Thursday 24 September 2020 09:58 PM IST : By Gopal Sinha

टॉफी इंश्योरेंस यानी अापकी साइकिल, चश्मे जैसी चीजों का भी होता है बीमा

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रोजमर्रा की एक्टिविटीज से होनेवाले नुकसान की भरपाई करने के लिए ये इंश्योरेंस पॉलिसीज खरीदिए—
टॉफी इंश्योरेंस ! नाम वाकई इंटरेस्टिंग है। निशांत कहते हैं कि टॉफी एक ऐसा शब्द है, जिससे हर कोई वाकिफ है। फिर ये इंश्योरेंस भी टॉफी जैसे छोटे-छोटे हैं। 400-500 रुपए में अगर सालभर का सुकून मिलता है, तो क्या बुरा है। टॉफी इंश्योरेंस के माध्यम से अाप अपनी साइकिल, चश्मे जैसी चीजों का भी बीमा मामूली प्रीमियम से करा सकते हैं।

लोग अकसर इंश्योरेंस को झंझटभरा काम मानते हैं। लेकिन इंश्योरेंस वाकई काम की चीज होती है। टॉफी इंश्योरेंस कंपनी के को-फाउंडर निशांत जैन कहते हैं, ‘‘अाप चाहे बीमार पड़ें, दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं या कोई कीमती चीज खो जाए, तो इंश्योरेंस होने पर अापको पैसों की चिंता नहीं करनी पड़ती। हमारी कंपनी अापको इंश्योरेंस से जुड़ी अौपचारिकताअों से अाजादी भी देती है। ना कोई एजेंट का चक्कर, ना कोई कागजी कार्रवाई, सब कुछ अॉनलाइन। जब हमने सालभर पहले यह प्रोजेक्ट शुरू किया था, तो हमारा पहला प्रोडक्ट था साइकिल इंश्योरेंस, क्याेंकि इसकी चोरी बहुत होती है, टूटफूट भी होती है। हम साइकिल की कीमत का 2.5 से 3 प्रतिशत प्रीमियम ले कर साइकिल खरीदते समय ही बीमा करा देते हैं। अाज 1400 डीलर हमारे साथ जुड़े हैं अौर करीब 25000 पॉलिसीज हो चुकी हैं।’’
रोहन अौर िनशांत बड़ी-बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए कंसल्टेंट का काम करते थे। ये कंपनियां कंज्यूमर को अकसर ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसीज पेश करते हैं, जिनमें बहुत सी ऐसी चीजें कवर होती हैं, जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती। ज्यादा कवरेज के कारण इन पॉलिसीज का प्रीमियम भी बहुत ज्यादा होता है। टॉफी इंश्योरेंस ने बड़ी पॉलिसीज में से अाम व्यक्ति के लिए जरूरी सर्विस अलग कीं, जिससे प्रीमियम काफी कम हो गया।  
कैसे होता है इंश्योरेंस ः अाज टॉफी इंश्योरेंस में रोजाना 500 से अधिक बीमा पॉलिसीज करायी जा रही हैं। टॉफी इंश्योरेंस से इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए अापको किसी एजेंट की जरूरत नहीं है। अाप कंपनी की वेबसाइट पर जाएं अौर महज 90 सेकेंड में अापकी पॉलिसी अापके ईमेल में होगी।
किन कंपनियों से होता है इंश्योरेंस ः दिग्गज कंपनियां जैसे अपोलो म्यूनिख, एचडीएफसी इरगो, अाईसीअाईसीअाई प्रूडेंसियल, रेलिगेयर, टाटा एअाईजी की पॉलिसीज अाप टॉफी इंश्योरेंस से ले सकते हैं। हीरो साइकिल अौर वाइल्डक्राफ्ट जैसी बैग व अन्य एडवेंचर सामान बनानेवाली कंपनियां प्रोडक्ट अाधारित इंश्योरेंस अॉफर करती हैं।
कमाई बचाअो योजना ः निशांत बताते हैं कि दिहाड़ी पर काम करनेवाले मजदूर या घर में काम करनेवाली मेड खुदा ना खास्ता बीमार पड़ कर अस्पताल में भर्ती हो जाए, तो कमाई का नुकसान हो होता है। टॉफी इंश्योरेंस कंपनी ऐसे रोज कमाने रोज खानेवाले लोगों के लिए इको फाइनेंस के साथ मिल कर कमाई बचाअो योजना  ले कर अायी है। इसमें 450 रुपए सालाना दे कर कमाई का बीमा कराया जा सकता है।           
छोटा प्रीमियम बड़ा फायदा
डेंगू इंश्योरेंस   
प्रीमियम ः सालाना 682 रुपए
डेंगू से संबंधित सारी चीजें कवर होती हैं। एक लाख रुपए तक हॉस्पिटेलाइजेशन, टेस्ट व दवाअों का बीमा।
डेली कम्यूटर इंश्योरेंस
प्रीमियम ः सालाना 430 रुपए
रोजाना के सफर के दौरान होनेवाली दुर्घटनाअों कर बीमा। 95,000 रुपए तक हॉस्पिटेलाइजेशन, टेस्ट व दवाअों का बीमा। डेथ या पर्मानेंट डिसएबिलिटी पर 1 लाख रुपए नॉमिनी को।
फिटनेस इंश्योरेंस
प्रीमियम ः सालाना 430 रुपए
फिटनेस से जुड़ी गतिविधियों में होनेवाली दुर्घटनाअों का बीमा। 95,000 रुपए तक हॉस्पिटेलाइजेशन, टेस्ट व दवाअों का बीमा। डेथ या पर्मानेंट डिसएबिलिटी पर 1 लाख रुपए नॉमिनी को।
कमाई बचाअो योजना
प्रीमियम ः सालाना  450 रुपए
दिहाड़ी मजदूरों, मेड या ऐसे काम करनेवालों के लिए, जो काम पर ना जाएं, तो उनके पैसे कट जाते हैं। सरकारी अस्पताल में भर्ती होने पर सालभर में 30 दिनों के लिए रोज 1000 रुपए बिना किसी पूछताछ के।