अायुर्वेद में कुल्ले से भी कई रोगों का इलाज िकया जा सकता है। ये कुल्ले भी कई तरह के होते हैं। अायुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार यह ऐसा तरीका है, िजसमें िबना िकसी दवा के जुकाम, खांसी, सांस के रोग, गले के रोग, मुंह के छाले अौर गरदन के सर्वाइकल जैसे रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। यह शरीर को िडटॉक्सीफाई करता है।
तेल का कुल्ला ः अायुर्वेद में मुंह में तेल भर कर कुल्ला करने को गंडूष कर्म कहते हैं। अगर इसे मुंह में भर कर चलाया जाए, तो इसे कबलम कहते हैं। सुबह ब्रश करने के बाद तेल का कुल्ला करने से कुछ बीमािरयों में महज 2 िदनों में ही फायदा होता है, तो कुछ में सालभर का समय लग जाता है।
➤ नािरयल या तिल के तेल को मुंह के अंदर 5 मिनट के िलए रखें। गरदन को पीछे की अोर ना झुकाएं, वरना यह मुंह के अंदर चला जाएगा। पांच मिनट के बाद तेल को थूक के साथ बाहर फेंक दें। अब दांतों को हल्के हाथों से ब्रश कर लें। साथ ही जीभ भी साफ करें।
➤ तेल के कुल्ले से दांत साफ व मजबूत होते हैं। मसूड़ों अौर दांत से जुड़ी बीमािरयों में इससे तत्काल फायदा होता है। यह एलर्जी दूर करने में भी कारगर है। उच्च रक्तचाप, माइग्रेन अौर इनसोम्निया में भी इससे लाभ होता है।
➤ जिन्हें मुंह खोलने में िदक्कत हो, चबानेवाली मसल्स में दर्द हो, पाचन से जुड़ी समस्या हो, कॉन्सटिपेशन हो, मुंह में कोई स्वाद ना अा रहा हो, उन सबमें सुधार होता है। इससे चेहरे पर िनखार अाता है अौर झुर्रियां दूर होती हैं।
पानी का कुल्ला ः मुंह में पानी का कुल्ला 3 िमनट तक भर कर रखें। इससे गले के रोग, जुकाम, खांसी, सांस के रोग, गरदन के दर्द से छुटकारा िमलता है। मुंह धोते समय व िदन में भी मुंह में पानी भर कर रखें, इससे मुंह साफ होता है।
➤ मुंह में पानी का कुल्ला भर कर अांखों में पानी के छींटे मारें। मुंह का पानी एक िमनट बाद िनकाल कर िफर से भर लें। मुंह का पानी गरम ना हो, इसलिए बार-बार नया पानी भरते रहें।
➤ गले के रोग, सरदी-जुकाम या सांस के रोग होने पर थोड़े गुनगुने पानी में सेंधा नमक िमला कर कुल्ले करने चािहए। चाहें, तो इसमें सेंधा नमक के बजाय चुटकीभर सुहागा भी डाल सकते हैं। इससे गले, कफ व ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में फायदा होता है।
➤ मुंह में छाले होने पर ित्रफला या मुलैठी के पाउडर को पानी में डाल कर उबालें अौर ठंडा करके कुल्ला करें।
➤ मुंह में छाले हों, तो पानी में शहद मिला कर कुल्ला करें।
➤ मुंह खोलने में कठिनाई हो, तो पानी में ितल का पेस्ट िमला कर उबाल कर, कुल्ला करें।
दूध का कुल्ला ः मुंह या गले में छाले हो जाएं, तो सुबह ताजे, कच्चे दूध को मुंह में कुछ देर रखें। इस दूध को बाहर नहीं फेंकना। इसको िजतनी देर तक मुंह में रख सकते हैं, रखें। कुछ देर बाद बूंद-बंूद करके यह गले से नीचे उतरने लगेगा।
➤ इसे िदन में 2-3 बार करें। मुंह, जीभ अौर गले के छालों में अाराम अाना शुरू हो जाएगा।