Tuesday 22 March 2022 11:24 AM IST : By Nishtha gandhi

नॉन वेजिटेरियन के लिए क्या हैं हेल्दी ऑप्शन

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पहले कोरोना महामारी और फिर बर्ड फ्लू ने बहुत से नॉन वेजिटेरियन लोगों को वेजिटेरियन बना दिया है। कई लोग डर के मारे अभी भी चिकन-मटन नहीं खा रहे हैं। न्यूट्रिशनिस्ट दीक्षा छाबड़ा के अनुसार, पिछले दिनों मुझे कई महिलाओं ने बताया कि कैसे उन्हें नाॅनवेज खाते हुए डर लगता है, लेकिन फिर भी यह आशंका बनी रहती है कि सिर्फ वेजिटेरियन खाने से उन्हें पूरा पोषण मिल पाएगा कि नहीं। ज्यादातर महिलाएं अपनी और परिवार की सेहत को ले कर डरी हुई हैं। अब वे मुझसे नाॅनवेज के बजाय वेजिटेरियन विकल्प पूछ रही हैं। इनमें से कई दही और पनीर भी घर में ही बनाना पसंद कर रही हैं। मटन-चिकन को अगर अच्छी तरह से धो कर पकाया जाए, तो उससे कोई नुकसान नहीं होता। फिर भी जो लोग पूरी तरह से वेजिटेरियन डाइट लेना चाहते हैं, तो उन्हें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

- वेजिटेरियन डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर रोजाना शामिल करें। पनीर और चीज में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। रोजाना एक समय पनीर जरूर खाएं। इसे सब्जी, सलाद किसी भी तरह से खाया जाता है। उसी तरह से दही भी रोज खाना पोषण के लिहाज से तो अच्छा है ही, यह प्रोबायोटिक होने के कारण आपका डाइजेशन भी अच्छा बनाता है।

- अंडा खाने में किसी भी तरह का नुकसान नहीं है, क्योंकि वह किसी भी तरह से ह्यूमन काॅन्टैक्ट में नहीं आता। इसे हार्ड बॉइल्ड एग, आॅमलेट या भुर्जी बना कर खाया जा सकता है।

- दालों में खूब प्रोटीन पाया जाता है। इनमें भी राजमा, छोले व चने प्रोटीन से भरपूर होते हैं। यह सोचना भी गलत है कि जो लोग वेटलाॅस करना चाहते हैं उन्हें दालें नहीं खानी चाहिए। इन्हें आप किसी भी समय खा सकते हैं। इनमें बटर, घी, क्रीम का तड़का पचाने में मुश्किल बनाता है। घर में बनी दाल खाने में कोई बुराई नहीं है।

- प्रोटीन ना सिर्फ शरीर की ग्रोथ के लिए जरूरी है, बल्कि वजन बढ़ाने और घटाने, दोनों ही स्थितियों में जरूरी है। वे लोग जो वेटलाॅस करना चाहते हैं, उनकी डाइट में प्रोटीन का खास रोल है। हाई प्रोटीन डाइट लेने से जल्दी भूख नहीं लगती और मसल्स स्ट्रेंथ भी बढ़ती है।

प्रोटीन सप्लीमेंट्स

- आजकल बाजार में प्रोटीन सप्लीमेंट्स के बहुत अच्छे ऑप्शन मौजूद हैं। रोजाना आप इन्हें अपनी डाइट में शामिल करके अपनी प्रोटीन संबंधी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। अब इनमें बहुत अच्छे फ्लेवर्स, जैसे चॉकलेट, वनिला, स्ट्रॉबेरी भी आते हैं और इनमें मौजूद शुगर भी हानिकारक नहीं होती। ये सप्लीमेंट्स दूध के प्रोटीन से ही बनाए जाते हैं। सप्लीमेंट किसी अच्छे ब्रांड का ही लेना चाहिए। इन सप्लीमेंट्स के एक स्कूप या चम्मच से आपको एक बार में 23-25 ग्राम प्रोटीन मिलता है। जबकि एक अंडे से आपको सिर्फ 7 ग्राम प्रोटीन मिलता है। आमतौर पर एक वयस्क जो रोजाना 35-40 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करता है, उसे अपने शरीर के वजन के हिसाब से प्रोटीन की जरूत होती है। जैसे कि अगर आपका वजन 60 किलो है, तो आपको 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होगी। प्रेगनेंसी में आपको डाॅक्टर की सलाह के बिना इन्हें नहीं लेना चाहिए।

