हैं, ‘‘ऑर्गेनिक कलर्स से ही होली खेलती हूं, इस साल भी ऐसा ही रहेगा। मैं तो इस दिन का इंतजार गुजिया खाने के चक्कर में ही करती हूं। मां पूछती हैं कि क्या खाना पसंद करोगी, तो मेरी पहली चॉइस होती है आमरस और गरमागरम पूरियां। अभी भी कोविड की सिचुएशन बनी हुई है, इसलिए मैं एक्स्ट्रा सेफ रहने की ही सलाह दूंगी। होली में सफेद ड्रेस पहनने का अपना मजा है। इस पर हरा, लाल, गुलाबी, पीला रंग पड़ता है, तो फेस्टिवल की ब्यूटी का अंदाजा होता है।’’
होली पर दिल की सुनें
सीरियल संतोषी मां सुनाए व्रत कथाएं से सबकी चहेती बनी रिद्धिमा तिवारी बताती हैं, ‘‘आपस में दूरी बनाए रखने के फॉर्मूले पर तो चलना ही होगा। मुंबई में मैं अपने हसबैंड के साथ रहती हूं। हम होली पूरे उत्साह से मनाने की कोशिश करते हैं। सच कहूं, तो होली का असली मजा तभी आता है, जब परिवार साथ हो। बचपन में नानी के घर में पूरा परिवार लाइन में साथ बैठ कर साथ गुजिया बनाता था। हम गुलाब जामुन भी घर में बनाते थे। होली में दिल की सुनें, दिमाग को दूर ही रखें।’’
गोल्डन रंग की यादें
सीरियल कांटेलाल एंड सन्स के एक्टर पारस अरोड़ा का कहना है कि कई पर्व सामाजिक दूरी के नियम को फॉलो करते हुए मनाए गए। आशा है कि होली इस सिलसिले का आखिरी त्योहार हो और फिर सब नॉर्मल हो जाए। इसे एहतियात बरतते हुए मनाएं। बचपन में चेहरे पर गोल्डन रंग लगा कर और दो-तीन पिचकारियों से लैस हो कर मैं बाहर निकलता था। इस बार मैं घर में रहूंगा, सबसे पहले मां को रंग लगाऊंगा।
होलिका दहन है खास
सोनी सब के सीरियल हीरोः गायब मोड ऑन की एक्ट्रेस येशा रुघानी मानती हैं कि इस बार सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए घर में होली मनानी है। वे कहती हैं, ‘‘हमारे राजकोट में होलिका दहन चौराहे पर होता है। इसकी आग में हीलिंग पावर होती है। इस दिन शक्कर के बताशे खाने को मिलते हैं। केसुरू से रंग खेलने का अपना मजा है। पिचकारी से रंग डालना पसंद है।’’
हप्पू की होली के क्या कहने
एण्ड टीवी के सीरियल हप्पू की उलटन-पलटन के दारोगा हप्पू यानी लीड एक्टर योगेश त्रिपाठी को अपने घर यानी उत्तर प्रदेश की होली आज भी बहुत याद आती है। अगर मथुरा की बात करें, तो उसकी मशहूर लट्ठमार होली इनको बहुत ही मजेदार लगती है। वृंदावन की फूलों की होली की अपनी ही बात है। पूरा समां फूलों की खुशबू से महक जाता है। लोग कृष्ण-राधा बन कर मस्ती-मजाक करते हैं। योगेश कहते हैं, ‘‘मुंबई में यूपी की मस्ती हमेशा मिस करता हूं। हालांकि मुंबई की होली पार्टी का अपना ही मजा है। इस बार ज्यादातर लोग सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए एक-दूसरे के घर जाने से बचेंगे। जब तक वैक्सीन नहीं लग जाती खतरा तब तक बना ही रहेगा। इसलिए परिवार के साथ घर में ही एंजॉय करूंगा। इस बार भी गुजिया, बेसन के लड्डू, मठरी बनेंगे। मेरे बेटे दक्ष को रंग लगाने और लगवाने दोनों में मजा आता है। बचपन बहुत याद आता है, जब सारे दोस्तों के बीच इस बात का कॉम्पीटिशन होता था कि कौन किसको कितना रंग लगाएगा। वैसे इस दिन मन करता है कि भरपूर होली खेलने के बाद मावे की बरफी खाने को मिल जाए। बैकग्राउंड में गाना रंग बरसे... बज रहा हो और एक प्लेट में गरमागरम पकौड़े और गुजिया मिल जाए, तभी होली का असल रंग जमता है।