- सप्लीमेंट्स को कोई भी ले सकता है, लेकिन बच्चों को इन्हें देने से बचना चाहिए। बच्चों के लिए अलग सप्लीमेंट आते हैं। लेकिन हमारे यहां ये उतनी आसानी से नहीं मिल पाते। नेचुरल डाइट से ही बच्चों के पोषण की जरूरत पूरी करनी चाहिए। उनकी डाइट में रोटी, चावल, हरी सब्जियां, दालें, फल जरूर शामिल करें।

जब नॉनवेज के बिना रहा ना जाए

- मीट या चिकन खाना ही हो, तो कोशिश करें कि फ्रोजन के बजाय ताजा खरीदें और घर पर सफाई से पकाएं। हर दुकान पर साफ-सफाई और मीट की क्वॉलिटी का उतना ध्यान नहीं रखा जाता है। अगर आसपास कोई अच्छी दुकान नहीं है, तभी फ्रोजन मीट खरीदें।

- फ्रोजन मीट किस तरह के प्रोसेस से गुजरा है और उसमें कौन से प्रिजर्वेटिव्स शामिल हैं, इसकी जानकारी जरूर लें। इसके लिए पैकेट के लेबल को ध्यान से पढ़ें। फ्रोजन मीट जैसे सलामी, साॅसेज, कबाब, फिंगर्स, विंग्स, टिक्की, नगेट्स, पैटीज आदि में सोया मिलाया जाता है। जब भी पैकेट खरीदें, तो उसके इंग्रीडीएंट्स देखें। इसमें केमिकल एजेंट्स, प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा लिखी होती है। ये जितने कम होंगे, उतना अच्छा होगा।

- फ्रोजन मीट का एक फायदा यह है कि चूंकि इसे मशीनों की मदद से प्रोसेस और पैक किया जाता है, तो इसमें हाइजीन का विशेष ध्यान रखा जाता है। अगर इसमें केमिकल एजेंट्स, प्रिजर्वेटिव्स नहीं हैं, तो आप फ्रोजन मीट ले सकते हैं।

स्वाद बढ़ाने के हेल्दी ऑप्शन

वे लोग जो बहुत ज्यादा नाॅनवेज पसंद करते हैं, वे कुछ अच्छा खाने की क्रेविंग होने पर हाई फैट चीजें खा लेते हैं, लेकिन न्यूट्रिशनिस्ट दीक्षा छाबड़ा के अनुसार आप रूटीन डिशेज के भी हेल्दी ऑप्शन बना सकते हैं। आजकल इंटरनेट पर कई रेसिपीज मौजूद हैं, ऐसे कई एप्स हैं, जिनसे आप खाने के हेल्दी ऑप्शन ढूंढ़ सकती हैं। आजकल इंटरनेट पर कई रेसिपीज मौजूद हैं, ऐसे कई एप्स हैं, जिनसे आप खाने के हेल्दी ऑप्शन ढूंढ़ सकती हैं।

अगर आप वेटलाॅस करना चाहती हैं, तो भी आप खाना छोड़ने के बजाय हेल्दी चीजें खाएं। इससे आपको रोजमर्रा के काम करने के लिए एनर्जी और ताकत भी मिलेगी। हाउसवाइव्स को किसी भी हाल में खाना नहीं छोड़ना चाहिए, वरना घर के कामकाज और बच्चों की देखभाल के लिए शरीर में एनर्जी नहीं रहेगी।

- डोसा, इडली आपको पसंद है, तो दाल-चावल के डोसे के बजाय ओट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। घर में ओट्स का आटा बना कर रखें और इनसे डोसा और इडली जैसी चीजें बनाएं।

- गेहूं के आटे के बजाय मल्टीग्रेन आटे की रोटी पोषण देने के साथ आपका पेट देर तक भरा रखेगी। इसमें फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होती है। कुछ लोग बाजरा, मक्का, ज्वार जैसे अनाज गरमी के मौसम में नहीं खाना चाहते, लेकिन गरमियों में सामान्य आटे में इनकी मात्रा कम कर दें, तो इनसे नुकसान नहीं होगा। अगर आपको इससे एक्ने हो रहे हैं, तो फिर इन्हें खाना बंद कर सकते हैं।

- केक बनाना हो, तो उसमें चीनी के बजाय स्टीविया या शुगर फ्री डाल सकते हैं। स्टीविया प्लांट बेस्ड स्वीटनर होता है, जो बच्चों के लिए भी पूरी तरह से सेफ है।

- जिन लोगों को मीठा खाने की बहुत आदत होती है, वे आम मिठाइयों के बजाय फ्रूट स्मूदीज बना सकते हैं। इनमें चीनी के बजाय शहद डाला जा सकता है। इसी तरह केला, आम, स्ट्रॉबेरी, आड़ू जैसे फलों की स्मूदीज बना कर उनकी आइसक्रीम भी बनायी जा सकती है।